भिवंडी।एम हुसेन। लॉकडाउन में फंसे हुये भिवंडी के मजदूर एवं बेसहारा लोग उपविभागीय अधिकारी एवं मनपा के बीच पिस रहे हैं। मनपा क्षेत्र में होने के कारण जिन्हें न तो मनपा से खाने-पीने के लिये कोई सहाायत मिल पा रही है और न ही उपविभागीय अधिकारी से ।मजदूरों एवं बेसाहारा लोगों के खाने के लिये कोई व्यवस्था न होने के कारण ही मजबूर होकर मजदूर बड़ी तेजी से अपने गांव भाग रहे हैं ।
भिवंडी की सामाजिक संस्था संवाद फाउंडेशन के एड. अनूपकुमार शुक्ला ने बताया कि टेमघर,सोनाले एवं आसपास रहने वाले डेढ़-दो सौ परिवारों को कोई सहायता नहीं मिल पा रही है।उन्होंने बताया कि लॉकडाउन लागू किए जाने के बाद से ही उनका फाउंडेशन मनपा क्षेत्रों के साथ ही ग्रामीण क्षेत्रों में भी भोजन का पैकेट एवं खाद्य सामग्री वितरित कर रहा है ।फाउंडेशन के पास अब पैसा भी नहीं है कि वह आगे भी इस प्रकार से सहायता करता रहे। जिसके कारण उन्होंने उपविभागीय अधिकारी डॉ. मोहन नलदकर से संपर्क किया, उपविभागीय अधिकारी ने मनपा से संपर्क करने के लिये कहकर फोन काट दिया। उपविभागीय अधिकारी के बाद उन्होंने जब मनपा आयुक्त डॉ. प्रवीण आष्टीकर से संपर्क करने का प्रयास किया तो उन्होंने फोन ही नहीं उठाया। एड. अनूपकुमार शुक्ला ने बताया कि टेमघर एवं सोनाले के ही मजदूर नहीं इसी प्रकार शहर के विभिन्न क्षेत्रों में सैकड़ों मजदूर हैं। जिन्हें यदि सामाजिक संस्थाओं द्वारा कुछ न मिले तो मनपा एवं उपविभागीय अधिकारी द्वारा कुछ मिलने वाला नहीं है। फेनेपाड़ा के आदिवासी पाड़ा की कचरा चुनने वाली महिलाओं के लिये जब उपविभागीय अधिकारी से संपर्क किया गया था तो उन्होंने उसकी सूची मंगाई थी, लेकिन कचरा चुनने वाली महिलाओं की सूची मंगाने के बाद उन्होंने कोई ध्यान नहीं दिया, फोन करने के बाद उन्होंने फिर कभी फोन नहीं उठाया ।मनपा आयुक्त से संपर्क करने के बाद कचरा चुनने वाली उन महिलाओं को मनपा के कम्युनिटी किचन से भोजन मिल रहा है। लेकिन सोनाले एवं टेमघर के लोगों को कुछ भी नहीं मिला ।एड. अनूपकुमार शुक्ला ने मनपा आयुक्त डॉ. प्रवीण आष्टीकर एवं उपविभागीय अधिकारी डॉ. मोहन नलदकर से टेमघर के ऐसे गरीब परिवारों के भोजन के लिये खाद्य सामग्री उपलब्ध कराने की मांग की है ।
भिवंडी की सामाजिक संस्था संवाद फाउंडेशन के एड. अनूपकुमार शुक्ला ने बताया कि टेमघर,सोनाले एवं आसपास रहने वाले डेढ़-दो सौ परिवारों को कोई सहायता नहीं मिल पा रही है।उन्होंने बताया कि लॉकडाउन लागू किए जाने के बाद से ही उनका फाउंडेशन मनपा क्षेत्रों के साथ ही ग्रामीण क्षेत्रों में भी भोजन का पैकेट एवं खाद्य सामग्री वितरित कर रहा है ।फाउंडेशन के पास अब पैसा भी नहीं है कि वह आगे भी इस प्रकार से सहायता करता रहे। जिसके कारण उन्होंने उपविभागीय अधिकारी डॉ. मोहन नलदकर से संपर्क किया, उपविभागीय अधिकारी ने मनपा से संपर्क करने के लिये कहकर फोन काट दिया। उपविभागीय अधिकारी के बाद उन्होंने जब मनपा आयुक्त डॉ. प्रवीण आष्टीकर से संपर्क करने का प्रयास किया तो उन्होंने फोन ही नहीं उठाया। एड. अनूपकुमार शुक्ला ने बताया कि टेमघर एवं सोनाले के ही मजदूर नहीं इसी प्रकार शहर के विभिन्न क्षेत्रों में सैकड़ों मजदूर हैं। जिन्हें यदि सामाजिक संस्थाओं द्वारा कुछ न मिले तो मनपा एवं उपविभागीय अधिकारी द्वारा कुछ मिलने वाला नहीं है। फेनेपाड़ा के आदिवासी पाड़ा की कचरा चुनने वाली महिलाओं के लिये जब उपविभागीय अधिकारी से संपर्क किया गया था तो उन्होंने उसकी सूची मंगाई थी, लेकिन कचरा चुनने वाली महिलाओं की सूची मंगाने के बाद उन्होंने कोई ध्यान नहीं दिया, फोन करने के बाद उन्होंने फिर कभी फोन नहीं उठाया ।मनपा आयुक्त से संपर्क करने के बाद कचरा चुनने वाली उन महिलाओं को मनपा के कम्युनिटी किचन से भोजन मिल रहा है। लेकिन सोनाले एवं टेमघर के लोगों को कुछ भी नहीं मिला ।एड. अनूपकुमार शुक्ला ने मनपा आयुक्त डॉ. प्रवीण आष्टीकर एवं उपविभागीय अधिकारी डॉ. मोहन नलदकर से टेमघर के ऐसे गरीब परिवारों के भोजन के लिये खाद्य सामग्री उपलब्ध कराने की मांग की है ।
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