प्रसूति के लिये भिवंडी के सरकारी अस्पताल सहित कई निजी अस्पतालों का चक्कर लगाने के बाद भी एक गर्भवती महिला को किसी निजी अस्पताल ने भर्ती नहीं लिया । गर्भवती महिला की हालत देख आईएमए की प्रेसीडेंट डॉ. उज्वला बरदापुरकर अपने स्टॉफ के साथ नीचे आई और ऑटो रिक्शा में ही उसकी सुरक्षित डिलीवरी कराई ।डिलीवरी कराते समय उन्हें यह भी डर नहीं लगा कि कहीं महिला के कोरोना पॉजिटिव होने पर वह भी संक्रमित न हो जायें। डिलवरी होने के बाद उसे अपने निजी अस्पताल में ले जाकर उसे भर्ती किया और उसका उपचार किया। जांच के बाद जच्चा-बच्चा दोनों निगेटिव पाये गये हैं और दोनों स्वस्थ हैं।डॉ. बरदापुरकर इससे पहले इसी तरह से 4 गर्भवती महिलाओं की ऑटो रिक्शा में सुरक्षित डिलवरी कराई हैं ।उन्होंने इसके अलावा कोरोना संक्रमित एक परिवार को फोन पर सलाह देकर उसका उपचार कराया है, इस समय वह परिवार भी ठीक है ।
गौरतलब है कि प्रसव पीड़ा से जूझ रही ग्रामीण क्षेत्र की एक गर्भवती महिला ऑटो रिक्शा से निजी अस्पतालों का चक्कर लगा रही थी, कोविड 19 की रिपोर्ट न होने के कारण कोई निजी अस्पताल उसकी भर्ती नहीं ले रहे थे । वह मनपा द्वारा संचालित ऑरेंज हॉस्पिटल से वापस आ रही थी कि ऑटो रिक्शा में बैठे-बैठे प्रसव पीड़ा से जूझ रही गर्भवती महिला की हालत धीरे-धीरे खराब होती जा रही थी। गर्भवती महिला का पति उसे लेकर आईएमए भिवंडी की प्रेसीडेंट डॉ. उज्वला बरदापुरकर के यश नर्सिंग होम गया ।
डॉ. बरदापुरकर ने बताया कि गर्भवती महिला की ऑटो रिक्शा में ही हालत खराब हो गई थी, बच्चे का पैर दिखाई पड़ रहा था, उन्होंने बताया कि ऐसी हालत में उनके पास समय बिलकुल नहीं था। जिसके कारण उन्होंने तत्काल नर्सिंग होम की मौसी से दो चद्दर मंगाया और पीपीई किट में अपने दो सिस्टर को नीचे बुलाया, उन्होंने मौसी एवं गर्भवती महिला के पति से चद्दर पकड़कर ऑटो रिक्शा को पर्दे से घेर दिया।जिसके बाद कोरोना संक्रमण का रिस्क लेते हुये पीपीई किट में आई अपने दोनों सिस्टर के साथ ऑटो रिक्शा में ही डिलीवरी करा दी। उन्होंने बताया कि न तो गर्भवती महिला को ऊपर हॉस्पिटल में ले जाने का समय था और न ही उनके पास पीपीई किट पहनने का समय था, उनकी दोनों सिस्टर के पास भी समय नहीं था। सूचना मिलते ही पीपीई किट पहनने के बाद दोनों सिस्टर हाथ में ग्लब्ज डालते हुये नीचे आ गई थी, उन्होंने बताया कि रिक्शा में ही उसकी नाभि भी काटी गई।सुरक्षित बच्चा पैदा होने के बाद उसे नर्सिंग होम में ले गईं, जहां बेड पर उसकी भर्ती करके उसका उपचार किया गया। बच्चे का ऑक्सीजन आदि जांच किया गया, नवजात शिशु को बालरोग विशेषज्ञ से जांच कराई गई, वह पूरी तरह स्वस्थ है। उन्होंने जच्चा-बच्चा सहित अपने स्टॉफ के कोविड की जांच कराई, जच्चा-बच्चा सहित सभी लोग निगेटिव पाये गये हैं। नर्सिंग होम से डिस्चार्ज करने के बाद बेड सहित पूरा वार्ड आदि सेनेटाइज कराया गया ।
डॉ. बरदापुरकर ने इससे पहले भी इसी तरह से ऑटो रिक्शा में 4 डिलीवरी कराई है,उन्होंने बताया कि ऐसी परिस्थिति में उनके सामने सबसे पहले जच्चा-बच्चा की जान बचाना रहता है। इसी तरह शहर का एक परिवार कोरोना संक्रमित हो गया था,इसकी सूचना जब डॉ. बरदापुरकर को हुई तो उन्होंने डॉ. फैजुद्दीन अंसारी से फोन पर उस परिवार का उपचार कराया, कोरोना संक्रमित वह परिवार ठीक हो चुका है,कोरोना काल में जहां कोई मदद करने के लिये तैयार नहीं है ,वहीं डॉ. बरदापुरकर एवं डॉ.फैजुद्दीन अंसारी लोगों को निःशुल्क सेवायें दे रहे हैं जो प्रशंसनीय है ।
डॉ. उज्वला बरदापुरकर ने बताया कि इंडियन मेडिकल एसोसिएशन भिवंडी द्वारा कोरोना संक्रमित मरीजों की मदद करने के लिये एक वार रूम बनाया गया है।जिससे आईएमए के डॉक्टरों को जोड़ा गया है, 8-10 डॉक्टरों की टीम आईजीएम उपजिला अस्पताल सहित मनपा द्वारा बनाये गये कोविड हॉस्पिटल में अपनी सेवा देने के लिये तैयार रहते हैं। कोई भी सीरियस मरीज आने के बाद डॉक्टरों की टीम फोन पर उन्हें सलाह देती रहती है ।
गौरतलब है कि प्रसव पीड़ा से जूझ रही ग्रामीण क्षेत्र की एक गर्भवती महिला ऑटो रिक्शा से निजी अस्पतालों का चक्कर लगा रही थी, कोविड 19 की रिपोर्ट न होने के कारण कोई निजी अस्पताल उसकी भर्ती नहीं ले रहे थे । वह मनपा द्वारा संचालित ऑरेंज हॉस्पिटल से वापस आ रही थी कि ऑटो रिक्शा में बैठे-बैठे प्रसव पीड़ा से जूझ रही गर्भवती महिला की हालत धीरे-धीरे खराब होती जा रही थी। गर्भवती महिला का पति उसे लेकर आईएमए भिवंडी की प्रेसीडेंट डॉ. उज्वला बरदापुरकर के यश नर्सिंग होम गया ।
डॉ. बरदापुरकर ने बताया कि गर्भवती महिला की ऑटो रिक्शा में ही हालत खराब हो गई थी, बच्चे का पैर दिखाई पड़ रहा था, उन्होंने बताया कि ऐसी हालत में उनके पास समय बिलकुल नहीं था। जिसके कारण उन्होंने तत्काल नर्सिंग होम की मौसी से दो चद्दर मंगाया और पीपीई किट में अपने दो सिस्टर को नीचे बुलाया, उन्होंने मौसी एवं गर्भवती महिला के पति से चद्दर पकड़कर ऑटो रिक्शा को पर्दे से घेर दिया।जिसके बाद कोरोना संक्रमण का रिस्क लेते हुये पीपीई किट में आई अपने दोनों सिस्टर के साथ ऑटो रिक्शा में ही डिलीवरी करा दी। उन्होंने बताया कि न तो गर्भवती महिला को ऊपर हॉस्पिटल में ले जाने का समय था और न ही उनके पास पीपीई किट पहनने का समय था, उनकी दोनों सिस्टर के पास भी समय नहीं था। सूचना मिलते ही पीपीई किट पहनने के बाद दोनों सिस्टर हाथ में ग्लब्ज डालते हुये नीचे आ गई थी, उन्होंने बताया कि रिक्शा में ही उसकी नाभि भी काटी गई।सुरक्षित बच्चा पैदा होने के बाद उसे नर्सिंग होम में ले गईं, जहां बेड पर उसकी भर्ती करके उसका उपचार किया गया। बच्चे का ऑक्सीजन आदि जांच किया गया, नवजात शिशु को बालरोग विशेषज्ञ से जांच कराई गई, वह पूरी तरह स्वस्थ है। उन्होंने जच्चा-बच्चा सहित अपने स्टॉफ के कोविड की जांच कराई, जच्चा-बच्चा सहित सभी लोग निगेटिव पाये गये हैं। नर्सिंग होम से डिस्चार्ज करने के बाद बेड सहित पूरा वार्ड आदि सेनेटाइज कराया गया ।
डॉ. बरदापुरकर ने इससे पहले भी इसी तरह से ऑटो रिक्शा में 4 डिलीवरी कराई है,उन्होंने बताया कि ऐसी परिस्थिति में उनके सामने सबसे पहले जच्चा-बच्चा की जान बचाना रहता है। इसी तरह शहर का एक परिवार कोरोना संक्रमित हो गया था,इसकी सूचना जब डॉ. बरदापुरकर को हुई तो उन्होंने डॉ. फैजुद्दीन अंसारी से फोन पर उस परिवार का उपचार कराया, कोरोना संक्रमित वह परिवार ठीक हो चुका है,कोरोना काल में जहां कोई मदद करने के लिये तैयार नहीं है ,वहीं डॉ. बरदापुरकर एवं डॉ.फैजुद्दीन अंसारी लोगों को निःशुल्क सेवायें दे रहे हैं जो प्रशंसनीय है ।
डॉ. उज्वला बरदापुरकर ने बताया कि इंडियन मेडिकल एसोसिएशन भिवंडी द्वारा कोरोना संक्रमित मरीजों की मदद करने के लिये एक वार रूम बनाया गया है।जिससे आईएमए के डॉक्टरों को जोड़ा गया है, 8-10 डॉक्टरों की टीम आईजीएम उपजिला अस्पताल सहित मनपा द्वारा बनाये गये कोविड हॉस्पिटल में अपनी सेवा देने के लिये तैयार रहते हैं। कोई भी सीरियस मरीज आने के बाद डॉक्टरों की टीम फोन पर उन्हें सलाह देती रहती है ।
Post a Comment
Blogger Facebook