उल्लेखनीय है कि वरिष्ठ शिवसेना नेता महेंद्र कुंभारे द्वारा मुख्यमंत्री उद्धव ठाकरे एवं स्वास्थ्य मंत्री टोपे को लिखित पत्र के अनुसार, पूर्व 1 वर्षों से भिवंडी मनपा में स्थाई मुख्य वैद्यकीय अधिकारी न होने के कारण प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्रों पर भी गरीब मरीजों का समुचित उपचार नहीं हो पा रहा है ।उपचार के अभाव में सैकड़ों असंगठित गरीब मरीज अनेक प्रकार की परेशानियों का सामना करना कर रहे हैं,मनपा द्वारा संचालित 15 स्वास्थ्य केंद्रों पर कुशल डॉक्टरों, नर्सों की उपस्थिति न होने के कारण गरीब मजदूर बगैर उपचार वापस लौट जाते हैं।मनपा आयुक्त डॉ प्रवीण आष्टीकर के आदेश पर इंदिरा गांधी उपजिला अस्पताल में मरीजों को मिलने वाली तमाम उपचार सुविधाओं को मनपा प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्रों सहित कुछ निजी अस्पतालों में ट्रांसफर किया गया है ।
वरिष्ठ शिवसैनिक महेंद्र कुंभारे का आरोप है कि, भिवंडी मनपा में नियुक्त प्रभारी वैद्यकीय अधिकारी जयंत धुले अनुभवहीन हैं , एमबीबीएस डिग्री प्राप्तकर्ता को लगभग 15 लाख आबादी का स्वास्थ्य रक्षक बनाया जाना मनपा प्रशासन की लापरवाही व कार्यकुशलता पर गंभीर प्रश्न खड़ा करता है ।कुंभारे का आरोप है कि,डाॅक्टर जयंत धुले आर्थिक व्यवहार करके कुर्सी पर विराजमान हैं और शहर स्थित सैकड़ों अस्पतालों से धन उगाही भी करते रहते हैं ।
कुंभारे ने मनपा प्रशासन की कार्यप्रणाली पर भी गंभीर आरोप लगाते हुए कहा कि, 6 माह पूर्व स्वास्थ्य निदेशक गौरी राठौड़ द्वारा भिवंडी मनपा प्रशासन को पत्र भेजकर कुशल शल्यचिकित्सक डॉ नितिन मोकाशी को मनपा का मुख्य वैद्यकिय आरोग्य अधिकारी बनाए जाने का आदेश दिया गया था ।परंतु स्वास्थ्य निदेशक के आदेशों का उल्लंघन करते हुए मनपा प्रशासन जनहित सुरक्षा से जुड़े आदेश का पालन आज तक नहीं किया गया है जो अति चिंताजनक है ।
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