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 उन्नाव हिन्दुस्तानकी आवाज़ मोहित मिश्रा

आज मोबाइल एक बीमारी बन चुका है चाहे जितनी किसी को जल्दी हो चाहे किसी मुसीबत में हो चाहे किसी की मिट्टी में हो या फिर किसी का एक्सीडेंट हो चुका हो उसको उठाने की बात हो या किसी पेशेंट को देखने की बात हो या फिर खाना खाने के समय की बात हो या फिर बाथरूम में स्नान करने की बात हो   या फिर पण्डित जी को शादी विवाह में पूजा पाठ कराने का मुहूर्त निकला जा रहा हो लेकिन फोन की घण्टी बजते ही और सब कुछ रूक जायेगा पहले फोन उठेगा और अपने घर मे पूजा करते समय भी भगवान के मंदिर की घण्टी में ध्यान कम रहता फोन की घँटी में ज्यादा रहता किसी भी जगह मोबाइल पीछा नहीं छोड़ता है।  मोबाइल की घंटी बजते ही लोगों के सारे काम जरूरी बंद हो जाते हैं और मोबाइल फोन सुनना जरूरी हो जाता है जैसे कि कोई व्यक्ति बाइक पर सवार होकर कहीं जरूरी काम से जा रहा होता है रास्ते में यदि फोन आ जाता है तो वह व्यक्ति बाइक को रोके बगैर फोन पर बात करना शुरू कर देता है पीछे से कोई वाहन आ करके उसे टक्कर मार देता है जिससे वह गंभीर रूप से घायल होकर गिर जाता है उसके बाद आसपास के लोग इकट्ठा होकर पुलिस को सूचना करते हैं पुलिस वहां पर पहुंचती है । और उसे गंभीर देखते हुए भी अपने फोन पर बिजी रहती है उसके बाद किसी तरह से उसको लोग अस्पताल पहुंचाते हैं अस्पताल में डॉक्टर साहब उसे देख रहे होते हैं अचानक उनके फोन पर फोन आ जाता है और वह सह चिकित्सक के भरोसे छोड़ कर बात करने लगते हैं  सह चिकित्सक  के पास फोन की घंटी बजती है वह भी मरीज को नर्स के भरोसे छोड़ कर फोन पर बात करने लगते हैं कुछ ही क्षणों में नर्स के फोन पर भी फोन आता है तो नर्स भी उसे अपने हाल पर छोड़कर बात करने लगती है उसके बाद उसकी मौत हो जाती है मौत के बाद उसके परिजन रोना-पीटना शुरू करते हैं पत्नी के फोन पर अचानक घंटी बजती है उसी समय पड़ोसीसन उसे चाय पीने को कहती है चाय को मना कर देती है लेकिन फोन की घंटी सुनकर के आंसू पहुंचकर उस फोन को रिसीव कर लेती है और उससे बात करती है उसके बाद शव को अन्तिम सँस्कार के ले जाने की तैयारी शुरू हो जाती है फूल माला चढ़ाने के लिए लोग आते हैं लेकिन फोन की घंटी बजते ही दूसरे को फूल माला पकड़कर चलते बनते हैं इस तरह से जन्म से लेकर मृत्यु तक फोन से छुट्टी किसी को नहीं मिलती है   आज जिसका कोई इलाज नहीं है घर में खाना बना है या नहीं इस बात की फिक्र किसी को नहीं लेकिन फोन की बैटरी चार्ज है या नहीं या चिंता सभी को है।
खास तौर से युवा वर्ग को ज्यादा है।

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