-एम्स निदेशक ने निर्माणाधीन योजना का निरीक्षण किया
-बताया कि किचन निर्माण में लगभग छह माह का समय लग सकता है
ऋषिकेश ( ओम रतूड़ी ) । अखिल भारतीय आयुर्विज्ञान संस्थान एम्स ऋषिकेश में भर्ती होने वाले मरीजों व उनके तीमारदारों के भोजन के प्रबंधन के लिए संस्थान की ओर से कीचन का निर्माण शुरू हो गया है। संस्थान के निदेशक पद्मश्री प्रोफेसर रवि कांत ने निर्माणाधीन योजना का निरीक्षण किया और इंजीनियरिंग विभाग को आवश्यक दिशा निर्देश दिए। गौरतलब है कि अब तक संस्थान में इसके लिए अस्थायी कीचन संचालित किया जा रहा था, जबकि तीमारदार कैंटीन में भोजन करते थे। निदेशक एम्स पद्मश्री प्रोफेसर रवि कांत ने बताया कि फिलहाल संस्थान में भर्ती मरीजों के लिए कुछ कमरों में बने अस्थायी कीचन में भोजन पकाने की व्यवस्था संचालित की जा रही थी। लिहाजा मरीजों व उनके तीमारदारों की सुविधा के लिए अब स्थायी कीचन योजना का निर्माण किया जा रहा है। एम्स निदेशक प्रो. रवि कांत ने बताया कि कीचन का निर्माण भूमि की कमी के अभाव में संस्थान परिसर में निर्माणाधीन ऑटो वाक के नीचे खाली भूमि पर किया जा रहा है, जिससे उक्त खाली भूखंड को उपयोग में लाया जा सके। उन्होंने बताया कि कीचन का निर्माण में लगभग छह माह का समय लग सकता है, इसके बाद कीचन का संचालन शुरू कर दिया जाएगा। उन्होंने बताया कि फौरीतौर पर कीचन को फूड प्लाजा में शिफ्ट किया जाएगा। जहां से मरीजों के लिए भोजन बनाकर वार्डों में भेजा जाएगा। निरीक्षण के दौरान एम्स निदेशक ने कीचन का निर्माण प्रस्तावित स्थान से अधिक भूखंड पर करने के निर्देश दिए हैं,जिससे यहां पर मरीजों के तीमारदारों को भोजन में स्थानाभाव की दिक्कतों का सामना नहीं करना पड़े। एम्स के अधिशासी अभियंता एनपी सिंह ने बताया कि इससे पूर्व कीचन का निर्माण 350 वर्गगज में प्रस्तावित था, निरीक्षण के दौरान निदेशक की ओर से इसका दायरा 200 वर्गगज बढ़ाने को कहा गया है। इस अवसर पर प्रो. मनोज गुप्ता,डा. अनुभा अग्रवाल आदि मौजूद थे।
-बताया कि किचन निर्माण में लगभग छह माह का समय लग सकता है
ऋषिकेश ( ओम रतूड़ी ) । अखिल भारतीय आयुर्विज्ञान संस्थान एम्स ऋषिकेश में भर्ती होने वाले मरीजों व उनके तीमारदारों के भोजन के प्रबंधन के लिए संस्थान की ओर से कीचन का निर्माण शुरू हो गया है। संस्थान के निदेशक पद्मश्री प्रोफेसर रवि कांत ने निर्माणाधीन योजना का निरीक्षण किया और इंजीनियरिंग विभाग को आवश्यक दिशा निर्देश दिए। गौरतलब है कि अब तक संस्थान में इसके लिए अस्थायी कीचन संचालित किया जा रहा था, जबकि तीमारदार कैंटीन में भोजन करते थे। निदेशक एम्स पद्मश्री प्रोफेसर रवि कांत ने बताया कि फिलहाल संस्थान में भर्ती मरीजों के लिए कुछ कमरों में बने अस्थायी कीचन में भोजन पकाने की व्यवस्था संचालित की जा रही थी। लिहाजा मरीजों व उनके तीमारदारों की सुविधा के लिए अब स्थायी कीचन योजना का निर्माण किया जा रहा है। एम्स निदेशक प्रो. रवि कांत ने बताया कि कीचन का निर्माण भूमि की कमी के अभाव में संस्थान परिसर में निर्माणाधीन ऑटो वाक के नीचे खाली भूमि पर किया जा रहा है, जिससे उक्त खाली भूखंड को उपयोग में लाया जा सके। उन्होंने बताया कि कीचन का निर्माण में लगभग छह माह का समय लग सकता है, इसके बाद कीचन का संचालन शुरू कर दिया जाएगा। उन्होंने बताया कि फौरीतौर पर कीचन को फूड प्लाजा में शिफ्ट किया जाएगा। जहां से मरीजों के लिए भोजन बनाकर वार्डों में भेजा जाएगा। निरीक्षण के दौरान एम्स निदेशक ने कीचन का निर्माण प्रस्तावित स्थान से अधिक भूखंड पर करने के निर्देश दिए हैं,जिससे यहां पर मरीजों के तीमारदारों को भोजन में स्थानाभाव की दिक्कतों का सामना नहीं करना पड़े। एम्स के अधिशासी अभियंता एनपी सिंह ने बताया कि इससे पूर्व कीचन का निर्माण 350 वर्गगज में प्रस्तावित था, निरीक्षण के दौरान निदेशक की ओर से इसका दायरा 200 वर्गगज बढ़ाने को कहा गया है। इस अवसर पर प्रो. मनोज गुप्ता,डा. अनुभा अग्रवाल आदि मौजूद थे।
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