मदरसा आधुनिकीकरण शिक्षकों ने जंतर-मंतर नई दिल्ली में धरने को लेकर किया विचार विमर्
*05 अक्टूबर से कोरोना गाइडलाइन का पालन करते हुए जंतर-मंतर पर करेंगे धरना-प्रदर्शन*
*मदरसा आधुनिकीकरण शिक्षक सरकार एवं सुप्रीम कोर्ट से मांगेगे इच्छा मृत्यु की अनुमति*
*चार सालो का वेतन/मानदेय न मिलने से मदरसा आधुनिक शिक्षक हो रहे भुखमरी का शिकार*
केन्द्र पुरोनिधानित मदरसा आधुनिकीकरण शिक्षक योजनान्तर्गत उत्तर प्रदेश में कार्यरत 21546 शिक्षकों को पिछले चार सालों से अधिक समय से मानदेय/वेतन नही मिलने की वजह से नाराज मदरसा आधुनिकीकरण शिक्षक एकता समिति उ० प्र० ने नई दिल्ली के जंतर-मंतर पर 05 अक्टूबर से अनिश्चितकालीन धरना-प्रदर्शन करने का निर्णय लिया लिया है | मदरसा आधुनिकीकरण शिक्षक एकता समिति के प्रदेश सलाहकार इसरार अहमद इदरीसी ने बताया कि इस धरने को सफल बनाने हेतु प्रदेश अध्यक्ष अशरफ अली ऊर्फ सिकन्दर बाबा के आवास पर प्रदेश महासचिव सुनील सिंह, महराजगंज के अनन्त प्रताप सिंह, लखनऊ मण्डल अध्यक्ष
राखी मिश्रा, गोरखपुर मण्डल अध्यक्ष
डॉ० मधु शाही, विंध्याचल मण्डल अध्यक्ष तबस्सुम बेगम, महराजगंज जिलाध्यक्ष कृष्ण कुमार कन्नौजिया, औरैया जिलाध्यक्ष अवधेश कुमार, बलरामपुर जिलाध्यक्ष राम प्रकाश वर्मा अम्बेडकर नगर जिला संयोजक विनोद कुमार शुक्ल, खलीलाबाद जिलाध्यक्ष नागेंद्र कुमार, गोरखपुर जिलाध्यक्ष इरफान खान, बदायूं जिला अध्यक्ष वाहिद खान, देवरिया जिलाध्यक्ष मजहर अली, चंदौली के जिलाध्यक्ष तबरेज खान समेत कई जिलों के मदरसा शिक्षक नेताओं ने रणनीति को लेकर विचार विमर्श किया |
मदरसा आधुनिकीकरण शिक्षक एकता समिति के प्रदेश सलाहकार इसरार अहमद इदरीसी ने बताया कि वेतन न मिलने की वजह से मदरसा शिक्षक भुखमरी एवं इलाज के अभाव में दम तोड रहे हैं लेकिन केन्द्र सरकार के अधिकारियों एवं कर्मचारियों की तरफ से घोर लापरवाही बरती जा रही जिससे माननीय प्रधानमंत्री महोदय के *'सबका साथ सबका विकास सबका विश्वास'* पर भी पानी फिर रहा है | शिक्षकों को पिछले 50 माह से सिर्फ आश्वासन ही मिल रहा है जबकि मदरसा शिक्षक एक-एक कर मानसिक तनाव एवं बीमारियों से ग्रसित होकर अपना दम तोड़ते जा रहे हैं | प्रदेश में अब तक 50 से अधिक मदरसा शिक्षकों की आर्थिक तंगी की वजह से दर्दनाक मौत हो चुकी है | हाल ही में 19 अगस्त को पीलीभीत के मदरसा शिक्षक नवाब हुसैन की बरेली तथा 13 सितम्बर को सिद्धार्थनगर के मंजर रजा की लखनऊ में इलाज के दौरान मृत्यु हो चुकी है | डॉक्टरों ने हालात बिगड़ते देख इन शिक्षकों को तत्काल एम्स हास्पिटल, नई दिल्ली ले जाने की सलाह दी थी लेकिन परिवार के लोग आर्थिक मजबूरियों के चलते उन्हें एम्स हास्पिटल दिल्ली नहीं ले जा सके जिससे उनकी दर्दनाक मौत हो गयी | पीलीभीत, महाराजगंज, सम्भल तथा सिद्धार्थनगर के चार मदरसा शिक्षकों की आर्थिक तंगी की वजह से लाकडाउन में हुई दर्दनाक मौत ने प्रदेश के मदरसा आधुनिकीकरण शिक्षकों में उबाल पैदा कर दिया है जिससे शिक्षक अब केन्द्र सरकार के खिलाफ मुखर हो गए हैं | लॉक डाउन के चलते शिक्षकों के मजदूरी के अतिरिक्त साधन बंद हो जाने से हालात बद् से बद्तर हो गए हैं |
प्रदेश सलाहकार इसरार अहमद इदरीसी ने केन्द्र सरकार से पिछले चार सालों से बकाया मानदेय को तत्काल जारी करने तथा मृत शिक्षकों के परिवारों को आर्थिक सहायता दिलाये जाने की भी मांग की है । स्वयं कई गंभीर बीमारियों से ग्रसित प्रदेश सलाहकार इसरार अहमद इदरीसी का कहना है कि भारत सरकार शिक्षकों का बकाया मानदेय तत्काल जारी करे अथवा उन्हें इच्छा मृत्यु का अधिकार दे | उनका कहना है कि मदरसा आधुनिकीकरण शिक्षक शीघ्र ही इच्छा मृत्यु के लिये माननीय सुप्रीम कोर्ट में अर्जी दाखिल कर सर्वोच्च न्यायालय एवं भारत सरकार से इच्छा मृत्यु की अनुमति मांगेगे क्योंकि शिक्षकों को अब कोई भी न तो उधार सामान दे रहा है और न ही शिक्षक साहूकारों के कर्ज को अदा कर पा रहे हैं जिससे उनकी आर्थिक स्थिति के साथ-साथ मानसिक स्थिति एवं स्वास्थ्य भी खराब होता जा रहा है तथा वह अपने घर परिवार की भी देखभाल नहीं कर पा रहे हैं | उनका कहना है कि प्रदेश की योगी सरकार मदरसा शिक्षकों के प्रति काफी गंभीर है तथा वह राज्यांश भी देती रही है |
प्रदेश अध्यक्ष अशरफ अली उर्फ सिकन्दर बाबा ने संकट की इस विकट एवं प्रतिकूल परिस्थिति में माननीय मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ जी से राज्य सरकार के स्रोत से दिये जाने वाले राज्यांश को दिलाते हुए केन्द्र सरकार के स्तर पर बकाया मानदेय/वेतन को तत्काल भारत सरकार से जारी कराकर फौरी राहत प्रदान करने तथा भारत सरकार के लापरवाह अधिकारियों एवं कर्मचारियों की जवाबदेही तय करते हुए कडी़ कार्यवाही कराये जाने की मांग की है। प्रदेश अध्यक्ष अशरफ अली उर्फ सिकन्दर बाबा का कहना है कि यदि भारत सरकार 30 सितम्बर तक मदरसा शिक्षकों को उनका वेतन/मानदेय नहीं देती है तो 05 अक्टूबर से वह लाकडाउन की गाइडलाइन का पालन करते हुए मदरसा शिक्षकों के साथ नई दिल्ली में जंतर-मंतर पर धरना प्रदर्शन करने पर मजबूर होंगे जिसकी सारी जिम्मेदारी भारत सरकार की होगी | उन्होंने बताया कि 05 अक्टूबर से नई दिल्ली में प्रस्तावित धरना प्रदर्शन हेतु भारत सरकार एवं दिल्ली सरकार को लिखित रूप से अवगत करा दिया गया है।
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