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भिवंडी।एम हुसेन।  मनपा प्रशासन  ने शहर के सक्षम सभी निजी अस्पतालों को सतर्कता के साथ आइसोलेशन एवं फीवर ट्रीटमेंट करने की अनुमति दे दी है । शहर के निजी अस्पतालों में आइसोलेशन एवं फीवर ट्रीटमेंट शुरू हो जाने से मनपा का भार कुछ कम होगा और शहर के नागरिकों को भी निजी अस्पतालों में आइसोलेशन की सुविधा  उपलब्ध हो जायेगी।
   मनपा द्वारा निजी अस्पतालों में आइसोलेशन एवं फीवर पेशेंट के ट्रीटमेंट पर रोक लगाया गया था, जिसके कारण शहर के निजी अस्पतालों में कोरोना के संदेहास्पद मरीजों को न तो आइसोलेशन किया जाता था और न ही फीवर पेशेंट का ट्रीटमेंट किया जाता था। कोरोना संक्रमित मरीज के भय के कारण शहर के कई अस्पतालों में ओपीडी एवं आईपीडी मरीजों को लेना बंद ही कर दिया गया था।जिसके कारण टीबी,अस्थमा,हार्ट एवं मलेरिया,टाइफाइड के मरीजों को भी नहीं लिया जाता था।इस संदर्भ में  भिवंडी शहर जिला कांग्रेस कमेटी के प्रवक्ता इकबाल सिद्दीकी सहित शहर के कई जागरूक नागरिकों द्वारा  मुख्यमंत्री उद्धव ठाकरे से शिकायत किया गया है ।भिवंडी के मरीजों को बाहर के अस्पतालों में भर्ती नहीं किया जा रहा है। जिससे यहां के मरीजों को भारी परेशानी का सामना करना पड़ रहा है ।एनजीओ एमपीजे ने तो भिवंडी के निजी अस्पतालों के डॉक्टरों से यहां तक अपील कर दिया है कि इस समय शहर में उनकी सबसे अधिक आवश्यकता है, जिसके लिये वे अपनी सुरक्षा के लिये सभी जरूरी कदम उठाते हुये शहर के नागरिकों के  उपचार  के लिये आगे आयें और अपने अस्पताल और क्लीनिक को खोलें, नागरिकों को अपनी सेवायें प्रदान करें  शहर  आपका आभारी रहेगा।
    ओपीडी एवं आईपीडी बंद रखने के बारे में जानकारी लेने के लिये कई अस्पतालों से संपर्क किया गया, जिसमें सुप्रिया हॉस्पिटल की महिला रोग विशेषज्ञ डॉ. सुप्रिया अरवारी ने बताया कि उनका अस्पताल खुला हुआ है।लॉकडाउन के दौरान कई महिलाओं की प्रसूति   भी हुई है। इसी  प्रकार  शहर के अन्य अस्पतालों में देखा जा रहा है। उन्होंने बताया कि भिवंडी के नागरिकों द्वारा कोविड 19 के नियमों का पालन न करने पर कई डॉक्टर उनका स्टॉफ कोरोना संक्रमण का शिकार हो गया है ।जिसके कारण अधिक उम्र वाले कुछ डॉक्टर अस्पताल में नहीं जा रहे हैं ।कई निजी अस्पतालों के डॉक्टर आईजीएम उपजिला अस्पताल में अपनी निःशुल्क सेवायें दे रहे हैं। जिसके कारण वे अपने अस्पताल में नहीं बैठ पाते होंगे, जिसके कारण ओपीडी एवं आईपीडी बंद करने का नागरिकों का आरोप ठीक नहीं है । 
 इसी प्रकार इंडियन मेडिकल एसोसिएशन भिवंडी की  अध्यक्ष  डॉ. उज्वला बरदापुरकर ने बताया कि मनपा आयुक्त डॉ. प्रवीण आष्टीकर द्वारा शहर के निजी अस्पतालों के विशेषज्ञ डॉक्टरों का एक टास्क फ़ोर्स बनाया गया है। जिसमें फिजिशियन के साथ अन्य लोगों को भी शामिल किया गया है । जो कोविड 19 हॉस्पिटल आईजीएम में अपनी सेवायें दे रहे हैं।इसके साथ जी आईएमए के कई डॉक्टर आईजीएम में निःशुल्क अपनी सेवायें दे रहे हैं।
   डॉ. बरदापुरक ने बताया कि मनपा आयुक्त डॉ. प्रवीण आष्टीकर ने शहर के निजी अस्पतालों को कोरोना के संदेहास्पद मरीजों के आइसोलेशन एवं फीवर पेशेंट के ट्रीटमेंट की अनुमति दे दी है। कम से कम 10 बेड वाले निजी अस्पताल जो सक्षम हैं वे सुरक्षा के साथ कम से कम दो बेड आइसोलेशन के लिये रख सकते हैं और फीवर पेशेंट का ट्रीटमेंट कर सकते हैं। आइसोलेशन में रखा गया मरीज यदि जांच के बाद कोरोना पॉजिटिव पाया जाता है तो उसे  उपचार  के लिये कोरोना हेल्थ सेंटर में भेज दिया जायेगा। जिस बेड पर उसे आइसोलेशन किया गया था उसकी सफाई एवं धुलाई करने के बाद उसे पूरी तरह से सेनेटाइज किया जायेगा और दूसरे दिन फिर किसी मरीज को भर्ती किया जा सकता है।


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