उन्होंने दंड देने के संबंध में ईसा मसीह का एक उदाहरण देते हुए कहा कि एक दिन ईसा मसीह कहीं जा रहे थे उन्होंने देखा कि कुछ लोग एक युवती को घेरे खड़े हैं और क्रोध से लाल-पीले होकर उसे गालियां दे रहे है, ईसा मसीह ने जब उनसे पूछा कि आप लोग इस अकेली युवती पर इतना अधिक क्रोध क्यों कर रहे हो ? तो कई लोग एक साथ बोल उठे कि यह युवती चरित्र हीन है । आज हम लोग इसे पत्थरों से मार डालेंगे उसी बीच कुछ लोगों ने पत्थर उठा भी लिया था लेकिन यीशु ने गंभीर होकर कहा कि यह बात तो बिल्कुल ठीक है कि व्यभिचार पाप है, आप लोगों का क्रोधित होना भी उचित है लेकिन दंड देने का अधिकारी वही आदमी हो सकता है जिसने अपने जीवन में कभी कोई अपराध नही किया है। इस युवती को पहला पत्थर वही मारे जिसने मन,वचन तथा शरीर से कभी पाप कर्म न किया हो। आप लोगों में से कोई भी व्यक्ति इस प्रकार का है तो वह आगे आएं , यीशु के वचन सुनते ही एक-एक करके सब लोग वहां से चले गए ।
दंड देने के अधिकारी हम नही
उन्होंने दंड देने के संबंध में ईसा मसीह का एक उदाहरण देते हुए कहा कि एक दिन ईसा मसीह कहीं जा रहे थे उन्होंने देखा कि कुछ लोग एक युवती को घेरे खड़े हैं और क्रोध से लाल-पीले होकर उसे गालियां दे रहे है, ईसा मसीह ने जब उनसे पूछा कि आप लोग इस अकेली युवती पर इतना अधिक क्रोध क्यों कर रहे हो ? तो कई लोग एक साथ बोल उठे कि यह युवती चरित्र हीन है । आज हम लोग इसे पत्थरों से मार डालेंगे उसी बीच कुछ लोगों ने पत्थर उठा भी लिया था लेकिन यीशु ने गंभीर होकर कहा कि यह बात तो बिल्कुल ठीक है कि व्यभिचार पाप है, आप लोगों का क्रोधित होना भी उचित है लेकिन दंड देने का अधिकारी वही आदमी हो सकता है जिसने अपने जीवन में कभी कोई अपराध नही किया है। इस युवती को पहला पत्थर वही मारे जिसने मन,वचन तथा शरीर से कभी पाप कर्म न किया हो। आप लोगों में से कोई भी व्यक्ति इस प्रकार का है तो वह आगे आएं , यीशु के वचन सुनते ही एक-एक करके सब लोग वहां से चले गए ।
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