-गर्मी में मरीजों की बढ़ उठी है सांसत
मीरजापुर,हिन्दुस्तान की आवाज, संतोष देव गिरी
मीरजापुर। मुख्यालय स्थित मंडलीय अस्पताल में मरीजों की भीड़ बढ़ने के साथ उनकी परेषानियों में भी इजाफा हो उठा है। सोमवार को सुबह से ही मंडलीय अस्पताल में मरीजों के आने का क्रम षुरू हो गया था। मरीजों और तिमारदारों की भीड़ से अस्पताल के वार्ड़ो में तो भीड़ रही ही है अस्पताल परिसर से लेकर अस्पताल के दोनों गेटों पर मरीजों की भारी भीड़ रही है। भीड़ के चलते अस्पताल में अव्यवस्थाओं का बोलबाला बना रहा है। सबसे ज्यादा लोगों को पर्ची काउंटर से लेकर दवा वितरण की खिड़की पर एक दुसरे से जूझते हुए लोगों को देखा गया। इसी प्रकार अस्पताल परिसर स्थित पानी टंकी जहां आरो के ठंडे के पानी की व्यवस्था की गई है वहां गंदगी का चहुंओर आलम होने से लोगों को परेषान देखा गया। साफ-सफाई न होने से यहां हमेषा गंदगी और फिसलन बना रहता है। कहने को तो आरो के ठंडे के पानी की व्यवस्था है लेकिन टोटी से पानी बहुत ही धीमी गति से आने से लोगों को ठंडे पानी की आस में काफी देर तक वहां खड़े होना पड़ जाता है। जिससे कभी-कभी पानी लेने के चक्कर विवाद जैसी भी स्थिति उत्पन्न हो जाती है। मंडलीय अस्पताल में साफ सफाई की व्यवस्था बद से बदतर होने के साथ कारण लोगों को सांस थामना पड़ जाता है। सबसे बुरी स्थिति मंडलीय अस्पताल परिसर स्थित ब्लड बैंक के सामने प्रसाधन की है जहां मई महिनों से सफाई न होने से तथा नालियों के जाम होने से वहां से उठने वाली भीषण दुर्गंध से लोगों का उधर से गुजरना मुष्किल हो जाता है। बच्चा वार्ड के खिड़की से लगे नालियों की दषा दूर से देख ही व्यवस्था की हकीकत सामने आ जाती है। नालियां पूरी तरह से जाम होने के साथ कचरे से पटी पड़ी हुई है जहां से दुर्गंध के साथ मच्छरों को भी बढ़ावा मिल रहा है। सफाई के नाम पर नालियों को खुला छोड़ दिया गया है। जिससे मच्छरों के फैलने का अंदेषा प्रबल हो उठा है। मजे कि बात है कि बगल में ही एडी आफिस होने के बाद भी यहां बैठने वाले स्वास्थ विभाग के मंडलीय अधिकारियों का ध्यान इस ओर नहीं जाता है। कहने को तो मंडलीय अस्पताल में सफाई कर्मियों की एक लम्बी चैड़ी फौज है लेकि न देखा जाए तो साफ-सफाई की व्यवस्था बद से बदतर हालत में दिखलाई देगी। जिसकी दषा को परिसर में देखा जा सकता है।
मीरजापुर,हिन्दुस्तान की आवाज, संतोष देव गिरी
मीरजापुर। मुख्यालय स्थित मंडलीय अस्पताल में मरीजों की भीड़ बढ़ने के साथ उनकी परेषानियों में भी इजाफा हो उठा है। सोमवार को सुबह से ही मंडलीय अस्पताल में मरीजों के आने का क्रम षुरू हो गया था। मरीजों और तिमारदारों की भीड़ से अस्पताल के वार्ड़ो में तो भीड़ रही ही है अस्पताल परिसर से लेकर अस्पताल के दोनों गेटों पर मरीजों की भारी भीड़ रही है। भीड़ के चलते अस्पताल में अव्यवस्थाओं का बोलबाला बना रहा है। सबसे ज्यादा लोगों को पर्ची काउंटर से लेकर दवा वितरण की खिड़की पर एक दुसरे से जूझते हुए लोगों को देखा गया। इसी प्रकार अस्पताल परिसर स्थित पानी टंकी जहां आरो के ठंडे के पानी की व्यवस्था की गई है वहां गंदगी का चहुंओर आलम होने से लोगों को परेषान देखा गया। साफ-सफाई न होने से यहां हमेषा गंदगी और फिसलन बना रहता है। कहने को तो आरो के ठंडे के पानी की व्यवस्था है लेकिन टोटी से पानी बहुत ही धीमी गति से आने से लोगों को ठंडे पानी की आस में काफी देर तक वहां खड़े होना पड़ जाता है। जिससे कभी-कभी पानी लेने के चक्कर विवाद जैसी भी स्थिति उत्पन्न हो जाती है। मंडलीय अस्पताल में साफ सफाई की व्यवस्था बद से बदतर होने के साथ कारण लोगों को सांस थामना पड़ जाता है। सबसे बुरी स्थिति मंडलीय अस्पताल परिसर स्थित ब्लड बैंक के सामने प्रसाधन की है जहां मई महिनों से सफाई न होने से तथा नालियों के जाम होने से वहां से उठने वाली भीषण दुर्गंध से लोगों का उधर से गुजरना मुष्किल हो जाता है। बच्चा वार्ड के खिड़की से लगे नालियों की दषा दूर से देख ही व्यवस्था की हकीकत सामने आ जाती है। नालियां पूरी तरह से जाम होने के साथ कचरे से पटी पड़ी हुई है जहां से दुर्गंध के साथ मच्छरों को भी बढ़ावा मिल रहा है। सफाई के नाम पर नालियों को खुला छोड़ दिया गया है। जिससे मच्छरों के फैलने का अंदेषा प्रबल हो उठा है। मजे कि बात है कि बगल में ही एडी आफिस होने के बाद भी यहां बैठने वाले स्वास्थ विभाग के मंडलीय अधिकारियों का ध्यान इस ओर नहीं जाता है। कहने को तो मंडलीय अस्पताल में सफाई कर्मियों की एक लम्बी चैड़ी फौज है लेकि न देखा जाए तो साफ-सफाई की व्यवस्था बद से बदतर हालत में दिखलाई देगी। जिसकी दषा को परिसर में देखा जा सकता है।
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