भिवंडी ।एम हुसेन। वैश्विक महामारी कोविड 19 के कारण,केंद्रीय सरकार द्वारा देश भर में लाॅकडाउन लागू कर दिया गया है , जिसके परिणामस्वरूप गत पूर्व 2 माह से भिवंडी के सभी ऑटो रिक्शा पूर्ण रूप से बंद हैं। जिसकारण ऑटो रिक्शा चालक और मालिक बेरोजगार हो गए हैं और आर्थिक संकट के कारण इनके सामने भुखमरी का संकट बना हुआ है जो एक गंभीर समस्या बनी हुई है हुआ है । जिसे देखते हुये भिवंडी ऑटो रिक्शा चालक मालक महासंघ के अध्यक्ष खालिद इरफान खान ने भिवंडी प्रांत अधिकारी और भिवंडी पुलिस उपायुक्त को एक ज्ञापन सौंप कर भिवंडी शहर और ग्रामीण क्षेत्रों में ऑटो रिक्शा शुरू करने की मांग की है।भिवंडी के प्रांत अधिकारी डॉ मोहन नलडकर तथा भिवंडी परिमंडल 2 के पुलिस उपायुक्त राजकुमार शिंदे को सौंपे गये ज्ञापन में भिवंडी भिवंडी ऑटो रिक्शा चालक मालक महासंघ के अध्यक्ष खालिद इरफान खान ने बताया कि देश में कोरोना वायरस की इस महामारी पर नियंत्रण पाने के लिए 23 मार्च से लाॅकडाउन लागू किया गया है । उसी दिन से भिवंडी शहर और ग्रामीण क्षेत्रों में ऑटो रिक्शा पूर्ण रूप से बंद हैं। ऑटो रिक्शा को बंद हुये दो महीने से अधिक समय बीत चुका है, जिससे ऑटो रिक्शा चालक और मालिक पूरी तरह से बेरोजगार हो गये हैं। बेरोजगारी का दर्द झेलने पर मजबूर भिवंडी के गरीब ऑटो रिक्शा चालक भुखमरी के संकट का शिकार हो गये हैं। जिनके पास अपने परिवारों का पालन पोषण करने के लिए पर्याप्त राशन भी नहीं बचा है। श्रमिकों से भी बदतर हालत उक्त ऑटो रिलक्शा वालों की हो गई हैं ।
इसी प्रकार , ऑटो रिक्शा मालिकों द्वारा बैंक ईएमआई का भुगतान न करने के कारण, उनके ऋणों पर ऋण और ब्याज दर बढ़ते जा रही है। आये दिन बैंक का फोन ईएमआई भरने के लिए रिक्शा मालिकों के पास आता रहता है। और बैंकर अक्सर ऑटो रिक्शा मालिकों को फोन करके उन्हें मानसिक रूप से परेशान करते हैं, जिससे उन्हें । स्थिति इतनी जटिल हो गई है कि अब यह असहनीय है। कई ऑटो रिक्शा चालक अपने परिवार की भुखमरी का दर्द बर्दाश्त न कर पाने के कारण मजबूर होकर चोरी छुपे ऑटो रिक्शा चला रहे हैं । पुलिस द्वारा मार पीट किये जाने और रोकने पर ऑटो रिक्शा वाले कहते हैं कि पुलिस का डंडा खाना बर्दाश्त है लेकिन हम अपने परिवार को भूखा मरते हुये देखना बर्दाश्त नहीं कर सकते।
भिवंडी ऑटो रिक्शा चालक मालक महासंघ के अध्यक्ष खालिद इरफान खान ने कहा है कि इस तरह की दर्दनाक स्थिति रिक्शा चालकों की हो गई है। इसलिये, लॉकडाउन 4 खत्म होने के बाद, लॉकडाउन 5 शुरू हो गया है। जिसमें भिवंडी शहर और ग्रामीण क्षेत्रों में ऑटो रिक्शा शुरू करने की अनुमति दी जानी चाहिए ताकि ऑटो रिक्शा चालकों और मालिकों के परिवारों को भुखमरी के संकट से बचाया जा सके।
इसी प्रकार , ऑटो रिक्शा मालिकों द्वारा बैंक ईएमआई का भुगतान न करने के कारण, उनके ऋणों पर ऋण और ब्याज दर बढ़ते जा रही है। आये दिन बैंक का फोन ईएमआई भरने के लिए रिक्शा मालिकों के पास आता रहता है। और बैंकर अक्सर ऑटो रिक्शा मालिकों को फोन करके उन्हें मानसिक रूप से परेशान करते हैं, जिससे उन्हें । स्थिति इतनी जटिल हो गई है कि अब यह असहनीय है। कई ऑटो रिक्शा चालक अपने परिवार की भुखमरी का दर्द बर्दाश्त न कर पाने के कारण मजबूर होकर चोरी छुपे ऑटो रिक्शा चला रहे हैं । पुलिस द्वारा मार पीट किये जाने और रोकने पर ऑटो रिक्शा वाले कहते हैं कि पुलिस का डंडा खाना बर्दाश्त है लेकिन हम अपने परिवार को भूखा मरते हुये देखना बर्दाश्त नहीं कर सकते।
भिवंडी ऑटो रिक्शा चालक मालक महासंघ के अध्यक्ष खालिद इरफान खान ने कहा है कि इस तरह की दर्दनाक स्थिति रिक्शा चालकों की हो गई है। इसलिये, लॉकडाउन 4 खत्म होने के बाद, लॉकडाउन 5 शुरू हो गया है। जिसमें भिवंडी शहर और ग्रामीण क्षेत्रों में ऑटो रिक्शा शुरू करने की अनुमति दी जानी चाहिए ताकि ऑटो रिक्शा चालकों और मालिकों के परिवारों को भुखमरी के संकट से बचाया जा सके।
Post a Comment
Blogger Facebook