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भिवंडी रेलवे स्टेशन के बाहर दो मजदूरों को बहुत परेशानी  का सामना करना पड़ा,पुलिस ने भी नहीं की मदद।
 भिवंडी।एम हुसेन।कोरोना वायरस के बढ़ते प्रभाव के  परिणाम स्वरूप  कामधंधा बंद किये जाने से मजदूरों का पलायन शुरू हो गया है ,और कामधंधा बंद होने के कारण मजदूर किसी तरह से अपने गांव जाना चाहते हैं।इसी प्रकार  गोवा से आये दो मजदूर सोनूकुमार एवं सनीदेवल भिवंडी स्टेशन के बाहर भटक रहे थे।जिन्हें  स्टेशन पर तैनात नारपोली पुलिस के हवलदार उनकी मदद करने के बजाय उन्हें दो डंडा मारकर स्टेशन से भगा दिया था,जिन्हें कुछ समझ में  नहीं आ रहा था कि वह क्या करें और   कहां जायें? क्योंकि भिवंडी में जहां रहने के लिये आये थे वहां के लोग उन्हें रुकने नहीं दिये ।
     प्राप्त जानकारी के अनुसार  उ प्र के रहने वाले सोनूकुमार एवं सनीदेवल नामक दो मजदूर गोवा में पीओपी का काम करते हैं परंतु कोरोना वायरस के बढ़ते  प्रभाव के कारण वहां का कामधंधा बंद कर दिया गया है। जिसके कारण दोनों मजदूर 21 मार्च को गोवा से भिवंडी आ गये थे, लेकिन भिवंडी में अपने जिस रिश्तेदार के यहां आये थे, उनके आसपास रहने वाले लोग दोनों मजदूरों के गोवा से आने के कारण उन्हें रुकने नहीं दिये। जिसके कारण कुर्ला से ट्रेन पकड़कर वे उ प्र जाने के लिये भिवंडी रोड रेलवे स्टेशन गये थे। दोनों मजदूरों के अनुसार उनके पास कुर्ला से उ प्र जाने के लिये रेलवे का टिकट भी था । लेकिन जनता कर्फ्यू के कारण यातायात के सभी साधन बंद थे, दोनों मजदूर जब भिवंडी रेलवे स्टेशन पर पहुंचे तो वहां राजस्व विभाग एवं स्वास्थ्य विभाग की टीम के साथ नारपोली पुलिस के दो पुलिस कर्मी  तैनात थे। राजस्व एवं स्वास्थ्य विभाग की टीम कोरोना वायरस को लेकर वहां तैनात की गई थी, लेकिन उन्होंने उनकी कोई मदद नहीं की, पुलिस कर्मियों ने उनकी कोई मदद करने के बजाय दोनों मजदूरों को दो-दो डंडे मारकर इसलिये भगा दिया कि वे स्टेशन पर चले गये थे ।
   स्टेशन के बाहर दोनों मजदूरों को भटकते हुये परेशानी की हालत में जब भिवंडी के पत्रकारों  ने देखा तो उनकी परेशानी के बारे में जानकारी लिया। उन मजदूरों ने बताया कि वे गोवा से आये थे, जिसके कारण उन्हें  रुकने नहीं दिया गया, गांव जाने के लिये रेलवे स्टेशन आये तो वहां तैनात पुलिस उनकी मदद करने के बजाय उन्हें डंडे मारकर भगा दी । मजदूरों ने रोते हुये पूछा कि पुलिस मदद करने के लिये है या जनता को परेशान करने के लिये, जो बड़े आश्चर्य की बात है ।
  मजदूरों की परेशानी को देखते हुए आरपीएफ के इंचार्ज एच.बी.कुंभार से मिलकर स्टेशन पर तैनात किये गये स्वास्थ्य विभाग की टीम से जांच कराने की मांग की गई  ताकि मजदूर यदि कोरोना वायरस से प्रभावित हैं तो उन्हें कोरेंटाइन केंद्र में भेजा जाये यदि कोरोना वायरस से प्रभावित नहीं हैं तो उन्हें भिवंडी में अपने रिश्तेदार के यहां रुकने का अवसर मिल सके। आरपीएफ इंचार्ज एच.बी.कुंभार एवं डी.डी.ठाकुर की मदद से दोनों मजदूरों की स्टेशन पर तैनात स्वास्थ्य विभाग की टीम द्वारा जांच कराया गया, जांच में ठीक पाये जाने पर उन्हें भिवंडी में रहने वाले उनके रिश्तेदार के यहां भेज दिया  गया है।

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