भिवंडी ।एम हुसेन ।महाशिवरात्रि के अवसर पर श्रीरामेश्वर मंदिर,नीलकंठेश्वर एवं मार्कण्डेश्वर मंदिर सहित सभी शिवमंदिरों में विभिन्न कार्यक्रमों का आयोजन किया जाता है। लेकिन ताड़ाली के ठाकरापाड़ा रोड स्थित स्वामी श्री गंभीरानंद आश्रम के श्री त्रिलोकेश्वर महादेव मंदिर में सात दिवसीय महाशिवरात्रि महोत्सव चल रहा है, जिसमें विभिन्न कार्यक्रमों के साथ काशी के विद्वान पं. श्यामधर पांडेय याज्ञिक प्रतिदिन 40 अनुष्ठात्रियों द्वारा भगवान शंकर का पार्थिव पूजन करा रहे हैं ।21 फरवरी को महाशिवरात्रि के चारों प्रहर में नर्मदेश्वर महादेव का रुद्राभिषेक किया जायेगा, जिसमें 108 अनुष्ठात्री शामिल होंगे ।
महाशिवरात्रि महोत्सव के उपलक्ष्य में 16 फरवरी को साधना शिविर का शुभारंभ किया गया जो 22 फरवरी तक निरंतर चलेगा ।एकाग्रता एवं स्मरण शक्ति वृद्धि के लिए 16 फरवरी रविवार की सुबह सात बजे सारस्वत्य बालविद्या संस्कार किया गया, जिसमें दो दर्जन से अधिक छात्र शामिल हुए थे,जिनका बालविद्या संस्कार किया गया। 16 फरवरी को सायं छह बजे शिवमहिम्न स्त्रोत एवं श्रीमद्भगवतगीता पारायण,सात बजे मंगलमय भजन कीर्तन,आठ बजे प.पू.स्वामीजी महाराज के कर कमलों द्वारा दीप प्रज्वलन किया गया ।काशी के विद्वान पंडित श्यामधर पाण्डेय द्वारा 17 फरवरी से प्रतिदिन सुबह नौ बजे से एक बजे तक द्वादश पार्थिवलिंग रुद्राभिषेक,दिव्य पूजन एवं विसर्जन कराया जा रहा है, जिसमें 40 अनुष्ठात्री शामिल हैं। त्रिलोकेश्वर महादेवजी के महाशिवरात्रि के चार प्रहार जिसमें प्रथम प्रहार शाम छह बजे से नौ बजे तक ,दूसरा प्रहार रात्रि नौ बजे से 12 बजे तक,तीसरा प्रहार रात्रि 12 बजे से तीन बजे तक और चौथा प्रहार रात्रि तीन बजे से सुबह छह बजे तक रुद्राभिषेक,पूजन,प्रसाद अर्पण,भव्य दर्शन कराया जाएगा। जिसमें पाप नाश के लिए महाशिवरात्रि जागरण एवं दीप प्रज्वलन,पारिवारिक शांति के लिए शिवमहात्म कथा एवं मंगलमय भजन कीर्तन,धनलक्ष्मी एवं संतान प्राप्ति के लिए शिवव्रतानुष्ठार्थ साधना शिविर , आकस्मिक दुर्घटना से मुक्ति के लिए महामृत्युंजय हवनात्मक यज्ञ,रोग निवारण के लिए योगासन एवं प्राणायाम का अभ्यास का आयोजन किया गया है ।
21 फरवरी को सुबह पांच बजे परमसुख मोक्ष प्राप्ति के लिए गुरुदीक्षा संस्कार एवं सार्वजनिक भंडारा का आयोजन किया गया है ।21 फरवरी को महाशिवरात्रि के दिन सायंकाल पांच बजे शिवजी की बारात निकाली जायेगी और उसके बाद शिव-पार्वती विवाह संपन्न होगा। महाशिवरात्रि के दिन जन्म से मृत्यु तक के जीवन चक्र के बारे में लोगों को जानकारी देने के लिए इस बार 'जीवन चक्र प्रदर्शनी '- लाइफ सर्कल एक्जीब्युशन- का भी आयोजन किया गया है, जिसमें तनाव से मुक्ति,धूम्रपान तथा नशीले पदार्थों से होने वाली हानि की जानकारी,असाध्य बीमीरियों से छुटकारा पाने का उपाय,शारीरिक स्वास्थ्य का लाभ,संसार चक्र का ज्ञान,कर्म बन्धन से मुक्ति,परमात्मा की प्राप्ति के लिए ध्यान की साधना,आत्म ज्ञान की प्राप्ति,चंचल मन को कैसे एकाग्र किया जाए,काम,क्रोध एवं लोभ का दमन कैसे किया जाए एवं गीता ज्ञान को घर -घर तक पहुंचाने आदि के बारे में सचित्र जानकारी देकर 30 मिनट की एक फ़िल्म दिखायी जायेगी ।महाशिवरात्रि महोत्सव में अधिक से अधिक लोगों से शामिल होकर लाभ लेने का अनुरोध ब्रह्मचारी प्रेमस्वरूप चैतन्य ने किया है ।
महाशिवरात्रि के पावन पर्व के अवसर पर भिवंडी के शिवमंदिरों में जलाभिषेक करने के लिये शिवभक्तों की सुबह से ही भारी भीड़ लग जाती है ।कापतालाब स्थित श्रीरामेश्वर मंदिर भगवान शकंर का स्वंयभू मंदिर कहा जाता है । जहां जलाभिषेक करने के लिये सुबह से ही शिवभक्तों की भीड़ लग जाती है । आचार्य पं.रविशंकर मिश्र बताते हैं कि श्रीरामेश्वर मंदिर के प्रति यहां के लोगों में विशेष आस्था है । जिसके कारण जलाभिषेक आदि करने के लिये लोग सुबह से ही लग जाते है, इसी प्रकार तीनबत्ती स्थित नीलकंठेश्वर मंदिर, भीमेश्वर मंदिर,कल्याण रोड स्थित मार्कंडेश्वर मंदिर में शिवभक्तों की भीड़ सुबह से ही लग जाती है ।
भिवंडी के शिवमंदिरों में सबसे अधिक भीड़ एवं सबसे लंबी लाइन सोनाले पहाड़ी पर स्थित दिंडेश्वर मंदिर में भगवान शंकर को जलाभिषेक करने के लिये लगती है ।समुद्र तल से लगभग तीन हजार फिट ऊंचाई पर सोनाले की पहाड़ी पर स्थित दिंडेश्वर मंदिर को पूर्व विधायक रुपेश म्हात्रे की मांग पर राज्य सरकार द्वारा तीर्थक्षेत्र घोषित किया गया था, दिंडेश्वर मंदिर को राज्य सरकार द्वारा पर्यटक स्थल बनाने की मांग पूर्व विधायक रुपेश म्हात्रे द्वारा किये जाने पर पांच करोड़ रूपये की मंजूरी दी गई थी । जिसमें वहां की सड़क एवं लाइट आदि के लिये एक करोड़ रूपये खर्च भी किया जा चुका है ।
महाशिवरात्रि महोत्सव के उपलक्ष्य में 16 फरवरी को साधना शिविर का शुभारंभ किया गया जो 22 फरवरी तक निरंतर चलेगा ।एकाग्रता एवं स्मरण शक्ति वृद्धि के लिए 16 फरवरी रविवार की सुबह सात बजे सारस्वत्य बालविद्या संस्कार किया गया, जिसमें दो दर्जन से अधिक छात्र शामिल हुए थे,जिनका बालविद्या संस्कार किया गया। 16 फरवरी को सायं छह बजे शिवमहिम्न स्त्रोत एवं श्रीमद्भगवतगीता पारायण,सात बजे मंगलमय भजन कीर्तन,आठ बजे प.पू.स्वामीजी महाराज के कर कमलों द्वारा दीप प्रज्वलन किया गया ।काशी के विद्वान पंडित श्यामधर पाण्डेय द्वारा 17 फरवरी से प्रतिदिन सुबह नौ बजे से एक बजे तक द्वादश पार्थिवलिंग रुद्राभिषेक,दिव्य पूजन एवं विसर्जन कराया जा रहा है, जिसमें 40 अनुष्ठात्री शामिल हैं। त्रिलोकेश्वर महादेवजी के महाशिवरात्रि के चार प्रहार जिसमें प्रथम प्रहार शाम छह बजे से नौ बजे तक ,दूसरा प्रहार रात्रि नौ बजे से 12 बजे तक,तीसरा प्रहार रात्रि 12 बजे से तीन बजे तक और चौथा प्रहार रात्रि तीन बजे से सुबह छह बजे तक रुद्राभिषेक,पूजन,प्रसाद अर्पण,भव्य दर्शन कराया जाएगा। जिसमें पाप नाश के लिए महाशिवरात्रि जागरण एवं दीप प्रज्वलन,पारिवारिक शांति के लिए शिवमहात्म कथा एवं मंगलमय भजन कीर्तन,धनलक्ष्मी एवं संतान प्राप्ति के लिए शिवव्रतानुष्ठार्थ साधना शिविर , आकस्मिक दुर्घटना से मुक्ति के लिए महामृत्युंजय हवनात्मक यज्ञ,रोग निवारण के लिए योगासन एवं प्राणायाम का अभ्यास का आयोजन किया गया है ।
21 फरवरी को सुबह पांच बजे परमसुख मोक्ष प्राप्ति के लिए गुरुदीक्षा संस्कार एवं सार्वजनिक भंडारा का आयोजन किया गया है ।21 फरवरी को महाशिवरात्रि के दिन सायंकाल पांच बजे शिवजी की बारात निकाली जायेगी और उसके बाद शिव-पार्वती विवाह संपन्न होगा। महाशिवरात्रि के दिन जन्म से मृत्यु तक के जीवन चक्र के बारे में लोगों को जानकारी देने के लिए इस बार 'जीवन चक्र प्रदर्शनी '- लाइफ सर्कल एक्जीब्युशन- का भी आयोजन किया गया है, जिसमें तनाव से मुक्ति,धूम्रपान तथा नशीले पदार्थों से होने वाली हानि की जानकारी,असाध्य बीमीरियों से छुटकारा पाने का उपाय,शारीरिक स्वास्थ्य का लाभ,संसार चक्र का ज्ञान,कर्म बन्धन से मुक्ति,परमात्मा की प्राप्ति के लिए ध्यान की साधना,आत्म ज्ञान की प्राप्ति,चंचल मन को कैसे एकाग्र किया जाए,काम,क्रोध एवं लोभ का दमन कैसे किया जाए एवं गीता ज्ञान को घर -घर तक पहुंचाने आदि के बारे में सचित्र जानकारी देकर 30 मिनट की एक फ़िल्म दिखायी जायेगी ।महाशिवरात्रि महोत्सव में अधिक से अधिक लोगों से शामिल होकर लाभ लेने का अनुरोध ब्रह्मचारी प्रेमस्वरूप चैतन्य ने किया है ।
महाशिवरात्रि के पावन पर्व के अवसर पर भिवंडी के शिवमंदिरों में जलाभिषेक करने के लिये शिवभक्तों की सुबह से ही भारी भीड़ लग जाती है ।कापतालाब स्थित श्रीरामेश्वर मंदिर भगवान शकंर का स्वंयभू मंदिर कहा जाता है । जहां जलाभिषेक करने के लिये सुबह से ही शिवभक्तों की भीड़ लग जाती है । आचार्य पं.रविशंकर मिश्र बताते हैं कि श्रीरामेश्वर मंदिर के प्रति यहां के लोगों में विशेष आस्था है । जिसके कारण जलाभिषेक आदि करने के लिये लोग सुबह से ही लग जाते है, इसी प्रकार तीनबत्ती स्थित नीलकंठेश्वर मंदिर, भीमेश्वर मंदिर,कल्याण रोड स्थित मार्कंडेश्वर मंदिर में शिवभक्तों की भीड़ सुबह से ही लग जाती है ।
भिवंडी के शिवमंदिरों में सबसे अधिक भीड़ एवं सबसे लंबी लाइन सोनाले पहाड़ी पर स्थित दिंडेश्वर मंदिर में भगवान शंकर को जलाभिषेक करने के लिये लगती है ।समुद्र तल से लगभग तीन हजार फिट ऊंचाई पर सोनाले की पहाड़ी पर स्थित दिंडेश्वर मंदिर को पूर्व विधायक रुपेश म्हात्रे की मांग पर राज्य सरकार द्वारा तीर्थक्षेत्र घोषित किया गया था, दिंडेश्वर मंदिर को राज्य सरकार द्वारा पर्यटक स्थल बनाने की मांग पूर्व विधायक रुपेश म्हात्रे द्वारा किये जाने पर पांच करोड़ रूपये की मंजूरी दी गई थी । जिसमें वहां की सड़क एवं लाइट आदि के लिये एक करोड़ रूपये खर्च भी किया जा चुका है ।
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