भिवंडी ।एम हुसेन।कोरोना वायरस के बढते संक्रमण को रोकने तथा संक्रमित मरीजों के उपचार के लिए भिवंडी के इंदिरा गांधी उपजिला अस्पताल को कोविड-19 अस्पताल बनाया गया है ।और इंदिरा गांधी उपजिला अस्पताल में किये जाने वाले उपचार के मरीजों को अन्य अस्पतालों में स्थानांतरित करने का नियोजन मनपा प्रशासन द्वारा किया गया है परंतु अन्य अस्पतालों में न तो मरीजों को भर्ती लिया जा रहा है और न ही उपचार सुविधा उपलब्ध कराया जा रहा है जो एक गंभीर समस्या बनते जा रही है। गौरतलब है कि इंदिरा गांधी उपजिला अस्पताल को जब से कोविड_19 अस्पताल बनाया गया है उस समय से डिलेवरी के केसेस को ऑर्बिट अस्पताल मंडई और ऑरेंज अस्पताल धामनकर नाका पर स्थित उपचार सुविधा उपलब्ध कराया गया है। लेकिन अभी तक इतने दिन गुज़रने के बाद भी ऑर्बिट अस्पताल में कोई काम शुरु नही हुआ है। अभी तक पचासों डिलेवरी की मरीज़ों को ऑर्बिट अस्पताल में धक्का खाना पड रहा है , मजबूरन उन्हें ढांगे अस्पताल में जाकर डिलेवरी कराना पड़ रहा है। ऑरेंज अस्पताल के डॉ राजू से संपर्क करने पर उन्होंने बताया कि हमारे यहां सरकारी डिलेवरी का काम चालू है। लेकिन जब अमित सिंह नामी मरीज़ ने बताया कि मेरी पत्नी की डिलिवरी होने वाली थी , जब सुबह 7 बजे पहुंचे तो हमारे मरीज को कोई देखने को तैयार नही सिस्टर बात सुनने को तैयार नहीं, परिणामस्वरूप मरीज़ की हालत बिगड़ने लगी और मजबूर होकर अमित सिंह ने गैबी नगर स्थित सिटी अस्पताल में अपनी पत्नी को भर्ती कराया जहां ऑपरेशन से डिलेवरी हुई जहां उन्हें 25 से 30 हज़ार रुपया खर्च करना पड़ा है । इसी प्रकार अन्य मरीज़ों को धक्का खाना पड रहा है परंतु उनकी सुनने वाला कोई नही है।
इसी प्रकार इंदिरा गांधी उपजिला अस्पताल ने डिलेवरी बच्चों के 3 अस्पताल का नाम दिया जहां उन बच्चों का उपचार किया जाएगा। गोरे अस्पताल, लोटस अस्पताल और ड्रोन अस्पताल, लेकिन आपको आश्चर्य होगा कि जब उक्त अस्पतालों के डॉक्टरों से बात की गई तो ड्रोन अस्पताल को पता ही नहीं है कि उनके अस्पताल को बच्चों के केस उनके अस्पताल में लिए जाएंगे और उपचार किया जाएगा ।इसी प्रकार उन्होंने कहा कि हमने तो पेडियेट्रिक डिपार्टमेंट को बंद कर दिया है । लोटस अस्पताल में तो कोई पेडियेट्रिक डॉ ही नहीं है , गोरे अस्पताल के डॉक्टर को अभी तक ऑफिसियल लेटर भी नही दिया गया है।भिवंडी के मरीजों को उक्त प्रकार की समस्याओं का सामना करना पड़ रहा है जो बहुत ही दुःख की बात है। उक्त समस्याओं को गंभीरता पूर्वक संज्ञान में लेते हुए ऑपरेशन मुक्त भिवंडी के अध्यक्ष डॉ शफीक सिद्दीकी ने शासन से तत्काल प्रभाव से इस पूरे मामले की जांच की मांग की है ।और उक्त प्रकार की घोर लापरवाही बरतने वाले तथा दोषी पाए जाने वालों के विरुद्ध सख्त कार्रवाई करने के लिए मांग की है।
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