भिवंडी। एम हुसेन ।पड़घा पुलिस स्टेशन में अपने पति सहित सास-ससुर की प्रताड़ना के विरुद्ध शिकायत दर्ज कराने वाली एक पीड़ित महिला के साथ पड़घा पुलिस के जांच अधिकारी द्वारा छेड़खानी करने का मामला प्रकाश में आया है। पीड़ित महिला को न्याय दिलाने के लिए उसे एकांत बुलाकर उसके साथ छेड़खानी करने वाले जांच अधिकारी के विरुद्ध पड़घा पुलिस ने छेड़खानी का मामला दर्ज कर लिया है। पड़घा पुलिस ने अपने ही पुलिस स्टेशन के हवलदार के विरुद्ध यह मामला ठाणे ग्रामीण पुलिस अधीक्षक डॉ. शिवाजी राठौड़ के आदेशानुसार दर्ज किया है।मामला दर्ज होने के बाद जांच अधिकारी छेड़खानी का आरोपी हवलदार फरार हो गया है।
पुलिस द्वारा प्राप्त जानकारी के अनुसार पड़घा की रहने वाली 28 वर्षीय एक महिला ने अपने पति मंगेश सालुंखे,ससुर विष्णु सालुंखे,सास बेबी सालुंखे, देवर गणेश एवं देवरानी माया के विरुद्ध 17 अप्रैल को पड़घा पुलिस स्टेशन में भादंवि की धारा-498,323,504 एवं 506 के तहत मामला दर्ज कराया था। जिसका जवाब दर्ज कराने हेतु पीड़ित महिला को पुलिस स्टेशन में बुलाया गया था लेकिन उस पीड़ित महिला के पुलिस स्टेशन में आने के बाद जांच अधिकारी पुलिस हवलदार देवीदास चव्हाण द्वारा उसका जवाब दर्ज करने के बजाय उसे पुलिस स्टेशन के महले पर एकांत ले जाकर उससे शाहपुर के होटल में चलने के लिए दबाव बनाया गया। जांच अधिकारी हवलदार के दबाव से भयभीत होकर वह अहमदनगर के कोपरगांव स्थित अपने मायके चली गई थी। मायके चले जाने के बावजूद जांच अधिकारी हवलदार ने मोबाइल से पांच-छह बार उसे फोन करके घूमने- फिरने के लिए बुलाने का प्रयास किया, जांच अधिकारी के इस रवैये से प्रताड़ित होकर पीड़ित महिला ने ठाणे के ग्रामीण पुलिस अधीक्षक डॉ. शिवाजी राठौड़ से लिखित शिकायत करके जांच अधिकारी हवलदार देविदास चव्हाण के विरुद्ध कार्रवाई करने की मांग की थी। जिसके लिए पुलिस अधीक्षक डॉ.शिवाजी राठौड़ ने पड़घा पुलिस स्टेशन के वरिष्ठ पुलिस निरीक्षक सुरेश मनोरे को जांच करने का आदेश दिया था। वरिष्ठ पुलिस निरीक्षक सुरेश मनोरे ने जांच के बाद हवलदार देविदास चव्हाण को दोषी पाए जाने पर उसके विरुद्ध भादंवि की धारा- 354 (ए),(डी)2, 504 एवं 506 के तहत मामला दर्ज कर लिया है। छेड़खानी का मामला दर्ज होने के बाद पुलिस हवलदार चव्हाण फरार हो गया है। स्थानीय लोगों का कहना है कि छेड़खानी का आरोपी पुलिस हवलदार फरार हो गया है या फिर पड़घा पुलिस ने उसे गिरफ्तार करने से बचाने के लिए जानबूझकर फरार होने का अवसर दिया है।
पुलिस द्वारा प्राप्त जानकारी के अनुसार पड़घा की रहने वाली 28 वर्षीय एक महिला ने अपने पति मंगेश सालुंखे,ससुर विष्णु सालुंखे,सास बेबी सालुंखे, देवर गणेश एवं देवरानी माया के विरुद्ध 17 अप्रैल को पड़घा पुलिस स्टेशन में भादंवि की धारा-498,323,504 एवं 506 के तहत मामला दर्ज कराया था। जिसका जवाब दर्ज कराने हेतु पीड़ित महिला को पुलिस स्टेशन में बुलाया गया था लेकिन उस पीड़ित महिला के पुलिस स्टेशन में आने के बाद जांच अधिकारी पुलिस हवलदार देवीदास चव्हाण द्वारा उसका जवाब दर्ज करने के बजाय उसे पुलिस स्टेशन के महले पर एकांत ले जाकर उससे शाहपुर के होटल में चलने के लिए दबाव बनाया गया। जांच अधिकारी हवलदार के दबाव से भयभीत होकर वह अहमदनगर के कोपरगांव स्थित अपने मायके चली गई थी। मायके चले जाने के बावजूद जांच अधिकारी हवलदार ने मोबाइल से पांच-छह बार उसे फोन करके घूमने- फिरने के लिए बुलाने का प्रयास किया, जांच अधिकारी के इस रवैये से प्रताड़ित होकर पीड़ित महिला ने ठाणे के ग्रामीण पुलिस अधीक्षक डॉ. शिवाजी राठौड़ से लिखित शिकायत करके जांच अधिकारी हवलदार देविदास चव्हाण के विरुद्ध कार्रवाई करने की मांग की थी। जिसके लिए पुलिस अधीक्षक डॉ.शिवाजी राठौड़ ने पड़घा पुलिस स्टेशन के वरिष्ठ पुलिस निरीक्षक सुरेश मनोरे को जांच करने का आदेश दिया था। वरिष्ठ पुलिस निरीक्षक सुरेश मनोरे ने जांच के बाद हवलदार देविदास चव्हाण को दोषी पाए जाने पर उसके विरुद्ध भादंवि की धारा- 354 (ए),(डी)2, 504 एवं 506 के तहत मामला दर्ज कर लिया है। छेड़खानी का मामला दर्ज होने के बाद पुलिस हवलदार चव्हाण फरार हो गया है। स्थानीय लोगों का कहना है कि छेड़खानी का आरोपी पुलिस हवलदार फरार हो गया है या फिर पड़घा पुलिस ने उसे गिरफ्तार करने से बचाने के लिए जानबूझकर फरार होने का अवसर दिया है।
Post a Comment
Blogger Facebook