मुंबई । हिन्दुस्तान की आवाज । मोहम्मद मुकीम शेख
मैं एक उत्तर भारतीय समाज का आदमी हूँ।उपर से पत्रकार भी।इस नाते मेरे अंदर उत्तर भारतीय समाज और उत्तर भारतीय संघ के कार्यों के सम्बंध में अधिक कुछ जानने की ललक शुरु से ही रही है।
यह मनोगत मुंबई के वरिष्ठ पत्रकार अनुराग राममनोहर त्रिपाठी ने व्यक्त किया।अवसर था उत्तर भारतीय संघ के अध्यक्ष और भाजपा के विधायक तथा मुंबई का हिन्दी दैनिक अखबार हमारा महानगर के संरक्षक व बॉम्बे इंटेलिजेंस सेक्युरिटी के संस्थापक आर एन सिंह के आकस्मिक निधन पर दादर पूर्व भाजपा जनसंपर्क कार्यालय में उत्तर भारतीय मोर्चा और अग्निशिला तथा उत्तर संगम सामाजिक संस्था की तरफ से सामूहिक रूप से आयोजित श्रद्धांजलि सभा का।
प्रिंट और इलेक्ट्रॉनिक मीडिया से बातचीत करते हुए अनुराग त्रिपाठी ने यह भी कहा कि हमने जब भी बान्द्रा पूर्व टिचर्स कालोनी स्थित उत्तर भारतीय संघ की इमारत के निर्माण बारे में जानना चाहा तो मालूम यह होता था कि,अभी रेती आया है और ईटें आने वाली है।ऐसी खबर मुझे वर्षों तक मिलती रही और इमारत के निर्माण की दिशा में कोई ठोस कदम नहीं उठाया गया।
कालान्तर में स्व आर एन सिंह को संघ का अध्यक्ष बनाया गया।उन्होंने अपने पद की गरिमा और समाज के प्रति समर्पण की भावना से काम करना शुरु किया।फिर उनके संघर्ष का नतीजा सामाज के लोगों के सामने धीरे धीरे आने लगा और इमारत की दिवार पर ईंट पर ईंट चढता गया।देखते ही देखते उत्तर भारतीय भवन 7 मंजिल का रुप ले लिया।जिसमें आज हज़ारों विद्यार्थी कम शुल्क में शिक्षा प्राप्त कर रहे हैं।मुंबई में उत्तर भारत से आने वाले गरीब और जरुरतमंद बिमार लोग वहाँ रह कर अपना उपचार करवा सकते हैं।उन्होंने अपने हयात में ही ऐसी व्यवस्था कर दिया है।आज हम जो भी देख रहे हैं।वह सब हवा में नहीं हुआ है।इसके लिये बाबू आर एन सिंह ने ना तो रात देखी ना तो दिन देखा उनके भीतर समाज के लिये कुछ कर गुजरने का जज्बा था।सो उन्होंने संघ के लिये अपने आप को झोंक दिया तन से मन से और धन से तब कहीं जा कर आज हम सब उनका किया काम देख रहे हैं।वो गोरखपुर से मुंबई में आ कर अपने लिये कम और उत्तर भारतीय समाज के लिए कुछ ज्यादा ही कर गये।उन्होंने अपने जीवन में कभी किसी भी व्यक्ति अथवा किसी भी नेता के बारे में कभी भी कटु शब्द का प्रयोग ही नहीं किया।यही उनके मिलनसार व्यक्तित्व की खासियत रही।
उन्होंने अपने जीवन काल में समाज सेवा का जो दीप जला कर हम सभी को एक नई रोशनी और उर्जा प्रदान किया है।उस दीपक की रोशनी को कायम रखने के लिये उसमें समय समय पर घी और तेल डालने की जिम्मेदारी उत्तर भारतीय समाज की है।और हम सभी को इस जिम्मेदारी का हर हाल में निर्वहन करना होगा। अपने समाज के सच्चे और सबसे प्रिय लाड़ले अगुआ स्व बाबू आर एन सिंह के प्रति यही उचित श्रद्धांजलि होगी।और मुझे इस बात का भरोसा है।उनके बाकी बचे कामों को पुरा करने का काम उनके चिरंजीव बाबू संतोष सिंह करेगें।
आरम्भ में उन्होनें स्व आर एन सिंह की तस्वीर पर पुष्प अर्पित किया और अति विनम्र भाव से उनकी पवित्र स्मृति का अभिवादन करते हुए मुंबई के समस्त पत्रकार समाज और त्रिपाठी परिवार की तरफ से उनको भरे मन से श्रद्धांजलि दी।
फोटो कपिलदेव खरवार
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