भिवंडी । एम हुसेन ।मुंबई उच्च न्यायालय के आदेशानुसार ग्रीनजोन,सरकारी एवं गांव की जमीन में बनाये गये आवासों एवं व्यवसायिक निर्माणों को एमएमआरडीए द्वारा हटाने की कार्रवाई की जा रही है। जिसके विरोध में पिछले एक महीने से अलग-अलग आंदोलन किया जा रहा है, लेकिन एमएमआरडीए द्वारा कार्रवाई न रोकने के कारण हजारों की संख्या में ग्रामीणों ने नागरी हक्क बचाओ संघर्ष समिति के नेतृत्व में मुंबई-नासिक महामार्ग स्थित राजनोली नाके पर रास्ता रोको आंदोलन किया। इस दौरान पुलिस उपायुक्त राजकुमार शिंदे द्वारा पुलिस का कड़ा बंदोबस्त किया गया था ।
बतादें कि भिवंडी तालुका में एमएमआरडीए के अंतर्गत 60 ग्राम पंचायतों का समावेश है , जिसमें 168 राजस्व गांव की जमीनों,ग्रीनजोन एवं सरकारी जमीनों पर बनाये गये निर्माणों को उच्च न्यायालय द्वारा गैरकानूनी घोषित करते हुये उसे 15 फरवरी तक हटाने का आदेश दिया है ।जिसके लिये जिलाधिकारी कार्यालय द्वारा गांवं में किये गये निर्माणों का सर्वे करने पर लगभग 22 हजार निर्माणों को अवैध बताया गया है, जिसमें भारी संख्या में आवासीय एवं व्यवसायिक इमारते हैं। जिन्हें हटाने के लिये एमएमआरडीए द्वारा पिछले एक महीने से कार्रवाई शुरू की गई है।लेकिन उसी समय से ग्रामीणों ने एमएमआरडीए की कार्रवाई का कड़ा विरोध करना शुरू कर दिया है जो बदस्तूर जारी है ।
यहां के लोगों का कहना है कि जिलाधिकारी कार्यालय द्वारा गलत जानकारी देने के कारण उच्च न्यायालय द्वारा इस प्रकार का आदेश दिया गया है। पिछले तीन पीढ़ियों से रहने वाले किसान अपनी पैतृक संपत्ति में मकान बनाकर रह रहे हैं और खेती की जमीन में बिनखेती की अनुमति लेकर गोदाम बनाकर अपने परिवार का पालन पोषण कर रहे हैं, उनके मकान एवं गोदाम आदि को हटाने के बाद उनके परिवार के लिये भुखमरी की समस्या उतपन्न हो जाएगी जो एक गंभीर समस्या है । अपना मकान एवं गोदाम आदि बचाने के लिये तालुका के लोगों ने आंदोलन करना शुरू कर दिया है ।ग्रामीणों ने चेतावनी देते हुये कहा है कि जब तक उन्हें न्याय नहीं मिल जाता है ,उस समय तक मुंबई-नासिक महामार्ग पर उनका आंदोलन जारी रहेगा।इस आंदोलन में शिवसेना जिला प्रमुख प्रकाश पाटील,ग्रामीण विधानसभा के विधायक शांताराम मोरे, पूर्व विधायक रुपेश म्हात्रे,भाजपा ठाणे ग्रामीण जिलाध्यक्ष दयानंद चोरघे,बालाराम भोईर,किरण चन्ने,भारद्वाज चौधरी,श्रमजीवी संगठन के दत्तात्रय कोलेकर,अशोक साप्टे,मनसे के डी.के.म्हात्रे,कांग्रेस के राकेश पाटील,एनसीपी के गणेश गुलवी सहित भारी संख्या में लोग शामिल थे ।
पुलिस द्वारा किसानों को फौजदारी दंड प्रक्रिया अधिनियम 1973 की धारा-149 के तहत नोटिस दिया गया था, इसके बावजूद हजारों की संख्या में किसानों ने मुंबई नासिक महामार्ग पर राजनोली नाका के पास रास्ता रोको आंदोलन किया। जहां किसी भी अप्रिय घटना से निपटने के लिये पुलिस उपायुक्त राजकुमार शिंदे द्वारा लगभग डेढ़ हजार पुलिस कर्मियों का बंदोबस्त किया गया था।
आंदोलन में शामिल किसानों की समस्याओं को जानने के लिये निवासी उपजिलाधिकारी डॉ. शिवाजी पाटील, भिवंडी तहसीलदार शशिकांत गायकवाड़ सहित राजस्व विभाग की टीम ने आंदोलन में शामिल किसानों को समझा बुझाकर न्यायालय में उनका पक्ष रखने का आश्वासन दिया है।
बतादें कि भिवंडी तालुका में एमएमआरडीए के अंतर्गत 60 ग्राम पंचायतों का समावेश है , जिसमें 168 राजस्व गांव की जमीनों,ग्रीनजोन एवं सरकारी जमीनों पर बनाये गये निर्माणों को उच्च न्यायालय द्वारा गैरकानूनी घोषित करते हुये उसे 15 फरवरी तक हटाने का आदेश दिया है ।जिसके लिये जिलाधिकारी कार्यालय द्वारा गांवं में किये गये निर्माणों का सर्वे करने पर लगभग 22 हजार निर्माणों को अवैध बताया गया है, जिसमें भारी संख्या में आवासीय एवं व्यवसायिक इमारते हैं। जिन्हें हटाने के लिये एमएमआरडीए द्वारा पिछले एक महीने से कार्रवाई शुरू की गई है।लेकिन उसी समय से ग्रामीणों ने एमएमआरडीए की कार्रवाई का कड़ा विरोध करना शुरू कर दिया है जो बदस्तूर जारी है ।
यहां के लोगों का कहना है कि जिलाधिकारी कार्यालय द्वारा गलत जानकारी देने के कारण उच्च न्यायालय द्वारा इस प्रकार का आदेश दिया गया है। पिछले तीन पीढ़ियों से रहने वाले किसान अपनी पैतृक संपत्ति में मकान बनाकर रह रहे हैं और खेती की जमीन में बिनखेती की अनुमति लेकर गोदाम बनाकर अपने परिवार का पालन पोषण कर रहे हैं, उनके मकान एवं गोदाम आदि को हटाने के बाद उनके परिवार के लिये भुखमरी की समस्या उतपन्न हो जाएगी जो एक गंभीर समस्या है । अपना मकान एवं गोदाम आदि बचाने के लिये तालुका के लोगों ने आंदोलन करना शुरू कर दिया है ।ग्रामीणों ने चेतावनी देते हुये कहा है कि जब तक उन्हें न्याय नहीं मिल जाता है ,उस समय तक मुंबई-नासिक महामार्ग पर उनका आंदोलन जारी रहेगा।इस आंदोलन में शिवसेना जिला प्रमुख प्रकाश पाटील,ग्रामीण विधानसभा के विधायक शांताराम मोरे, पूर्व विधायक रुपेश म्हात्रे,भाजपा ठाणे ग्रामीण जिलाध्यक्ष दयानंद चोरघे,बालाराम भोईर,किरण चन्ने,भारद्वाज चौधरी,श्रमजीवी संगठन के दत्तात्रय कोलेकर,अशोक साप्टे,मनसे के डी.के.म्हात्रे,कांग्रेस के राकेश पाटील,एनसीपी के गणेश गुलवी सहित भारी संख्या में लोग शामिल थे ।
पुलिस द्वारा किसानों को फौजदारी दंड प्रक्रिया अधिनियम 1973 की धारा-149 के तहत नोटिस दिया गया था, इसके बावजूद हजारों की संख्या में किसानों ने मुंबई नासिक महामार्ग पर राजनोली नाका के पास रास्ता रोको आंदोलन किया। जहां किसी भी अप्रिय घटना से निपटने के लिये पुलिस उपायुक्त राजकुमार शिंदे द्वारा लगभग डेढ़ हजार पुलिस कर्मियों का बंदोबस्त किया गया था।
आंदोलन में शामिल किसानों की समस्याओं को जानने के लिये निवासी उपजिलाधिकारी डॉ. शिवाजी पाटील, भिवंडी तहसीलदार शशिकांत गायकवाड़ सहित राजस्व विभाग की टीम ने आंदोलन में शामिल किसानों को समझा बुझाकर न्यायालय में उनका पक्ष रखने का आश्वासन दिया है।
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