बेचने लिए मंडी बनाया था । मंडी में किसान अपनी फसल को सरकार द्वारा निर्धारित मूल्य पर बेंच सकते है। इसका संचालन किसानों के चुने हुए प्रतिनिधि ही करते थे । जिसमें दलालों की दाल नहीं गलती थी । लेकिन आज किसानों को मजबूत होकर दलालों को ही अपनी फसल की उपज बेचनी पड़ेगी । एक अध्यादेश में यह भी लिखा है कि , कांग्रेस का बनाया किसानों की उपज को मंडी में बेचने वाला कानून को निरस्त किया जाता है । अध्यादेश 3 में यह कहा गया है कि , अब बड़े पूंजीपति और धनवान लोग गरीब किसानों का खेत लिज पर लेकर खुद उसमें मनमाने ढंग से फसल निकालेगें । इसलिए किसान विरोधी बिल के लिए केंद्र की मोदी सरकार के खिलाफ कोंग्रेस ने पूरे देश में उग्र आंदोलन चला रखा है
गावों में पहले ही जैसा जमींदारों का जमाना आएगा - अरुण सावंत
भाजपा की केंद्र सरकार गत दिनों 3 किसान विरोधी बिल कैबिनेट में पास कराने में सफल हो गई । जिसके विरोध में नरेंद्र मोदी की सरकार में कैबिनेट मंत्री व शिरोमनी अकाली दल की हर सिमरन कौर ने कैबिनेट से अपना राजीनामा राष्ट्रपति को भेज दिया । उपरोक्त बातें मुंबई कोंग्रेस के प्रवक्ता अरुण सावंत ने मुंबई कोंगेस राजीव गांधी भवन में मीडिया से बातचीत करते हुए कहा । उन्होंने यह भी कहा कि , मुंबई कांग्रेस आज भाजपा और नरेंद्र मोदी का असली चेहरा लोगों को दिखाना चाहती है । आज मैं 3 तीनों किसान विरोधी बिल के बारे में आप लोगों को सविस्तार पूर्वक बताने जा रहा हूं । इनके अध्यादेश से किसान मंडी का खात्मा हो जाएगा । किसानों को उचित दाम मिल सके इसलिए हमारी सरकार ने किसानों की फसल को
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