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मुंबई । हिन्दुस्तान की आवाज । मोहम्मद मुकीम शेख

मुंबई और महाराष्ट्र में अत्यंत तेजी से लोकप्रिय हो रहा यूट्यूब चैनल डीआरवी न्यूज़ ने इंदिरा युग के अत्यंत सफल राजनेता साहित्यकार और पत्रकार डॉ राममनोहर त्रिपाठी को भारत सरकार से मरणोपरांत पद्मश्री से सम्मानित कराने के लिये एक आंदोलन चलाया है।  


इस संदर्भ में डीआरवी न्यूज़ के विशेष संवाददाता और मुंबई के वरिष्ठ पत्रकार कपिलदेव खरवार के विशेष आग्रह पर रिपब्लिकन पार्टी ऑफ इंडिया आठवले के महाराष्ट्र उपाध्यक्ष विलास तायडे राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी के राष्ट्रीय समन्वयक पारसनाथ तिवारी तथा वरिष्ठ पत्रकार और साहित्यकार अभिलाष अवस्थी ने डीआरवी स्टुडियो मनराज हाईट्स कुर्ला (पश्चिम) में आकर सय्यद सलमान से डॉ त्रिपाठी और उनके लिए पद्मश्री का सम्मान पर चर्चा के दौरान तीनों ने अपने अपने मन की बात अपने अपने अंदाज में कहा । 


और हां यह तो लिखना ही भूल गया कि यह वही सय्यद सलमान हैं।जिन्होंने एक जमाने में सहारा टीवी चैनल को अपनी वाणी की कुशलता से जोगेश्वरी की धरती से उठाकर सातवें आसमान पर स्थापित कर दिया था।बकौल राजू श्रीवास्तव के उठा टीवी लिटा टीवी बैठा टीवी थू टीवी चैनलों के दौर में डीआरवी को किस उंचाई पर स्थापित करने वाले हैं सय्यद सलमान यह तो आने वाला वक्त ही बता पायेगा।फिलहाल हम बात करते हैं डॉ राममनोहर त्रिपाठी और पद्मश्री पर।

सर्वप्रथम सलमान ने डॉ त्रिपाठी को उनकी 20 वीं पुण्यतिथि पर डीआरवी की तरफ से उन्हें श्रद्धांजलि अर्पित कर उनकी पावन स्मृति का अभिवादन करते हुए पारसनाथ तिवारी को आमंत्रित किया अपनी बात रखने के लिये।उन्होंने डॉ त्रिपाठी के साथ गुजारे अपने एक एक पल का जिक्र करते हुए कहा कि बाबूजी ने जब कांग्रेस छोड़कर राकापा में जाने का निर्णय लिया।तब मेरा परिचय शरद पवार से कराया था।मैं उनको अपना राजनैतिक गुरु मानता हूँ।

मुंबई जैसे महानगर में नगर सेवक और मंत्री बनने वाले हमारे बाबूजी ने अपने बेटे अनुराग त्रिपाठी के लिये एक अदद अपना निजी घर नहीं बना पाये ऐसे महान व्यक्ति को भारत सरकार पद्मश्री के सम्मान से सम्मानित करे।श्रीतिवारी ने इस सम्बंध में राकापा के सभी सांसदों और अपने नेता शरद पवार की तरफ से प्रधान मंत्री राष्ट्रपति और गृह मंत्री को पत्र लिखने का डीआरवी के दर्शको को विश्वास दिलाया।उन्होंने सलमान की मांग पर,आशीष का मोल होता बहुत है सुनाकर डॉ राममनोहर त्रिपाठी की याद ताजा कर दिया।

सलमान अब विलास तायडे के पास लौट आये।तायडे भी तो अपने दिल का गुब्बार निकालने के लिये तैयार ही बैठे थे।सो उन्होंने महाराष्ट्र के महान संत संत गाडगे महाराज के छात्रावास में शिक्षा प्राप्त करते समय डॉ त्रिपाठी से अपनी मुलाकात से लेकर युवा अवस्था में उनके द्वारा जागृति नगर के लोगों को लाईट पानी और राशन कार्ड उपलब्ध कराने की बात कह डाली।तथागत भगवान गौतम बुद्ध के अनमोल वचन जन्म होना भाग्य की बात है।मृत्यु होना समय की बात है।और मृत्यु के बाद भी लोगों के दिलों में जिन्दा रहना कर्मों की बात है।उन्होंने बुद्ध के इस बचन को डॉ राममनोहर त्रिपाठी से जोडते हुए कहा कि आज हम उनके अच्छे कर्मों के कारण उनके स्वर्गवास के 20 वर्ष बाद भी उनको पद्मश्री का सम्मान मिले इसके लिये आपस में चर्चा कर रहे हैं।मैं एक सवाल पारसनाथ तिवारी को पूछना चाहता हूँ कि शरद पवार देश के एक बड़े नेता हैं।आज तक उनको हमारे बाबूजी की याद कैसे नहीं आई।हमारी पार्टी के राष्ट्रीय उपाध्यक्ष कृष्णमिलन शुक्ला ने सबसे पहले उनको पद्मश्री से सम्मानित करने की मांग केन्द्र सरकार से किया है।सलमान ने बिच में ही बात काटते हुए सवाल यह नही है कि किसने और कब मांग किया।अब तो यह सवाल उठता है कि किस तरह हम सभी के बाबूजी को अगले वर्ष 26 जनवरी 2023 में पद्मश्री का सम्मान मिले इसपर हमको अधिक ध्यान देना होगा।फिर उन्होंने समय का हवाला देकर बड़े ही अदब और एहतराम से अपने बड़े भाई समान अभिलाष अवस्थी को आमंत्रित किया।शायद मेरे गीत किसी ने गाये है,इसी लिए बेमौसम बादल छाये हैं।श्री अवस्थी ने डीआरवी से बातचीत में कहा कि कानपुर से मुंबई आने के पहले मैं उनके गीतों के माध्यम उनको जान चुका था।मुंबई आने के बाद मैंने उनको जितना कुछ भी जाना है उसके आधार पर यह बात कह रहा हूँ।अगर डॉ राममनोहर त्रिपाठी को पद्मश्री मिलता है तो इससे पद्मश्री का सम्मान बढ़ जाएगा।उनका व्यक्तित्व और जीवन इस पुरस्कार से कहीं ज्यादा उंचा था।उन्होंने इस अभियान के लिये डीआरवी की दिल खोलकर सराहना की।और अपनी पुस्तक पीपल पर घोंसले नहीं होते की एक प्रति सय्यद सलमान को सप्रेम भेंट किया।इस मौके पर आर टी आई कार्यकर्ता अनिल गलगली कपिलदेव खरवर भी मौजूद थे।

लगे हाथों सलमान ने अपने तीनों मेहमानों को स्टुडियो में आने के लिये उनको दिल से आभार व्यक्त किया।

फोटो कपिलदेव खरवार

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