संवाददाता, भिवंडी । लोकशाही दिन के अवसर पर अवैध निर्माण के विरुद्ध की गई शिकायत पर कार्रवाई न करके अवैध निर्माण करने वाले विकासक की सहायता करने वाले प्रभाग अधिकारी व विधि अधिकारी के विरुद्ध कार्रवाई करके अवैध निर्माण तत्काल प्रभाव से जमीनदोज किया जाए या लोकशाही दिन का नाटक बंद कर दिया जाए।इस प्रकार की मांग वरिष्ठ पत्रकार फारूक मेमन ने मनपा आयुक्त को ज्ञापन देकर की है।
फारूक मेमन ने ज्ञापन में कहा कि लोकशाही दिन के 15 दिन पूर्व अपनी शिकायत मनपा प्रशासन को दी जाती है ताकि इन 15 दिनों में प्रशासन शिकायत की जांच करके दोषियों के विरुद्ध दंडात्मक कार्रवाई की जाए। दंडात्मक कार्रवाई करके उसका ब्योरा लोकशाही दिन में आयुक्त के समक्ष शिकायत कर्ता को दिया जाए। परंतु फारूक मेमन द्वारा की गई शिकायत के मामले में मनपा अधिकारियों ने पूर्व 2015 में की गई कागजी कार्रवाई का ब्योरा आयुक्त और शिकायतकर्ता को दिया।
गौरतलब है कि मौजे नागांव सर्वे नंबर 67 पैकी सिटी सर्वे नंबर 2879, 2880 इस भूखंड पर पूर्व 2014 से तल महला सहित एक महले का निर्माण कार्य जारी था परंतु मनपा अधिकारी उसके विरूद्ध केवल नोटिस जारी करके उन्हे कोर्ट से स्थगति आदेश प्राप्त करने में अप्रत्यक्ष रूप से सहायता करते रहे। उक्त निर्माण के विरुद्ध भिवंडी कोर्ट ने स्टेटस (जैसे थे) का आदेश दिया था उसके बावजूद उक्त भूखंड पर आज तल सहित सात महले का आरसीसी भवन निर्माण हो चुका है और मनपा के कर मूल्यांकन अधिकारी ने इस अवैध निर्माण का कर मूल्यांकन करके उसे घर नंबर 3177 जारी कर दिया है। मनपा के विधि अधिकारी ने पिछले तीन वर्षों में स्थगति आदेश निरस्त करने के लिए किसी प्रकार का प्रयत्न नहीं किया और अवैध निर्माण धारक के विरुद्ध अवमान याचिका भी दाखिल नहीं की। इसी प्रकार मनपा के प्रभाग अधिकारी, विधि अधिकारी और करमूल्यांकन अधिकारी की सांठगांठ व आर्थिक व्यवहार से शहर में अवैध निर्माण कार्य धडल्ले से जारी है।
फारूक मेमन ने ज्ञापन में कहा कि लोकशाही दिन के 15 दिन पूर्व अपनी शिकायत मनपा प्रशासन को दी जाती है ताकि इन 15 दिनों में प्रशासन शिकायत की जांच करके दोषियों के विरुद्ध दंडात्मक कार्रवाई की जाए। दंडात्मक कार्रवाई करके उसका ब्योरा लोकशाही दिन में आयुक्त के समक्ष शिकायत कर्ता को दिया जाए। परंतु फारूक मेमन द्वारा की गई शिकायत के मामले में मनपा अधिकारियों ने पूर्व 2015 में की गई कागजी कार्रवाई का ब्योरा आयुक्त और शिकायतकर्ता को दिया।
गौरतलब है कि मौजे नागांव सर्वे नंबर 67 पैकी सिटी सर्वे नंबर 2879, 2880 इस भूखंड पर पूर्व 2014 से तल महला सहित एक महले का निर्माण कार्य जारी था परंतु मनपा अधिकारी उसके विरूद्ध केवल नोटिस जारी करके उन्हे कोर्ट से स्थगति आदेश प्राप्त करने में अप्रत्यक्ष रूप से सहायता करते रहे। उक्त निर्माण के विरुद्ध भिवंडी कोर्ट ने स्टेटस (जैसे थे) का आदेश दिया था उसके बावजूद उक्त भूखंड पर आज तल सहित सात महले का आरसीसी भवन निर्माण हो चुका है और मनपा के कर मूल्यांकन अधिकारी ने इस अवैध निर्माण का कर मूल्यांकन करके उसे घर नंबर 3177 जारी कर दिया है। मनपा के विधि अधिकारी ने पिछले तीन वर्षों में स्थगति आदेश निरस्त करने के लिए किसी प्रकार का प्रयत्न नहीं किया और अवैध निर्माण धारक के विरुद्ध अवमान याचिका भी दाखिल नहीं की। इसी प्रकार मनपा के प्रभाग अधिकारी, विधि अधिकारी और करमूल्यांकन अधिकारी की सांठगांठ व आर्थिक व्यवहार से शहर में अवैध निर्माण कार्य धडल्ले से जारी है।
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