मुंबई । हिन्दुस्तान की आवाज़ | मोहम्मद मुकीम शेख
गाइये गणपति जगबंदन,शंकर सुअन भवानी के नंदन।
गोस्वामी तुलसीदास कृत रामायण की इस चौपाई से उन्होंने राम कथा का शुभारंभ किया था। 23 दिसम्बर की शाम को 4 बजे से नालासोपारा (पूर्व)में स्थित वसंत नगरी मैदान से।उनके ठीक दांई तरफ संगीत वाद्य यंत्रों के साथ बैठे साजिंदों ने उनकी मधुर वाणी को सहारा क्या दिया।पांडाल में उपस्थित राम कथा सुनने को आतुर हजारों महिला और पुरुषों ने गाइये गणपति जगबंदन उनकी सुर में अपना सुर कुछ इस कदर मिलाया जैसे की दुध का विक्रेता अपने मुनाफे के लिये दुध में पानी मिलाता है।
और नालासोपारा की धारती पर जो कुछ भी हुआ वह इससे पहले ना तो कभी हुआ था और नाही तो आगे होने वाला है।पांडाल के चारों तरफ फूलों की जगह राम नाम की बरसात होने लगी।राम भक्तों के मुख मंडल पर एक अलग किस्म का तेज दिखाई देने लगा।और फिर जय श्री राम के जयकारा से पूरा नाला सोपारा की धारती राम के नाम से पावन हो गई।कहा तो यह जाता है कि जहां भी राम कथा होती है वहां राम भक्त हनुमान हाजिर हो जाते है।लेकिन यहाँ कुछ अलग सा हो गया।जिस तरह पवन पुत्र हनुमान पाताल लोक से अहिरावण की कैद से राम और लखन को छुड़ाकर ले आये थे।ठीक उसी तरह से राम भक्त हनुमान अपने बलशाली कंधों पर केवल दो नही बल्कि (तीनों) राम सीता और लखन को लाकर कथा वाचक जगत गुरु स्वामी श्री रामभद्राचार्य के सन्मुख विशाल मंच धर दिया।उधर मंच के तीनों तरफ बैठे हजारों की संख्या से उपर राम भक्त राम कथा सुनने में मगन हो रहे गये।
फोटो:-कपिलदेव खरवार
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