मुंबई । हिन्दुस्तान की आवाज । मोहम्मद मुकीम शेख
आचार्य रजनीश जिन्हें देश विदेश के लोग ओशो के नाम से जानते और पहचानते थे।उन्होंने अपने जीवन काल में पुणे के कोरेगांव पार्क में 20 एकड़ भूमि में अपना आश्रम बनाया था।सन्यास आश्रम के वर्तमान कार्य पद्धति से ओशो के शिष्यों का एक वर्ग के लोगों में भारी असंतोष व्याप्त हो गया है। एक मुझे इसकी जानकारी हमारे पार्टी के नेता और राष्ट्रीय उपाध्यक्ष कृष्ण मिलन शुक्ला ने दी है।
उपरोक्त बातें रिपब्लिकन पार्टी ऑफ इंडिया के संस्थापक अध्यक्ष और केंद्रीय सामाजिक न्याय राज्यमंत्री रामदास आठवले ने मुंबई स्थित यशवंत राव चव्हाण प्रतिष्ठान में आयोजित एक पत्रकार परिषद को सम्बोधित करते हुए कहा।उन्होंने मीडिया और सैकड़ों ओशो के भक्तों की उपस्थिति में ओशो आश्रम के अंदर चल रहे गैर कानूनी तरीके से काम काज पर सख्त विरोध जताते हुए कहा कि मैं खुद एक दिन आश्रम के काम काज को देखने के लिए पुणे जाऊंगा।ओशो ने अपने ध्यान केंद्र उपासना कक्ष में तथागत भगवान गौतम बुद्ध की प्रतिमा स्थापित किया था।उसको आज के वर्तमान ट्रस्टियों ने वहां से हटा दिया है।उस प्रतिमा को उसके पुराने स्थान पर पुनः स्थापित करने की पूरी कोशिश करूंगा।मुझे ऐसी भी जानकारी मिली है कि आश्रम के संचालन के लिए जो कमिटी बनी है उसपर विदेशी लोगों ने अपना कब्जा जमा लिया है।उसके लिए मैं चाहूंगा कि ओशो के विदेशी और भारतीय शिष्य दोनों ही मिलकर आपसी सहमति से निष्पक्ष रूप से आश्रम का ईमानदारी से कामकाज करें।ताकि ओशो के विचारों का उनके साहित्य सामग्री के माध्यम से पूरे देश विदेश में प्रचार प्रसार हो सके।ओशो के बहुमूल्य विचार और उनका अमर साहित्य हमारे देश और खासकर आने वाली युवा पीढ़ी के लिए एक धरोहर के रूप में सुरक्षित रहना चाहिए।आश्रम में होने वाला गैव्यवहार को हमारी पार्टी रोकने का काम करेगी।उन्होंने आदतन एक शायरी पत्रकार परिषद में भी सुना कर ओशो के अनुयायियों में अन्याय और शोषण के विरुद्ध लड़ने के लिए पूरा जोश भर दिया।
मैं यहां आया हूं आपको न्याय दिलाने के लिए।पुणे जाऊंगा आपके दुश्मनों से बदला लेने के लिए।फिर तो रामदास आठवले आगे बढ़ो हम तुम्हारे साथ हैं का जोरदार नारा ओशो के शिष्यों ने कई बार लगाया।
कृष्ण मिलन शुक्ला ने पत्रकारों से मुखातिब होते हुए कहा कि इस सभागृह में प्रवेश पर इतनी बड़ी संख्या में ओशो के शिष्यों को देखकर मुझे यहां ओशो की उपस्थिति का एहसास हुआ।मेरा ऐसा मानना है आज भी ओशो की नजर उनके सच्चे शिष्यों पर है।अपना देश दुनिया का सबसे बड़ा लोकतांत्रिक देश है।परमपूज्य डॉ बाबा साहेब आंबेडकर ने देश को व्यवस्थित और सुचारू रूप से चलाने के लिए एक संविधान दिया है।हमारे नेता रामदास आठवले भारतीय संविधान की किताब अपने हाथों में लेकर देश के लाखों करोड़ों दलित और गरीबों के अधिकार के लिए अपने राजनीतिक जीवन के आरंभ काल से ही कड़ा संघर्ष कर रहे हैं।रामदास आठवले को केवल रामदास आठवले ना कहकर अगर उनको संघर्ष का नायक रामदास आठवले कहा जाय तो इसमें किसी को कोई आपत्ति नहीं होनी चाहिए।आज हम सभी के लाडले नेता रामदास आठवले सामाजिक न्याय मंत्री की हैसियत से पूरे देश में घूमकर देश के शोषित और दबे कुचले लोगों को न्याय दिलाने के लिए आज यूपी तो कल बिहार फिर असम कभी पंजाब तो बंगाल और कश्मीर से कन्या कुमारी तक हमेशा दौरे पर रहते है।मैने ओशो आश्रम में हो रहे घोटाले की विस्तृत जानकारी अपने राष्ट्रीय नेता को दे दिया है।
श्रीशुक्ला ने अपने भाषण के समापन पर ओशो फ्रेंड्स फाउंडेशन के सदस्यों और उनके सैकड़ों शिष्यों को इस बात का पूरा भरोसा दिलाया कि जिस तरह हमारे नेता देश भर के लोगों को न्याय दिलाने का काम कर रहे हैं।उसी तरह ओशो के शिष्यों को भी पूरा न्याय दिलाने के लिए रामदास आठवले पुणे कोरेगांव पार्क आचार्य रजनीश के सन्यास आश्रम का दौरा करेंगे।मैं यह बात पुरे यकीन और विश्वास के साथ कह रहा हूं।उनके इस तरह के आश्वासन से प्रसन्न ओशो के अनुयायियों की तालियों से पूरा सभागृह गूंज उठा।
ओशो के शिष्यों के प्रमुख स्वामी योगेश ठक्कर ने सविस्तर पूर्वक ओशो आश्रम के वर्तमान गतिविधियों को एक एक कर पत्रकारों के समक्ष रखा।स्वागत किशोर रावल ने तथा आभार प्रदर्शन सुनील मीरपुरी ने और पत्रकार परिषद का सूत्र संचालन मां आरती राजदान ने किया।
इस अवसर पर आरपीआई के महाराष्ट्र उपाध्यक्ष विलास तायडे,हेमा बावेजा ठक्कर के अलावा ओशो के सैकड़ों शिष्य उपस्थित थे।
पत्रकार परिषद के आरम्भ में रामदास आठवले ने आचार्य रजनीश ओशो की तस्वीर पर पुष्प अर्पित कर उन्हें भावपूर्ण श्रद्धांजलि दी।
फोटो--कपिलदेव खरवार
Post a Comment
Blogger Facebook