सी.डबल्यू.सी. मेम्बर ने केन्द्रीय मंत्री गिरिराज सिंह के अभद्र एवं हिंसक बयान पर बीजेपी की किया घेरेबंदी, बोले भाजपा के संविधान से नहीं देष के संविधान से चलेगा भारत
प्रतापगढ़ । केन्द्रीय कांग्रेश वर्किंग कमेटी के सदस्य तथा आउट रीच एण्ड कोऑर्डिनेशन कमेटी, उत्तर प्रदेश के प्रभारी प्रमोद तिवारी ने केन्द्रीय मन्त्री गिरिराज सिंह के द्वारा दिये गये बयान कि जो सरकारी अधिकारी काम न करे उसे लाठियों से पीट डालो, और उसके सिर में लाठी मारो, को देष के संविधान की भावना के खिलाफ ठहराते हुये कड़ी आलोचना की है ।
रविवार को रामपुर खास विधान सभा क्षेत्र के एक दिवसीय दौरे पर आये सी.डबल्यू.सी. मेम्बर प्रमोद तिवारी ने कहा कि गिरिराज सिंह का बयान उस कड़ी को फिर दोहरा गया है जब दिल्ली में
गृृह मन्त्री अमित शाह की उपस्थिति में दिल्ली के चुनाव के दौरान केन्द्रीय वित्त राज्यमंत्री अनुराग ठाकुर ने भी कहा था कि गोली मारों सालों को, भी भाजपा के संविधान के विपरीत आचरण का आरोप लगाया है। श्री तिवारी ने कहा कि इन बयानों से साफ हो गया है कि जो भी बी.जे.पी. सरकार का विरोध करेगा वह नेक्सलाइट अथवा गुण्डा है, उन्होंने इस पर प्रधानमंत्री से स्थिति स्पष्ट करते हुये सवाल दागा है कि इस प्रकार के अषोभनीय बयान के बावजूद अभी तक गिरिराज सिंह सरकार के मंत्री क्यों बने हुये हैं? उन्होंने कहा कि संविधान के विपरीत एक केन्द्रीय मंत्री के इस बयान से मंत्रि परिषद के सामूहिक उत्तरदायित्व के सिद्धांत का भी उल्लंघन हुआ है।
सी.डबल्यू. सी. मेम्बर प्रमोद तिवारी ने पी.एम. से कहा है कि या तो वह गिरिराज सिंह को मंत्रि परिषद से स्वयं त्याग पत्र का निर्देष दें, अथवा यदि मंत्री गिरिराज इस्तीफा नहीं देते तो उन्हें फोरन बर्खास्त किया जाय। श्री तिवारी ने केन्द्रीय मंत्री के बयान पर तगड़ी घेराबंदी करते हुये कहा है कि भारत देष, देष के संविधान से चलेगा न कि भा.ज.पा. के संविधान से इसे चलाया जा सकता है । श्री तिवारी ने पी.एम. से बेबाक कहा है कि इस तरह की बयानबाजी भाजपा का कोई साधारण नेता अथवा कोई सामान्य कार्यकर्ता भी बोले तो भी यह अटल बिहारी बाजपेयी और लालकृृष्ण आडवाणी के विचारों तथा सिद्धांतों के विपरीत है। उन्होंने कड़े शब्दों में कहा कि यदि ऐसे अषोभनीय बयान पर भी वह अपने मंत्री के खिलाफ फैसला नहीं कर पाते तो देष इसे मंत्रिपरिषद के सामूहिक बयान के रूप में देखेगा, और संविधान की भावना को आहत करने के लिये बी.जे.पी. अपनी जवाबदेही से बच नहीं सकेगी ।
कांगे्रस कार्यसमिति के सदस्य प्रमोद तिवारी ने कहा कि पहले तो भा.ज.पा. के इषारे पर इस प्रकार के असंवैधानिक बयान दूसरों से दिलाया जाता था और सरकार चुप रहती थी किन्तु अब तो मंत्रिमण्डल के सदस्य अभद्र एवं हिंसा को भड़काने वाला गैरकानूनी बयान स्वयं तक देने पर अमादा हो गये हैं। उन्होंने इस कृृत्य को लोकतंत्र की मर्यादा तथा आत्मा के विरुद्ध ठहराते हुये कहा कि संविधान में आस्थ रखने वाला सभ्य समाज इसे कतई स्वीकार नहीं कर सकता, बकौल प्रमोद तिवारी यदि प्रधानमंत्री ने निर्णय नहीं लिया तो सरकारी कर्मचारी के लिये भी अपने उत्तरदायित्व का निर्वाहन बिना भय व पक्षपात के नहीं हो सकेगा ।
सी.डबल्यू. सी. मेम्बर प्रमोद तिवारी ने कहा कि भा.ज.पा. जिस शारदा घोटाले को लेकर मिथुन चक्रवर्ती को उसका मास्टरमाइण्ड करार देती थी और जो जेल की सींखचों में कई महीने तक खड़े रहे आज उन्हीं मिथुन चक्रवर्ती को पार्टी अपने वाषिंग क्लब की पवित्र दायिनी वाषिंग मषीन से धुलकर कल तक के पापी को अब पुण्यात्मा के रूप में स्वीकार करने को आखिर क्यों मजबूर हुई है ? श्री तिवारी ने कहा कि पष्चिम बंगाल में सत्ता का नग्न ताण्डव जारी है और जिन मिथुन चक्रवर्ती से राज्य सभा की सदस्यता से इस्तीफा भी ले लिया गया था और तमिलनाडु में उनके फाइव स्टार रिजार्ट को सीज किया गया था आज उन्हीं मिथुन चक्रवर्ती को भा.ज.पा. अपना सदस्य बनाकर कमल का गमछा पहना चुकी है । उन्होंने तंज कषा कि अब पी.एम. मोदी मिथुन चक्रवर्ती के साथ मंच साझा करेंगे तो एक परिस्कृृत, धुले हुये, साफ सुथरे मिथुन चक्रवर्ती का पष्चिम बंगाल में पुनर्जन्म हो सकेगा । श्री तिवारी ने सधे अंदाज में मिथुन चक्रवर्ती को लेकर प्रधानमंत्री पर तीर चलाये कि देष इस परिदृृष्य को लेकर भी फिर देखने लगा है कि मोदी है तो मुमकिन है, और एक नया अध्याय चक्रवर्ती के साथ भी लिखा जायेगा । इस मौके पर भगवती प्रसाद तिवारी, ज्ञान प्रकाष शुक्ल, संतोष द्विवेदी एवं ददन सिंह आदि रहे ।
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