Ads (728x90)


मुंबई । हिन्दुस्तान की आवाज । विशेष संवाददाता 

डॉन को पकड़ना मुश्किल ही नहीं नामुमकिन भी है।सदी के महानायक कहे जाने वाले अमिताभ बच्चन की सुपर हिट फिल्म डॉन का सुपरडूपर हिट संवाद को भला कौन फिल्म देखने वाला सिनेमा प्रेमी भूल सकता है।और बदकिस्मती से जिसने यह फिल्म नहीं देखी होगी अथवा देखने के बाद भी यह संवाद भूल चुके होंगे मैं उन्हें इस खबर के माध्यम से याद दिला देना चाहता हूँ। 


यह संवाद चेंबर घाटला खारदेव नगर प्रभाग विभाग 153 शिवसेना के कार्यसम्राट नगर सेवक अनिल पाटणकर के उपर सटीक रुप से बैठता है।नगर सेवक अनिल पाटणकर को हराना मुश्किल ही नहीं नामुमकिन भी है।यह बात मैं नहीं बल्कि उसी विभाग में रहने वाले एक पुलिस कर्मी ने कहा था।एक गैर शिवसेना सैनिक का जन्मदिन मनाया जा रहा था।जहाँ सौभाग्य से मैं भी आमंत्रित था।तुम जियो हज़ारों साल साल के दिन हो पचास हज़ार।हैप्पी बर्थड़े टूयू सभी ने एक साथ मिलकर गाये और केक भी खाए।फिर आगामी साल में होने वाला मनपा चुनाव की बात चल पडी।अपनी जानकारी और बुध्दि के अनुसार सभी ने अपने अपने मत व्यक्त किये।गत दिनों किस उम्मेदवार को कितना मत मिला इसका भी जिक्र आया।यदि कहीं पर भी 2022 में  नगर सेवक के चुनाव के बारे में रणनीत बने और स्थानिक नगर सेवक की बात ना हो तो चर्चा अधुरी कही जायेगी।सो नगर सेवक अनिल पाटणकर के वर्तमान और भविष्य के बारे में राजनीतिक भविष्य वाणी होने लगी।

उस हवलदार ने महज चार लाईनों में ही राजनीतिक डिबेट को समाप्त कर दिया।यह कह कर कि कोरोना के संकट काल में शायद ही अनिल पाटणकर ने कभी रात में 2 घंटे की भी नींद लिया होगा।अपनी धर्मपत्नी समाज सेविका मीनाक्षी पाटणकर के साथ रातदिन लोगों की सेवा में लगे रहे।गरीब और जरुरतमंद लोगों को मुफ्त राशन और मास्क सेनिटाईजर का बड़े पैमाने पर वितरण किया।आज कोरोना का टिका लगाने का काम कई जगह शिविर लगाकर कर रहे हैं।लोगों के इलाज के लिय तो हर दिन कहीं ना कहीं मेडिकल केम्प लगा ही रहता है।उन्होंने अपने विभाग के सभी रोड और फुटपाथ को चमका दिया है।गणपति विसर्जन का तालाब हो अथवा कोई प्राचीन मंदिर हो सब के सब अनिल पाटणकर की बदौलत गुलजार हो गया है।गणपति मंडल हो की दुर्गा पूजा सभी मौकों पर सपत्नी लोगों को भेंट देने वाले अनिल पाटणकर इन दिनों सुशिक्षित बेरोजगारों के लिये रोजगार उपलब्ध कराने हेतू  प्रशिक्षण शिविर आयोजित किया है।खारदेव नगर घाटला में अनिल पाटणकर नहीं बल्कि उनका काम बोलता है।उनका नाम लोगों के केवल जुबान पर ही नहीं दिलों में रहता है।अब तो वार्ड नंबर 153 शिवसेना और अनिल पाटणकर का बाले किल्ला बन गया है।उसको भेदना किसी के लिये भी मुश्किल ही नहीं नामुमकिन भी है।

फोटो--कपिलदेव खरवार

Post a Comment

Blogger