सीडब्लूसी मेंबर के साथ यूपी आउटरीच कमेटी का इंचार्ज बनाकर पार्टी को बेहतर समन्वय मे मजबूती का आगाज
कारगर पहल-शीर्ष नेताओंगंज प्रतापगढ़। मिशन 20-22 के लिए कांग्रेस पार्टी राष्ट्रीय महासचिव प्रियंका गांधी के नेतृत्व मे यूपी मे अभी से अपना जनाधार फिट करने की धारदार मुहिम मे ऐडी चोटी का जोर लगाये दिखने लगी है। कांग्रेस को अपने यूपी मिशन के भरोसेमंद चेहरे के रूप मे प्रदेश मे विकास तथा जनता से जुडे मुददो पर प्रखर चेहरे की पहचान रखने वाले वरिष्ठ पार्टी नेता प्रमोद तिवारी को लेकर एक भरोसेमंद नाम पर इधर विश्वास काफी बढ़ा भी दिखाई देने लगा है।
गांधी परिवार के बेहद करीबियो मे से शुमार एक नाम प्रमोद तिवारी को कांग्रेस हाईकमान द्वारा इधर जिस तरह से केन्द्रीय एवं राज्यस्तर पर संगठन मे महत्वपूर्ण जिम्मेदारी का ओहदा दिया गया है। यह इस बात का संकेत है कि कांग्रेस यूपी के मिशन मे खुद का जनाधार रखने वाले पार्टी चेहरे पर बडा दांव लगा सकती है। प्रतापगढ़ जिले से नौ बार पार्टी के विधायक और निर्विरोध पार्टी सिंबल से राज्यसभा सदस्य रहे प्रमोद तिवारी को कांग्रेस की राष्ट्रीय अध्यक्ष सोनिया गांधी ने वर्किग कमेटी मे सदस्य चुनकर गंाधी परिवार के प्रति निष्ठा को लेकर प्रमोद तिवारी का बडा भरोसा जाहिर किया है। वहीं पार्टी की राष्ट्रीय महासचिव एवं यूपी प्रभारी प्रियंका गांधी ने राज्यस्तर पर संगठन के सबसे महत्वपूर्ण समीकरण को फिट करने के लिए प्रमोद तिवारी को आउटरीच कमेटी का प्रदेश इंचार्ज बनाकर तिवारी पर किसान, मजदूर तथा शिक्षक, अधिवक्ता, कर्मचारी, ट्रेड यूनियनों व समान विचारधारा के राजनीतिक दलो के बीच बेहतर समन्वय बनाए जाने के लिए कारगर पहल की है। सीडब्लूसी मे महत्वपूर्ण स्थान के साथ साथ आउटरीच कमेटी का इंचार्ज की भी जिम्मेदारी प्रमोद तिवारी पर पार्टी नेतृत्व का देना तब और महत्वपूर्ण हो जाता दिख रहा है जब इस कमेटी मे प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष अजय कुमार लल्लू और पार्टी विधानमण्डल दल की नेता आराधना मिश्रा मोना भी इसकी पदेन सदस्य बनाई गई हों। प्रमोद तिवारी के सीडब्लूसी मेंबर और आउटरीच कमेटी का इंचार्ज बनने के बाद जिस तरह से इधर पार्टी कार्यकर्ताओं मे प्रतापगढ़, प्रयागराज, जौनपुर, वाराणसी, नोएडा, गोरखपुर, लखनऊ मे जो जोश उभर कर सामने आ रहा है, उससे भी पार्टी हाईकमान को प्रमोद तिवारी के अपने भरोसे पर मुफीद माहौल भी फिट नजर आने लगा है। प्रमोद तिवारी की बेहद तर्कशील वाकपटुता और भाजपा के खिलाफ प्रहार की भी जनस्वीकारता देख पार्टी यूपी के अलावा समय समय पर प्रदेश के बाहर बिहार, राजस्थान तथा मध्य प्रदेश, दिल्ली व छत्तीसगढ़ जैसे राज्यों मे भी अपने एजेण्डे को आगे बढाती रही है। दरअसल प्रमोद तिवारी प्रदेश मे एक मजबूत ऐसा ब्राम्हण चेहरा आंके जाते है जो ब्राम्हण चेहरे के साथ साथ अपनी धर्मनिरपेक्ष छवि के साथ सभी अन्य जातियो को साथ लेकर चलने की व्यवहारिक कुशलता भी तिवारी के राजनैतिक कौशल को बयां करती है। आउटरीच कमेटी का प्रदेश प्रभार सौपने के पीछे भी कांग्रेस नेतृत्व की प्राथमिकता प्रमोद पर इसलिए नजर आती है कि पार्टी के पक्ष को बहुत ही प्रभावशाली ढंग से रखने के हुनर के साथ प्रमोद तिवारी कडी से कडी बातें भी संजीदगी तथा संसदीय शिष्टाचार की परिधि मे रखते आ रहे है। ऐसे मे कांग्रेस के प्रबुद्ध वर्ग से लेकर विभिन्न राजनीतिक समन्वय बनाए जाने मे हाईकमान को सबसे बेहतर भरोसा प्रमोद तिवारी के नाम पर कायम हुआ देखा जा रहा है। कांग्रेस की सर्वोच्च नीति निर्धारक कमेटी का मेंबर बनने के बाद आउटरीच कमेटी का इंचार्ज होने की प्रमोद तिवारी ने पार्टी के भरोसे के अनुरूप अपना मिशन भी आगे बढ़ाना शुरू कर दिया है। मसलन मंगलवार को स्वतंत्रता आंदोलन के केन्द्र बिंदु रहे ऐतिहासिक प्रयागराज से प्रमोद तिवारी का आगाज बेहद प्रभावी भी दिखलाई पड़ गया। प्रमोद तिवारी ने पार्टी के शीर्षस्थ नेताओ मे से एक पं. श्यामसूरत उपाध्याय के घर पहुंचकर जहां पार्टी की नीति रीति को लेकर गहन मंत्रणा की। वही इलाहाबाद केन्द्रीय विश्वविद्यालय के पूर्व कुलपति प्रो. डा. आरपी मिश्र से मिलकर पार्टी के बौद्धिक चिंतन को भी साझा करते हुए आउटरीच कमेटी की दिशा को धार देने मे मजबूत शुरूआत का भी प्रियंका गांधी के मिशन को आगाज दिया है। यूं प्रमोद तिवारी की गांधी परिवार के साथ करीबी दशको से बनी हुई है। वजह यह भी है कि प्रमोद तिवारी इंदिरा गांधी के नेतृत्व मे पार्टी के विधायक चुने गये तो राजीव गांधी के नेतृत्व के दौर मे तिवारी प्रदेश मे महत्वपूर्ण ओहदो पर संगठन और सरकार की जिम्मेदारियो का बखूबी निर्वहन कर सके है। सोनिया गांधी का शुरू से यूपी मे प्रमोद तिवारी पर एकमुश्त भरोसा कई मौको पर खरा साबित हुआ है तो राहुल गांधी भी पार्टी लाइन मे मोदी पर प्रमोद तिवारी की आक्रामकता के पसंदीदा माने जाते है। राजनीतिक सूत्र भी कांग्रेस के प्रमोद तिवारी को यूपी मे आगे खडा करने के कई सकारात्मक विश्लेषणों के साथ मिशन 20-22 मे पार्टी के जनाधार को बढाए जाने मे एक बड़ा एजेण्डा सामने देखने भी लगे है।
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