भिवंडी। एम हुसेन। भिवंडी शहर में साफ सफाई के नाम पर प्रति माह लगभग एक करोड़ रुपए खर्च करने के बाद भी मनपा प्रशासन के सफाई विभाग के अधिकारियों और ठेकेदारों की मिलीभगत से चारों तरफ लूट मची हुई है, मनपा अधिकारियों की ढिलाई की वजह से स्वच्छता नियमों की खुलेआम धज्जियां उड़ाई जा रही है । मनपा प्रशासन के स्वच्छता अभियान की कचरा उठाने वाले ठेकेदारों द्वारा स्वच्छता नियमों को ताक पर रखकर खुले में कचरा ढोते हुए पूरे शहर में गंदगी फैला रहे हैं। जिसके कारण कचरे से होने वाली दुर्गंध से बीमारी फैलने का खतरा पैदा हो गया है।अनेक सामाजिक संगठनों सहित नगरसेवकों अनेकों शिकायतों के बावजूद मनपा प्रशासन बेलगाम ठेकेदारों पर कार्यवाई करने का साहस नही जुटा पा रहा है।
गौरतलब हो कि इन दिनों भिवंडी शहर में गीला और सूखा मिलाकर लगभग 550 टन कचरा प्रति दिन निकाला जाता है।जिसे उठाकर डंपिंग ग्राउंड तक पहुंचने के लिए मनपा आरोग्य विभाग ने 94 घंटगाड़ी,51डंपर,16 जेसीबी के अलावा लगभग 300 मजदूरों को रोजनदारी पर लगाकर कचरा उठाने का काम कर रही है।इसके लिए मनपा जहां प्रति डंपर को 2567 रूपया के अनुसार प्रति दिन किराया का भुगतान करती है।वहीं जे सी बी को 6750 रुपया व घंटागड़ी को 1152 रुपया का भुगतान कर रही है। जबकि मजदूरों को 297 रुपया प्रति दिन के अनुसार भुगतान करती है।मनपा सफाई के उपयोग में लाए जाने वाले सारे संसाधन लेबर कॉन्ट्रेक्टर से ले रही है।इस प्रकार प्रति माह मनपा सफाई पर लगभग एक करोड़ रुपया खर्च कर रही है। इतना सब कुछ दिए जाने के बावजूद डंपिंग ग्राउंड कचरा ले जाने वाले कई डंपरो का फालका नहीं है।साथ ही डंपर गाडियों द्वारा ले जाने वाले कचरे को ढक कर न ले जाने के कारण दूर्गंधित कचरा आधा रस्ते में ही गिर जाता है। कचरा उठाने वाली ठेकेदारों के आधे से ज्यादा वाहनों की पासिंग नही हुुुई है। कचरा उठाकर डंपिंग ग्राउंड तक शहर से जाने वाले डंपर की दुर्गंध से लोगों का दम घुटने लगता है। जन शिकायत है कि कई शिकायतों के बावजूद आज तक मनपाा स्वच्छता विभाग के अधिकारी खुले वाहनों मेंं कचरा ले जानेे वाली किसी भी वाहन पर कार्रवाई नहीं किया है।
उक्त संदर्भ में मनपा आरोग्य विभाग के अधिकारी हेमंत गुलवी ने बताया कि डंपर या घंटागड़ी को कचरा ढक कर डंपिंग ग्राउंड में ले जाने का सख्त आदेश दिया गया है। यदि इसके बावजूद कोई डंपर या घंटागड़ी बिना तालपत्री डाले डंपिंग ग्राउंड पर पहुंचती है तो उस पर दंडात्मक कार्रवाई करने का आदेश मनपाकर्मी को दिया गया है।इसके अलावा नियम तोड़ने वाले की रिपोर्ट पर संबंधित एएसआई को भेजने पर भी कार्रवाई की जाती है।
गौरतलब हो कि इन दिनों भिवंडी शहर में गीला और सूखा मिलाकर लगभग 550 टन कचरा प्रति दिन निकाला जाता है।जिसे उठाकर डंपिंग ग्राउंड तक पहुंचने के लिए मनपा आरोग्य विभाग ने 94 घंटगाड़ी,51डंपर,16 जेसीबी के अलावा लगभग 300 मजदूरों को रोजनदारी पर लगाकर कचरा उठाने का काम कर रही है।इसके लिए मनपा जहां प्रति डंपर को 2567 रूपया के अनुसार प्रति दिन किराया का भुगतान करती है।वहीं जे सी बी को 6750 रुपया व घंटागड़ी को 1152 रुपया का भुगतान कर रही है। जबकि मजदूरों को 297 रुपया प्रति दिन के अनुसार भुगतान करती है।मनपा सफाई के उपयोग में लाए जाने वाले सारे संसाधन लेबर कॉन्ट्रेक्टर से ले रही है।इस प्रकार प्रति माह मनपा सफाई पर लगभग एक करोड़ रुपया खर्च कर रही है। इतना सब कुछ दिए जाने के बावजूद डंपिंग ग्राउंड कचरा ले जाने वाले कई डंपरो का फालका नहीं है।साथ ही डंपर गाडियों द्वारा ले जाने वाले कचरे को ढक कर न ले जाने के कारण दूर्गंधित कचरा आधा रस्ते में ही गिर जाता है। कचरा उठाने वाली ठेकेदारों के आधे से ज्यादा वाहनों की पासिंग नही हुुुई है। कचरा उठाकर डंपिंग ग्राउंड तक शहर से जाने वाले डंपर की दुर्गंध से लोगों का दम घुटने लगता है। जन शिकायत है कि कई शिकायतों के बावजूद आज तक मनपाा स्वच्छता विभाग के अधिकारी खुले वाहनों मेंं कचरा ले जानेे वाली किसी भी वाहन पर कार्रवाई नहीं किया है।
उक्त संदर्भ में मनपा आरोग्य विभाग के अधिकारी हेमंत गुलवी ने बताया कि डंपर या घंटागड़ी को कचरा ढक कर डंपिंग ग्राउंड में ले जाने का सख्त आदेश दिया गया है। यदि इसके बावजूद कोई डंपर या घंटागड़ी बिना तालपत्री डाले डंपिंग ग्राउंड पर पहुंचती है तो उस पर दंडात्मक कार्रवाई करने का आदेश मनपाकर्मी को दिया गया है।इसके अलावा नियम तोड़ने वाले की रिपोर्ट पर संबंधित एएसआई को भेजने पर भी कार्रवाई की जाती है।
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