भिवंडी। एम हुसेन। गरीबों एवं जरूरतमंदों के उपचार के लिए राज्य सरकार द्वारा दी जाने वाली औषधि की आपूर्ति करने में घोर लापरवाही बरतने एवं प्रशासकीय कामों में अनियमितता करके आर्थिक रूप से भ्रष्टाचार करने के मामले में मनपा आयुक्त मनोहर हिरे ने मनपा स्वास्थ्य विभाग की मुख्य चिकित्साधिकारी श्रीमती डॉ. विद्या शेट्टी को पद से हटा दिया है। प्रशासकीय कामकाज के लिए मुख्य चिकित्साधिकारी के पद पर डॉ. जयवंत धुले की नियुक्ती की गई है जिन्होंने आज अपना पदभार ग्रहण किया है, मनपा आयुक्त द्वारा इस कड़ी कार्रवाई से स्वास्थ्य विभाग में हड़कंप मचा हुआ है।
ज्ञात हो कि मनपा स्वास्थ्य विभाग की मुख्य चिकित्साधिकारी श्रीमती डॉ. विद्या शेट्टी द्वारा की जा रही लापरवाही एवं वित्तीय अनियमितता की शिकायत महापौर जावेद दलवी ने मनपा आयुक्त सहित राज्य सरकार से ज्ञापन देकर किया था। महापौर जावेद दलवी ने मनपा आयुक्त मनोहर हिरे सहित राज्य सरकार को प्रस्तुत किए गए ज्ञापन में आरोप लगाया था कि मनपा स्वास्थ्य विभाग के मुख्य चिकित्साधिकारी के पद पर रहते हुए डॉ. विद्या शेट्टी ने राज्य सरकार से आने वाली औषधि की आपूर्ति में लापरवाही एवं प्रशासकीय कामों में अनियमितता करके बड़े पैमाने पर भ्रष्टाचार किया है। जिसे गंभीरता से लेते हुए मनपा आयुक्त मनोहर हिरे ने डॉ. विद्या शेट्टी को स्वास्थ्य विभाग के मुख्य चिकित्साधिकारी पद से हटाकर उन्हें अपना पदभार डॉ. जयवंत धुले को सौंपने का आदेश दे दिया है। उपायुक्त मुख्यालय दीपक कुर्लेकर ने डॉ. जयवंत धुले को तत्काल डॉ. विद्या शेट्टी से पदभार लेने का पत्र दिया है। मनपा आयुक्त ने डॉ. विद्या शेट्टी की अनियमितताओं की जांच के लिए एक कमेटी गठित कर उसके अधीन रहने का आदेश दिया है।
मनपा सूत्रों द्वारा प्राप्त जानकारी के के अनुसार राज्य सरकार द्वारा 2015 से लेकर 2018 तक भेजी गई औषधि के बारे में मनपा स्वास्थ्य विभाग की मुख्य चिकित्साधिकारी डॉ. विद्या शेट्टी ने मनपा को सूचित किया था कि उन्हें औषध प्राप्त नही हुई हैं। वहीं दो अक्टूबर 2018 को आईजीएम हॉस्पिटल के पास मनपा के स्टोर रूम में आग लगने के कारण उसमें रखी गई मनपा के 15 स्वास्थ्य केंद्रों के औषध का रजिस्टर,चिकित्सा सामग्री एवं प्लस पोलियो के कागजात जलकर ख़ाक हो गए थे। स्टोर रूम में आग लगने के बाद अग्निशमन विभाग द्वारा किए गए पंचनामा में फार्मासिस्ट आसिफ अंसारी ने बताया था कि राज्य सरकार द्वारा भेजी गई औषधि एवं चिकित्सा संबंधी अन्य सामग्री स्टोर रूम में ही रखी गई थी। दोनों के बयानों में विरोधाभास होने के कारण यह प्रकरण धीरे-धीरे तूल पकड़ता गया, यहां यह बताना जरूरी है कि मनपा का स्वास्थ्य केंद्र केवल कागज पर दिखाने के लिए है। उसमें से अधिकांश स्वास्थ्य केंद्र खुलते ही नहीं हैं, और जो खुलते भी हैं तो उसमें कभी डॉक्टर नहीं रहते हैं और डॉक्टर हैं तो औषध नहीं है। जिसकी शिकायत कई बार स्थानीय नागरिकों द्वारा की गई है। स्थानीय नागरिकों ने डॉ. विद्या शेट्टी के नियुक्ति की भी जांच की मांग की है, क्योंकि उनकी नियुक्ती उस समय की गई थी जब वह अपना एक निजी हॉस्पिटल चला रही थीं और आज भी वह अपना निजी हॉस्पिटल चला रही हैं। काफी दिनों तक तो वह अपने निजी हॉस्पिटल में बैठकर मनपा के जन्म-मृत्यु का काम-काज भी देख रही थीं।
डॉ. विद्या शेट्टी द्वारा की गई प्रशासकीय अनियमतता एवं आर्थिक भ्रष्टाचार की जांच के लिए राष्ट्रीय आरोग्य अभियान मुंबई की सह संचालक डॉ. दीप्ती पाटिल ने ठाणे आरोग्य सेवा के उपसंचालक की अध्यक्षता में सहायक संचालक (कुष्ठ रोग) एवं मुख्य प्रशासकीय उप संचालक आरोग्य विभाग की एक समिति गठित की है, जिसे जांचकर रिपोर्ट प्रस्तुत करने का आदेश दिया गया है।मनपा आयुक्त मनोहर हिरे द्वारा उक्त प्रकार की कार्रवाई से भ्रष्ट अधिकारियों में हडकंप मचा हुआ है।
ज्ञात हो कि मनपा स्वास्थ्य विभाग की मुख्य चिकित्साधिकारी श्रीमती डॉ. विद्या शेट्टी द्वारा की जा रही लापरवाही एवं वित्तीय अनियमितता की शिकायत महापौर जावेद दलवी ने मनपा आयुक्त सहित राज्य सरकार से ज्ञापन देकर किया था। महापौर जावेद दलवी ने मनपा आयुक्त मनोहर हिरे सहित राज्य सरकार को प्रस्तुत किए गए ज्ञापन में आरोप लगाया था कि मनपा स्वास्थ्य विभाग के मुख्य चिकित्साधिकारी के पद पर रहते हुए डॉ. विद्या शेट्टी ने राज्य सरकार से आने वाली औषधि की आपूर्ति में लापरवाही एवं प्रशासकीय कामों में अनियमितता करके बड़े पैमाने पर भ्रष्टाचार किया है। जिसे गंभीरता से लेते हुए मनपा आयुक्त मनोहर हिरे ने डॉ. विद्या शेट्टी को स्वास्थ्य विभाग के मुख्य चिकित्साधिकारी पद से हटाकर उन्हें अपना पदभार डॉ. जयवंत धुले को सौंपने का आदेश दे दिया है। उपायुक्त मुख्यालय दीपक कुर्लेकर ने डॉ. जयवंत धुले को तत्काल डॉ. विद्या शेट्टी से पदभार लेने का पत्र दिया है। मनपा आयुक्त ने डॉ. विद्या शेट्टी की अनियमितताओं की जांच के लिए एक कमेटी गठित कर उसके अधीन रहने का आदेश दिया है।
मनपा सूत्रों द्वारा प्राप्त जानकारी के के अनुसार राज्य सरकार द्वारा 2015 से लेकर 2018 तक भेजी गई औषधि के बारे में मनपा स्वास्थ्य विभाग की मुख्य चिकित्साधिकारी डॉ. विद्या शेट्टी ने मनपा को सूचित किया था कि उन्हें औषध प्राप्त नही हुई हैं। वहीं दो अक्टूबर 2018 को आईजीएम हॉस्पिटल के पास मनपा के स्टोर रूम में आग लगने के कारण उसमें रखी गई मनपा के 15 स्वास्थ्य केंद्रों के औषध का रजिस्टर,चिकित्सा सामग्री एवं प्लस पोलियो के कागजात जलकर ख़ाक हो गए थे। स्टोर रूम में आग लगने के बाद अग्निशमन विभाग द्वारा किए गए पंचनामा में फार्मासिस्ट आसिफ अंसारी ने बताया था कि राज्य सरकार द्वारा भेजी गई औषधि एवं चिकित्सा संबंधी अन्य सामग्री स्टोर रूम में ही रखी गई थी। दोनों के बयानों में विरोधाभास होने के कारण यह प्रकरण धीरे-धीरे तूल पकड़ता गया, यहां यह बताना जरूरी है कि मनपा का स्वास्थ्य केंद्र केवल कागज पर दिखाने के लिए है। उसमें से अधिकांश स्वास्थ्य केंद्र खुलते ही नहीं हैं, और जो खुलते भी हैं तो उसमें कभी डॉक्टर नहीं रहते हैं और डॉक्टर हैं तो औषध नहीं है। जिसकी शिकायत कई बार स्थानीय नागरिकों द्वारा की गई है। स्थानीय नागरिकों ने डॉ. विद्या शेट्टी के नियुक्ति की भी जांच की मांग की है, क्योंकि उनकी नियुक्ती उस समय की गई थी जब वह अपना एक निजी हॉस्पिटल चला रही थीं और आज भी वह अपना निजी हॉस्पिटल चला रही हैं। काफी दिनों तक तो वह अपने निजी हॉस्पिटल में बैठकर मनपा के जन्म-मृत्यु का काम-काज भी देख रही थीं।
डॉ. विद्या शेट्टी द्वारा की गई प्रशासकीय अनियमतता एवं आर्थिक भ्रष्टाचार की जांच के लिए राष्ट्रीय आरोग्य अभियान मुंबई की सह संचालक डॉ. दीप्ती पाटिल ने ठाणे आरोग्य सेवा के उपसंचालक की अध्यक्षता में सहायक संचालक (कुष्ठ रोग) एवं मुख्य प्रशासकीय उप संचालक आरोग्य विभाग की एक समिति गठित की है, जिसे जांचकर रिपोर्ट प्रस्तुत करने का आदेश दिया गया है।मनपा आयुक्त मनोहर हिरे द्वारा उक्त प्रकार की कार्रवाई से भ्रष्ट अधिकारियों में हडकंप मचा हुआ है।
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