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भिवंडी । एम हुसेन ।शिशुओं में  रोगप्रतिकारक शक्ति व शारिरीक बल  बढ़ाने के लिए  सहायता  करने के लिए  कुुल  16 संस्कार आयुर्वेद में  दिए गए हैं।    जिसमें से  सुवर्णप्राशन  संस्कार का शिविर भिवंडी में  प्रथम बार  कल्याणरोड,पाईपलाईन क्षेत्र  के   ‘क्विन्टस्वेद’ स्थित  आयोजित किया गया था ।आयुर्वेद के  प्राचीन ग्रंथ में  सुवर्णप्राशन   इस संस्कार   का उल्लेख (कास्य संहिता लेहनाध्याय)   में  प्रख्यान  किय गया  है। इसी के  अनुसार आयुर्वेद औषध से  सिध्द किए गए औषध    जो मध व तूप   के  संमिश्रन वय वर्षे १  से  १५ वर्ष वयोगट  के    लडके  व लडकियों को  दिया  जाता है। विशेष रूप से  यह चाटन प्रत्येक महीने में  पुष्य नक्षत्र के  दिन विशिष्ट  समय में  दिए  जाते हैं।                   भारतीय संस्कृती व ज्योतिषशास्त्र में  पुष्य नक्षत्र का अनन्यसाधारण महत्व  है .‘पुष्य’ जो नक्षत्र का राजा  है  जिसका ज्ञानदेवता बृहस्पती  है।जिसकारण  शिशुओं की  शारिरीक व बौध्दीक क्षमता  बढाने के लिए  यह नक्षत्र सर्वात उत्तम माना जाता है।इसलिए  जन्म से  १५ वर्ष के  वयोगट तक  शिशुओं को  इसी दिन नियमित रूप से  चाटन दिया जाता है ।भावी पीढी निरोगी,कर्तृत्ववान,बुध्दीवान,होसियार व सर्वगुणसंपन्न होने के लिए  प्रत्येक पालक प्रयत्नशील  रहते हैं। आज के  युग में  बुध्दीमत्त का अनन्यसाधारण महत्व  है।इसलिए  सुवर्णप्राशन  यह बुध्दीवर्धन के लिए  सर्वोत्तम द्रव्य  है। सुवर्णप्राशन संस्कार  यह रोग प्रतिकारक शक्ती व शारिरीक बल बढाता है ,इसी के साथ  बौध्दीक क्षमता (आकलन शक्ती व स्मृती)सुधारा ,पाचनशक्ती सुधारा  तथा  इससे   सुकुमार कांती प्राप्त होती है।              जिसमें  मेधावर्धन,बलवर्धन,अगिवर्धन,कांतीवर्धन  ऐसे  अनेक  लाभ मिलते हैं ।आज के समय    में  उपयोग  किए जाने वाले  निकृष्ट आहार व रासायनिक खाद के कारण होने वाले  दुष्परिणाम टालने के लिए  यह चाटन अमृत प्रमाणे काम करती है। दंत उत्पत्ती समयी(दांत निकलते समय )होने वाले  विविध रोगों  से संरक्षण करता है। हवा के  प्रदुषण के कारण  होने वाली  विविध श्वसन विकार के विरूध्द प्रतिकार क्षमता बढाता है।उक्त   सुवर्णप्राशन संस्कार शिविर  रविवार दि.१५  दिसंबर को  सुबह ११  से   २  बजे तक  कल्याणरोड,पाईपलाईन  स्थित  ‘क्विन्टस्वेद’ स्थान पर आयोजित किया जाएगा  इसलिए  पालक  इस शिविर का लाभ उठाएं    इस प्रकार का आवाहन ‘क्विन्टस्वेद’  संस्था ने किया है।

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