देवहा नदी के किनारे बालू और मिट्टी निकालने का ठेका डीएस कांट्रेक्टर्स एंड बिल्डर्स, सतजुग फूड प्राइवेट लिमिटेड आदि कंपनियों को मिला है। इन कंपनियों ने देवहा नदी किनारे पोकलैंड और जेसीबी से बालू और मिट्टी का खनन शुरू कर दिया, जो 30 जून तक किया जाना है। कई महीनों से नियमों को ताक पर रखकर खनन किया जा रहा है। देवहा नदी की धारा के अंदर से पोकलैंड मशीन से रेत निकालने का काम किया गया। इन कंपनियों ने मौके पर कोई सीसीटीवी कैमरा, बोर्ड आदि नहीं लगवाया। खनन अधिकारी पर भी मॉनीट¨रग न करने का आरोप है। इस मामले की शहर विधायक संजय गंगवार ने जिलाधिकारी से शिकायत कर कार्रवाई की मांग की। स्थानीय अफसरों ने मौके पर छापामार कार्रवाई की, लेकिन कोई कार्रवाई नहीं हुई। इसके बाद मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ से पूरे मामले की शिकायत की गई। इस मामले में खनन निदेशक डॉ.रौशन जैकब को जांच कर रिपोर्ट सौंपने के निर्देश दिए गए। खनन निदेशक डॉ.रौशन जैकब जिला मुख्यालय पर पहुंची निदेशक ने प्रशासनिक अधिकारियों के साथ देवहा नदी पुल के नीचे हो रहे खनन के तीन प्वाइंटों का गहनता से निरीक्षण किया। राजस्व नक्शा से जमीन देखी गई। उन्होंने अधिकारियों से खनन का एलॉटमेंट और बिक्री की स्थिति पूछी, तो सही जानकारी नहीं मिल पाई। निरीक्षण के दौरान कंपनी का बोर्ड और सीसीटीवी लगा नहीं पाया गया, तो एक भंडारण प्वाइंट पर सीसीटीवी हाल में लगवाया जाना पाया गया। उन्होंने कहा कि नदी की मुख्य धारा में पोकलैंड से खनन पूरी तरह प्रतिबंध है। अगर नदी की धारा में खनन पाया गया, तो निश्चित ही कार्रवाई की जाएगी। मौके पर पहुंचने के बाद खनन निदेशक हतप्रभ रह गई। उन्होंने नदी की मुख्य धारा में छेड़छाड़ किए जाने की बारीकी से जानकारी हासिल की। अंत में अमरिया बस स्टैंड के पीछे भंडारण प्वाइंट का निरीक्षण किया। पूछा-बोर्ड तो नया लगवाया गया कब लगा है? जिस पर सभी चुप हो गए। भंडारण की स्थिति के बारे में पूछा, जिसका ठेकेदार ने जवाब दिया। निरीक्षण के दौरान निदेशक को प्रथमद्ष्टया अवैध खनन प्रतीत हुआ। उन्होंने सभी पट्टों की पुन: पैमाइश करने के निर्देश दिए। उन्होंने कहा कि खनन के पट्टों का स्थलीय जांच की गई है, जिसमें सीसीटीवी कैमरे, बैरियर, बोर्ड आदि नहीं पाए गए हैं। पूरे पट्टों की पैमाइश के आदेश दे दिए गए हैं। रोशन जैकब ने कहा अगर नियम विरुद्ध खनन पाया गया तो किसी को बख्शा नहीं जाएगा। निरीक्षण रिपोर्ट शासन को सौंप दी जाएगी
पीलीभीत में खनन पर निदेशक का छापा
देवहा नदी के किनारे बालू और मिट्टी निकालने का ठेका डीएस कांट्रेक्टर्स एंड बिल्डर्स, सतजुग फूड प्राइवेट लिमिटेड आदि कंपनियों को मिला है। इन कंपनियों ने देवहा नदी किनारे पोकलैंड और जेसीबी से बालू और मिट्टी का खनन शुरू कर दिया, जो 30 जून तक किया जाना है। कई महीनों से नियमों को ताक पर रखकर खनन किया जा रहा है। देवहा नदी की धारा के अंदर से पोकलैंड मशीन से रेत निकालने का काम किया गया। इन कंपनियों ने मौके पर कोई सीसीटीवी कैमरा, बोर्ड आदि नहीं लगवाया। खनन अधिकारी पर भी मॉनीट¨रग न करने का आरोप है। इस मामले की शहर विधायक संजय गंगवार ने जिलाधिकारी से शिकायत कर कार्रवाई की मांग की। स्थानीय अफसरों ने मौके पर छापामार कार्रवाई की, लेकिन कोई कार्रवाई नहीं हुई। इसके बाद मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ से पूरे मामले की शिकायत की गई। इस मामले में खनन निदेशक डॉ.रौशन जैकब को जांच कर रिपोर्ट सौंपने के निर्देश दिए गए। खनन निदेशक डॉ.रौशन जैकब जिला मुख्यालय पर पहुंची निदेशक ने प्रशासनिक अधिकारियों के साथ देवहा नदी पुल के नीचे हो रहे खनन के तीन प्वाइंटों का गहनता से निरीक्षण किया। राजस्व नक्शा से जमीन देखी गई। उन्होंने अधिकारियों से खनन का एलॉटमेंट और बिक्री की स्थिति पूछी, तो सही जानकारी नहीं मिल पाई। निरीक्षण के दौरान कंपनी का बोर्ड और सीसीटीवी लगा नहीं पाया गया, तो एक भंडारण प्वाइंट पर सीसीटीवी हाल में लगवाया जाना पाया गया। उन्होंने कहा कि नदी की मुख्य धारा में पोकलैंड से खनन पूरी तरह प्रतिबंध है। अगर नदी की धारा में खनन पाया गया, तो निश्चित ही कार्रवाई की जाएगी। मौके पर पहुंचने के बाद खनन निदेशक हतप्रभ रह गई। उन्होंने नदी की मुख्य धारा में छेड़छाड़ किए जाने की बारीकी से जानकारी हासिल की। अंत में अमरिया बस स्टैंड के पीछे भंडारण प्वाइंट का निरीक्षण किया। पूछा-बोर्ड तो नया लगवाया गया कब लगा है? जिस पर सभी चुप हो गए। भंडारण की स्थिति के बारे में पूछा, जिसका ठेकेदार ने जवाब दिया। निरीक्षण के दौरान निदेशक को प्रथमद्ष्टया अवैध खनन प्रतीत हुआ। उन्होंने सभी पट्टों की पुन: पैमाइश करने के निर्देश दिए। उन्होंने कहा कि खनन के पट्टों का स्थलीय जांच की गई है, जिसमें सीसीटीवी कैमरे, बैरियर, बोर्ड आदि नहीं पाए गए हैं। पूरे पट्टों की पैमाइश के आदेश दे दिए गए हैं। रोशन जैकब ने कहा अगर नियम विरुद्ध खनन पाया गया तो किसी को बख्शा नहीं जाएगा। निरीक्षण रिपोर्ट शासन को सौंप दी जाएगी
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