भिवंडी ।एम हुसेन। भिवंडी में कोरोना संक्रमित मरीजों के उपचार के लिये बनाये गये कोविड 19 आईजीएम उपजिला अस्पताल में सुरक्षा की कोई व्यवस्था नहीं है।सुरक्षा व्यवस्था की कमी के कारण कोविड अस्पताल की घोर लापरवाही पुनः एक बार उजागर हुई है। कोरोना पॉजिटिव का एक मरीज अस्पताल में भर्ती होने के पांच घंंटे बाद ही अस्पताल से निकलकर इस्लामपुरा क्षेत्र में चला गया था । जिसे स्थानीय नागरिकों ने पकड़कर पुुुनः अस्पताल में भर्ती कराया । कोरोना पॉजिटिव मरीज के घूमने की जानकारी मिलने पर मनपा द्वारा पूरे क्षेत्र को सेनेटाइज कराया गया। इससे पहले भी कोरोना संक्रमित एक मरीज अस्पताल के बाहर घूम रहा था । जिसे स्थानीय नागरिकों की सूचना के बाद दोबारा भर्ती किया गया था।
मालूम हो कि एकता चौक के पास रहने वाले 65 वर्षीय एक व्यक्ति को टीबी हुई थी, उसका टीबी का उपचार चल ही रहा था कि उसी बीच किसी निजी लैब में जांच के दौरान वह कोरोना पॉजिटिव पाया गया। कोरोना पॉजिटिव पाये जाने के बाद उसे रविवार को दोपहर दो बजे आईजीएम उपजिला अस्पताल में भर्ती कराया गया था ।आईजीएम अस्पताल में उसका उपचार चल रहा था। लेकिन अस्पताल में भर्ती होने के लगभग पांच घंटे बाद ही वह अस्पताल से निकलकर चला गया। परंतु अस्पताल के चिकित्सकों एवं अस्पताल में लगे सुरक्षा व्यवस्था को इसकी भनक तक नहीं लगी। अस्पताल से निकलकर कोरोना पॉजिटिव मरीज इस्लामपुरा क्षेत्र में चला गया। इस्लामपुरा क्षेत्र में जाकर वह काफी देर तक जीना टाइम्स की सीढ़ी पर बैठा रहा, उसके बाद वहां से वह राहत नर्सिंग होम की सीढ़ी पर जाकर बैठ गया। स्थानीय नागरिकों की नजर उसके ऊपर पड़ते ही इसकी जानकारी नगरसेवक मलिक मोमिन को दी गई , स्थानीय नागरिक तुरंत उसे गाड़ी में बैठाकर आईजीएम अस्पताल ले जाकर पुनः उसे भर्ती कराया गया है।
नगरसेवक मलिक मोमिन द्वारा महापौर श्रीमती प्रतिभा पाटील एवं मनपा आयुक्त डॉ. प्रवीण आष्टीकर को सूचना मिलते ही स्वास्थ्य विभाग की टीम इस्लामपुरा क्षेत्र में पहुंच गई। स्वास्थ्य विभाग की टीम द्वारा देर रात तक पूरे क्षेत्र को सेनेटाइज करके वहां कीटाणुनाशक औषधि का छिड़काव किया गया। नगरसेवक मलिक मोमिन ने इस घटना पर चिंता व्यक्त करते हुये कहा कि आईजीएम उपजिला अस्पताल की इस प्रकार की लापरवाही भिवंडी शहर को एक बड़े जोखिम में डाल सकती है जो चिंता का विषय है । उन्होंने बताया कि इसकी शिकायत महापौर एवं मनपा आयुक्त से कर दी गई है।
बतादें कि इससे पहले भी कोरोना पॉजिटिव 51 वर्षीय एक व्यक्ति 23 अप्रैल को आईजीएम उपजिला अस्पताल के सामने स्थित मनपा कर्मचारी कालोनी के सामने घूम रहा था । कालोनी के नागरिकों द्वारा सूचना दिये जाने के बाद उसे अस्पताल में भर्ती किया गया।इसी तरह टाटा आमंत्रा स्थित मनपा के सरकारी क्वारंटीन केंद्र से भी निकलकर 9 लोग जांच रिपोर्ट आने के पहले ही अपने घर चले आये थे। लगभग 6 दिन बाद जब उनके स्वैब की रिपोर्ट आई तो उसमें दो लोग कोरोना पॉजिटिव पाये गये। कोरोना पॉजिटिव पाये गये वह दोनों लोग 6 दिनों में कितने लोगों को संक्रमित किये होंगे इसका अनुमान लगाना सहज नहीं है ।
आईजीएम उपजिला अस्पताल की सुरक्षा व्यवस्था के बारे में जानकारी लेने के लिये मनपा आयुक्त डॉ. प्रवीण आष्टीकर, मनपा के चिकित्साधिकारी डॉ. जयवंत धुले एवं आईजीएम उपजिला अस्पताल के चिकित्साधीक्षक डॉ. अनिल थोरात से संपर्क करने का प्रयास किया गया, जिसमें मनपा आयुक्त डॉ. आष्टीकर एवं मनपा के चिकित्साधिकारी डॉ. धुले ने फोन उठाया ही नहीं। आईजीएम उपजिला अपस्पताल के चिकित्साधीक्षक डॉ. अनिल थोरात ने थोड़ी देर बाद फोन उठाने के बाद कहा कि वह एक महत्वपूर्ण मीटिंग में हैं ।बाद में फोन करते हैं, लेकिन उसके बाद किसी का भी फोन नहीं आया ।
उक्त संदर्भ में स्थानीय नगरसेवक मलिक मोमिन ने प्रतिक्रिया व्यक्त करते हुए कहा कि आईजीएम उपजिला अस्पताल में इस प्रकार की घोर लापरवाही करने वाले कर्मचारियों के विरुद्ध सख्त कार्रवाई की जानी चाहिये ।
मालूम हो कि एकता चौक के पास रहने वाले 65 वर्षीय एक व्यक्ति को टीबी हुई थी, उसका टीबी का उपचार चल ही रहा था कि उसी बीच किसी निजी लैब में जांच के दौरान वह कोरोना पॉजिटिव पाया गया। कोरोना पॉजिटिव पाये जाने के बाद उसे रविवार को दोपहर दो बजे आईजीएम उपजिला अस्पताल में भर्ती कराया गया था ।आईजीएम अस्पताल में उसका उपचार चल रहा था। लेकिन अस्पताल में भर्ती होने के लगभग पांच घंटे बाद ही वह अस्पताल से निकलकर चला गया। परंतु अस्पताल के चिकित्सकों एवं अस्पताल में लगे सुरक्षा व्यवस्था को इसकी भनक तक नहीं लगी। अस्पताल से निकलकर कोरोना पॉजिटिव मरीज इस्लामपुरा क्षेत्र में चला गया। इस्लामपुरा क्षेत्र में जाकर वह काफी देर तक जीना टाइम्स की सीढ़ी पर बैठा रहा, उसके बाद वहां से वह राहत नर्सिंग होम की सीढ़ी पर जाकर बैठ गया। स्थानीय नागरिकों की नजर उसके ऊपर पड़ते ही इसकी जानकारी नगरसेवक मलिक मोमिन को दी गई , स्थानीय नागरिक तुरंत उसे गाड़ी में बैठाकर आईजीएम अस्पताल ले जाकर पुनः उसे भर्ती कराया गया है।
नगरसेवक मलिक मोमिन द्वारा महापौर श्रीमती प्रतिभा पाटील एवं मनपा आयुक्त डॉ. प्रवीण आष्टीकर को सूचना मिलते ही स्वास्थ्य विभाग की टीम इस्लामपुरा क्षेत्र में पहुंच गई। स्वास्थ्य विभाग की टीम द्वारा देर रात तक पूरे क्षेत्र को सेनेटाइज करके वहां कीटाणुनाशक औषधि का छिड़काव किया गया। नगरसेवक मलिक मोमिन ने इस घटना पर चिंता व्यक्त करते हुये कहा कि आईजीएम उपजिला अस्पताल की इस प्रकार की लापरवाही भिवंडी शहर को एक बड़े जोखिम में डाल सकती है जो चिंता का विषय है । उन्होंने बताया कि इसकी शिकायत महापौर एवं मनपा आयुक्त से कर दी गई है।
बतादें कि इससे पहले भी कोरोना पॉजिटिव 51 वर्षीय एक व्यक्ति 23 अप्रैल को आईजीएम उपजिला अस्पताल के सामने स्थित मनपा कर्मचारी कालोनी के सामने घूम रहा था । कालोनी के नागरिकों द्वारा सूचना दिये जाने के बाद उसे अस्पताल में भर्ती किया गया।इसी तरह टाटा आमंत्रा स्थित मनपा के सरकारी क्वारंटीन केंद्र से भी निकलकर 9 लोग जांच रिपोर्ट आने के पहले ही अपने घर चले आये थे। लगभग 6 दिन बाद जब उनके स्वैब की रिपोर्ट आई तो उसमें दो लोग कोरोना पॉजिटिव पाये गये। कोरोना पॉजिटिव पाये गये वह दोनों लोग 6 दिनों में कितने लोगों को संक्रमित किये होंगे इसका अनुमान लगाना सहज नहीं है ।
आईजीएम उपजिला अस्पताल की सुरक्षा व्यवस्था के बारे में जानकारी लेने के लिये मनपा आयुक्त डॉ. प्रवीण आष्टीकर, मनपा के चिकित्साधिकारी डॉ. जयवंत धुले एवं आईजीएम उपजिला अस्पताल के चिकित्साधीक्षक डॉ. अनिल थोरात से संपर्क करने का प्रयास किया गया, जिसमें मनपा आयुक्त डॉ. आष्टीकर एवं मनपा के चिकित्साधिकारी डॉ. धुले ने फोन उठाया ही नहीं। आईजीएम उपजिला अपस्पताल के चिकित्साधीक्षक डॉ. अनिल थोरात ने थोड़ी देर बाद फोन उठाने के बाद कहा कि वह एक महत्वपूर्ण मीटिंग में हैं ।बाद में फोन करते हैं, लेकिन उसके बाद किसी का भी फोन नहीं आया ।
उक्त संदर्भ में स्थानीय नगरसेवक मलिक मोमिन ने प्रतिक्रिया व्यक्त करते हुए कहा कि आईजीएम उपजिला अस्पताल में इस प्रकार की घोर लापरवाही करने वाले कर्मचारियों के विरुद्ध सख्त कार्रवाई की जानी चाहिये ।
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