भिवंडी। एम हुसेन ।भिवंडी मनपा क्षेत्र अंतर्गत खोखा कंपाउंड स्थित संचालित दो यार्न डाइंगो की जारी मनमानी से स्थानीय लोग अनेक प्रकार से परेशान हैं ।दोनों डाइंगो का एटीपी प्लांट बंद होने से कलर व केमिकल युक्त पानी सीधा गटरों में छोड़ा जाता है जिसकारण लोग अनेक प्रकार की बीमारियों से प्रभावित हो रहे है।जिसकी शिकायत करन के बावजूद मनपा प्रशासन व पर्यावरण विभाग मामले को लेकर उदासीन बना हुआ है। डाइंग मालिको की मनमानी पर अंकुश लगाते हुए तत्काल उस पर कार्रवाई करने की मांग भिवंडी सोशल संस्था ने की है।मांग पूरी न करने पर संस्था ने प्रशासन के विरुद्ध जनता के साथ आंदोलन करने की चेतावनी दी है।
गौरतलब है कि भिवंडी के खोखा कंपाउंड के रहिवासी क्षेत्र में मुंबई निवासी समीर शेठ का एल के डाइंग व अतुल भाई की निलेश यार्न डाइंग संचालित है।दोनों ही डाइंग नियम कानून को ताक पर रख कर चल रही हैं।भिवंडी सोशल संस्था के अध्यक्ष अब्दुल गनी खान ने पर्यावरण विभाग के सीआरओ वाघमारे,कल्याण पर्यावरण विभाग के इंचार्ज हजारे ,मनपा आयुक्त प्रवीण आष्टिकर को दिए ज्ञापन में बताया है कि उक्त दोनों यार्न डाइंगो से जनता बहुत परेशान है।डाइंग नियम कानून को ताक पर रखकर संचालित है।कंपनी का ट्रीटमेंट प्लांट बंद होने के कारण डाइंग के अंदर से निकलने वाला केमिकल युक्त गरम पानी शीध्र रूप से गटर में छोड़ा जा रहा है।केमिकल युक्त गरम पानी के कारण स्थानीय लोगों का जीना दूभर हो गया है।इतना ही नहीं डाइंग की चिमनी के बायलर में प्रतिबंध के बावजूद लकड़ी व प्लास्टिक आदि का कचरा जलाया जा रहा है।जो पूरी तरह से न जलकर इसके कण हवा में उड़ कर लोगों की आखों में जाकर आँख की बीमारी को बढ़ावा दे रही है।साथ ही निलेश डाइंग द्वारा बॉयलर का स्टीम पाइप सड़क के इस पार से दूसरी ओर लेजाया गया है जिसकारण कभी भी बड़ी दुर्घटना घटित हो सकती है।इतना ही नहीं कल्याण के पर्यावरण नियंत्रण विभाग द्वारा अनिवार्य किए जाने के बावजूद चिमनी में वॉटर एक्सेप्ट प्लांट नहीं लगाया गया है।इतना ही नही डाइंग के पीछे की सड़क डाइंग के मनमानी के कारण पूरी तरह गंदगी व बदबूदार पानी से भरा है।इस कारण लोगों में संक्रामक बीमारी फैलने का प्रकोप बढ़ गया है। पर्यावरण विभाग व मनपा आयुक्त को दिए ज्ञापन में संस्था के अध्यक्ष अब्दुल गनी खान ने चेतावनी दिया है कि यदि तत्काल प्रभाव से डाइंग की मनमानी पर अंकुश लगाते हुए इस पर कार्रवाई नहीं की गई तो जनता के साथ जनहित में डाइंग के विरुद्ध सड़क पर उतरकर आंदोलन करने को मजबूर हो जायेंगे।जबकि इससे पहले परशुराम पाल ने उक्त विभाग से कई बार दोनों डाइंगो पर कार्रवाई करने की मांग की है परंतु प्रशासन इसे लेकर भी नजरअंदाज कर दिया है।इधर मनपा प्रशासन इस मामले को लेकर पूरी तरह उदासीन बना हुआ है।अनेकोबार शिकायत करने के बावजूद भी प्रशासन इस मामले को नजरअंदाज कर रहा है।जिसकारण जनता में प्रशासन व डाइंग के विरुद्ध आक्रोश बढ़ने लगा है।वहीं पर्यावरण विभाग के सीआरओ वाघमारे के आदेश के बाद कल्याण जोन के इंचार्ज हजारे ने डाइंग के मनमानी की जांच के लिए मंगलवार को भिवंडी आने व जांच के बाद गलत पाए जाने पर उक्त दोनों ही डाइंगो पर कार्रवाई करने का आश्वासन दिया है।
गौरतलब है कि भिवंडी के खोखा कंपाउंड के रहिवासी क्षेत्र में मुंबई निवासी समीर शेठ का एल के डाइंग व अतुल भाई की निलेश यार्न डाइंग संचालित है।दोनों ही डाइंग नियम कानून को ताक पर रख कर चल रही हैं।भिवंडी सोशल संस्था के अध्यक्ष अब्दुल गनी खान ने पर्यावरण विभाग के सीआरओ वाघमारे,कल्याण पर्यावरण विभाग के इंचार्ज हजारे ,मनपा आयुक्त प्रवीण आष्टिकर को दिए ज्ञापन में बताया है कि उक्त दोनों यार्न डाइंगो से जनता बहुत परेशान है।डाइंग नियम कानून को ताक पर रखकर संचालित है।कंपनी का ट्रीटमेंट प्लांट बंद होने के कारण डाइंग के अंदर से निकलने वाला केमिकल युक्त गरम पानी शीध्र रूप से गटर में छोड़ा जा रहा है।केमिकल युक्त गरम पानी के कारण स्थानीय लोगों का जीना दूभर हो गया है।इतना ही नहीं डाइंग की चिमनी के बायलर में प्रतिबंध के बावजूद लकड़ी व प्लास्टिक आदि का कचरा जलाया जा रहा है।जो पूरी तरह से न जलकर इसके कण हवा में उड़ कर लोगों की आखों में जाकर आँख की बीमारी को बढ़ावा दे रही है।साथ ही निलेश डाइंग द्वारा बॉयलर का स्टीम पाइप सड़क के इस पार से दूसरी ओर लेजाया गया है जिसकारण कभी भी बड़ी दुर्घटना घटित हो सकती है।इतना ही नहीं कल्याण के पर्यावरण नियंत्रण विभाग द्वारा अनिवार्य किए जाने के बावजूद चिमनी में वॉटर एक्सेप्ट प्लांट नहीं लगाया गया है।इतना ही नही डाइंग के पीछे की सड़क डाइंग के मनमानी के कारण पूरी तरह गंदगी व बदबूदार पानी से भरा है।इस कारण लोगों में संक्रामक बीमारी फैलने का प्रकोप बढ़ गया है। पर्यावरण विभाग व मनपा आयुक्त को दिए ज्ञापन में संस्था के अध्यक्ष अब्दुल गनी खान ने चेतावनी दिया है कि यदि तत्काल प्रभाव से डाइंग की मनमानी पर अंकुश लगाते हुए इस पर कार्रवाई नहीं की गई तो जनता के साथ जनहित में डाइंग के विरुद्ध सड़क पर उतरकर आंदोलन करने को मजबूर हो जायेंगे।जबकि इससे पहले परशुराम पाल ने उक्त विभाग से कई बार दोनों डाइंगो पर कार्रवाई करने की मांग की है परंतु प्रशासन इसे लेकर भी नजरअंदाज कर दिया है।इधर मनपा प्रशासन इस मामले को लेकर पूरी तरह उदासीन बना हुआ है।अनेकोबार शिकायत करने के बावजूद भी प्रशासन इस मामले को नजरअंदाज कर रहा है।जिसकारण जनता में प्रशासन व डाइंग के विरुद्ध आक्रोश बढ़ने लगा है।वहीं पर्यावरण विभाग के सीआरओ वाघमारे के आदेश के बाद कल्याण जोन के इंचार्ज हजारे ने डाइंग के मनमानी की जांच के लिए मंगलवार को भिवंडी आने व जांच के बाद गलत पाए जाने पर उक्त दोनों ही डाइंगो पर कार्रवाई करने का आश्वासन दिया है।
Post a Comment
Blogger Facebook