साध्वी श्री ने कहा कि अहिंसा परमात्मा महावीर का महत्वपूर्व सिद्धांत है। जिसे अपनाना आज की महती आवश्यकता है, महावीर ने नारा दिया था 'जियो और जीने दो'। यह नारा आज भी बहुत उपयोगी और सार्थक है। उन्होंने कहा कि हिंसा को हिंसा से नहीं मिटाया जा सकता है। अहिंसा के सहारे दुनिया में शांति स्थापित हो सकती है। उन्होंने कहा कि भगवान महावीर ने आर्थिक विषमता,भोगवृत्ति और शोषण की समाप्ति के लिए मानव जाति को अपरिग्रह का सिद्धांत दिया है। आधुनिक विश्व को पतन की ओर ले जाने तथा भेदभाव की कृत्रिम दीवार खड़ी करके समाज में विषमता उतपन्न करने का कारण परिग्रह ही है। इसीलिये परमात्मा ने इस सिद्धांत द्वारा इच्छाओं पर नियंत्रण करने का उपदेश दिया। निश्चित ही परमात्मा के इस कल्याणकारी सिद्धांत को अपनाकर मानव विश्व शांति स्थापित कर सकता है। पर्युषण महापर्व का आयोजन अशोकनगर के श्री जैन श्वेतांबर खरतरगच्छ संघ द्वारा किया गया है।
भगवान महावीर के सिद्धांत आज भी प्रासंगिक हैं और कल भी रहेंगे__ डॉ साध्वी श्री शासनप्रभाजी
साध्वी श्री ने कहा कि अहिंसा परमात्मा महावीर का महत्वपूर्व सिद्धांत है। जिसे अपनाना आज की महती आवश्यकता है, महावीर ने नारा दिया था 'जियो और जीने दो'। यह नारा आज भी बहुत उपयोगी और सार्थक है। उन्होंने कहा कि हिंसा को हिंसा से नहीं मिटाया जा सकता है। अहिंसा के सहारे दुनिया में शांति स्थापित हो सकती है। उन्होंने कहा कि भगवान महावीर ने आर्थिक विषमता,भोगवृत्ति और शोषण की समाप्ति के लिए मानव जाति को अपरिग्रह का सिद्धांत दिया है। आधुनिक विश्व को पतन की ओर ले जाने तथा भेदभाव की कृत्रिम दीवार खड़ी करके समाज में विषमता उतपन्न करने का कारण परिग्रह ही है। इसीलिये परमात्मा ने इस सिद्धांत द्वारा इच्छाओं पर नियंत्रण करने का उपदेश दिया। निश्चित ही परमात्मा के इस कल्याणकारी सिद्धांत को अपनाकर मानव विश्व शांति स्थापित कर सकता है। पर्युषण महापर्व का आयोजन अशोकनगर के श्री जैन श्वेतांबर खरतरगच्छ संघ द्वारा किया गया है।
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