संवाददाता, भिवंडी ।भिवंडी शहर के स्वर्गीय इंदिरा गांधी स्मृती उपजिला अस्पताल में शासन ने हस्तांतरित करने के समय से इस अस्पताल की दुरुस्ती व मरीजों के लिए अति आवश्यक यंत्र सुविधा उपलब्ध कराने हेतु इस अस्पताल की भूखंड हस्तांतरित न होने के कारण अडचण आरही थी। जिसे अस्पताल के मुख्य वैद्यकीय अधिकारी डॉ अनिल थोरात ने पत्र व्यवहार करके उक्त भूखंड का हस्तांतरण सार्वजनिक बांधकाम विभाग के रजिस्टरपर आने के बाद इस अस्पताल की दुरुस्ती सहित अन्य कार्य हेतु मार्ग खुल गया। आरोग्य मंत्री तथा ठाणे जिला पालकमंत्री द्वारा जिला नियोजन समिति की बैठक में मान्यता दिए जाने के बाद इस काम में से अति आवश्यक शवगृह की दुरुस्ती सहित यहां नए वातानुकूलित यंत्रणा लगाया गया है जिसका उपयोग शुरु कर दिया गया है इस प्रकार की जानकारी डॉ . अनिल थोरात ने दी है।
उक्त अस्पताल के शवगृह में वातानुकूलित यंत्रणा २५ वर्ष पुरानी होने के कारण वह अधिकतर बंद रहता था जिससे अनेकोबार अज्ञात मृतदेह ठाणे अथवा कल्याण स्थित शासकीय अस्पताल में रखने की जरूरत पुलिस को पडती थी। अनेकोबार मृतक का मृतदेह इस शवगृह में रखने के लिए यंत्रणा न होने के कारण कुछ स्वयंसेवी संस्थांएं पेटी भेट दिए थे जिसमें प्रति दिन बर्फ डालकर मृतदेह रखा जाता था इस संदर्भ में स्थानिक विधायक रुपेश म्हात्रे , महेश चौघुले ने आरोग्य मंत्री एकनाथ शिंदे का ध्यान केंद्रित किया जिसपर सतत पत्र व्यवहार करने के पश्चात तत्काल प्रभाव से काम की अनुमति दी गई। जिसके बाद सार्वजनिक बांधकाम विभाग के इलेक्ट्रिकल विभाग ने शवगृह की दुरुस्ती हेतु ६३ लाख रुपये की निधि खर्च करके वातानुकूलित यंत्रणा लगाया है। जिसमें लगभग २१ कॅबिनेट में बडे पैमाने पर मृतदेह रखा जा कता है। इसी प्रकार अस्पताल के नूतनीकरण अंतर्गत इमारत की दुरुस्ती , रंगरंगोटी व स्वच्छता संबंधी दुरुस्ती करने हेतु जिला नियोजन समिति की बैठक में मंजूर २ करोड रुपया का काम भी प्रगती पथपर है। इसी महीने के अंत तक अस्पताल में सिटीस्कॅन यंत्रणा लगाई जाने वाली है तथा भविष्य में यहां मरीजों को सर्वोत्तम चिकित्सा सेवा उपलब्ध कराने का प्रयत्न अस्पताल प्रशासन करेगी यह जानकारी डॉ अनिल थोरात ने दी
उक्त अस्पताल के शवगृह में वातानुकूलित यंत्रणा २५ वर्ष पुरानी होने के कारण वह अधिकतर बंद रहता था जिससे अनेकोबार अज्ञात मृतदेह ठाणे अथवा कल्याण स्थित शासकीय अस्पताल में रखने की जरूरत पुलिस को पडती थी। अनेकोबार मृतक का मृतदेह इस शवगृह में रखने के लिए यंत्रणा न होने के कारण कुछ स्वयंसेवी संस्थांएं पेटी भेट दिए थे जिसमें प्रति दिन बर्फ डालकर मृतदेह रखा जाता था इस संदर्भ में स्थानिक विधायक रुपेश म्हात्रे , महेश चौघुले ने आरोग्य मंत्री एकनाथ शिंदे का ध्यान केंद्रित किया जिसपर सतत पत्र व्यवहार करने के पश्चात तत्काल प्रभाव से काम की अनुमति दी गई। जिसके बाद सार्वजनिक बांधकाम विभाग के इलेक्ट्रिकल विभाग ने शवगृह की दुरुस्ती हेतु ६३ लाख रुपये की निधि खर्च करके वातानुकूलित यंत्रणा लगाया है। जिसमें लगभग २१ कॅबिनेट में बडे पैमाने पर मृतदेह रखा जा कता है। इसी प्रकार अस्पताल के नूतनीकरण अंतर्गत इमारत की दुरुस्ती , रंगरंगोटी व स्वच्छता संबंधी दुरुस्ती करने हेतु जिला नियोजन समिति की बैठक में मंजूर २ करोड रुपया का काम भी प्रगती पथपर है। इसी महीने के अंत तक अस्पताल में सिटीस्कॅन यंत्रणा लगाई जाने वाली है तथा भविष्य में यहां मरीजों को सर्वोत्तम चिकित्सा सेवा उपलब्ध कराने का प्रयत्न अस्पताल प्रशासन करेगी यह जानकारी डॉ अनिल थोरात ने दी
Post a Comment
Blogger Facebook