भिवंडी। के कामतघर जूनी ताड़ाली ठाकरापाड़ा रोड (पाइप लाइन )स्थित स्वामी श्री गंभीरानंद आश्रम में महर्षि वेदव्यास गुरुकुल द्वारा आयोजित दूसरा 15 दिवसीय सुसंस्कार शिविर संपन्न हुआ। जिसमें शहर के अंग्रेजी,हिंदी,मराठी ,गुजराती एवं तेलुगू माध्यम के विभिन्न स्कूलों के लगभग 50 छात्र-छात्राएं शामिल थी। इस दौरान गुरुकुल द्वारा आयोजित विभिन्न प्रतियोगिताओं में शामिल छात्रों को प.पू.स्वामी श्री गंभीरानंद सरस्वती जी महाराज ,ब्रह्मचारी श्री प्रेमस्वरूप जी चैतन्य एवं मुख्य अतिथि वी.के.सिंह द्वारा पुरस्कार देकर उनका उत्साहवर्धन किया गया।
ज्ञात हो कि पूर्व लगभग 18 वर्षों से प.पू.स्वामी श्री गभीरानंद सरस्वती जी महाराज द्वारा पांचवी से 10 वीं तक के छात्रों के अंदर सुसंस्कार एवं भारतीय जागृत करने,संस्कृत भाषा का सामान्य ज्ञान,स्वास्थ्य शिक्षा आदि के लिए प्रत्येक वर्ष दीपावली एवं ग्रीष्म कालीन छुट्टियों के दौरान निरंतर दोनों सत्रों में सुसंस्कार शिविर का आयोजन किया जा रहा है। जिसमें भारी संख्या में छात्र-छात्राएं शामिल होते हैं। महर्षि वेदव्यास गुरुकुल द्वारा प्रति वर्ष ग्रीष्म कालीन अवकाश के दौरान जहां केवल एक सुसंस्कार शिविर का आयोजन किया जाता था वहीं इस वर्ष ग्रीष्म कालीन अवकाश के दौरान 15 दिवसीय दो सुसंस्कार शिविर का आयोजन किया गया। जिसके तहत शंकराचार्य जयंती के अवसर पर पहला 15 दिवसीय सुसंस्कार शिविर का आयोजन किया गया था और उसके बाद दूसरा 15 दिवसीय सुसंस्कार शिविर का आयोजन किया गया। जिसमें ब्रह्मचारी प्रेमस्वरूपजी चैतन्य के मार्गदर्शन में ब्रह्मचारी सुबोध जी चैतन्य,ब्रह्मचारी करण जी,ब्रह्मचारी प्रमोद जी एवं मनीषा झा द्वारा शहर के विभिन्न स्कूलों से आए हुए छात्र-छात्राओं में सुसंस्कार जागृत करने के लिए उन्हें ब्रह्ममुहूर्त संस्कार,सदाचार संस्कार,भोजनकालीन संस्कार,शयनकालीन संस्कार,विद्या संस्कार,वैदिक गणित की जानकारी दी गई। इसी तरह स्वास्थ्य रक्षा के लिए योगासन एवं प्राणायाम,एकाग्रता एवं स्मृतिशक्ति वर्धक संस्कार व नियम,संयमित जीवन की शिक्षा तथा शारीरिक विकास,भारतीय संगीत का सामान्य ज्ञान,सामाजिक जागृति के लिए सांस्कृतिक कार्यक्रमों का आयोजन,श्रीमद्भभगवद गीता का स्पष्ट उच्चारण एवं ज्ञान के बारे में बताया गया। इस दौरान शिविर में शामिल छात्र-छात्राओं के उत्साहवर्धन एवं उनके अंदर आत्मविश्वास पैदा करने के लिए ब्रह्मचारी सुबोध जी द्वारा चित्रकला,ब्रह्मचारी करण जी द्वारा सदाचार,ब्रह्मचारी प्रमोद जी द्वारा सहज संस्कृत शिक्षा एवं मनीषा झा द्वारा श्रीमद्भभगवद गीता के लिए विभिन्न प्रतियोगिताओं का आयोजन किया गया था। महर्षि वेदव्यास गुरुकुल द्वारा आयोजित विभिन्न प्रतियोगिता में शामिल छात्रों को पुरस्कार एवं प्रमाण पत्र देकर उनका उत्साहवर्धन किया गया।
जिसमें चित्रकला प्रतियोगिता में प्रथम आने वाले के.के.सी हिंदी विद्यालय की छात्रा महिमा इंद्रकुमार तिवारी को प्रथम पुरस्कार देकर सम्मानित किया गया, इसी प्रकार वैदिक गणित में प्रथम आने वाले श्री सत्यनारायण हिंदी विद्यालय के छात्र गोविंद अनिल झा ,संस्कृत सहज शिक्षा में प्रथम आने वाले स्कालर इंग्लिश स्कूल के छात्र चंदन विनोद मिश्रा,सदाचार में प्रथम आने वाले काकतिया इंग्लिश स्कूल के छात्र विकी संजय यादव , सदाचारी विद्यार्थी के लिए स्कालर इंग्लिश स्कूल के छात्र चंदन विनोद मिश्रा एवं डॉ.ओमप्रकाश अग्रवाल इंग्लिश स्कूल के छात्र अनुज अनिल झा को सांत्वना पुरस्कार एवं प्रमाण पत्र ,प.पू.स्वामी श्री गंभीरानंद सरस्वती जी महाराज, ब्रह्मचारी श्री प्रेमस्वरूप जी चैतन्य एवं मुख्य अतिथि वी.के.सिंह द्वारा प्रमाण पत्र एवं पुरस्कार देकर उनका उत्साह वर्धन किया गया। पुरस्कार वितरण कार्यक्रम का सफल संचालन ब्रह्मचारी नित्यानंद एवं ब्रह्मचारी करण जी ने किया। उक्त अवसर पर डॉ.प्रभाकर विश्वकर्मा एवं दीपमाला विश्वकर्मा आदि द्वारा भजन संध्या का आयोजन किया गया था जिसमें भारी संख्या में भक्त उपस्थित थे।
ज्ञात हो कि पूर्व लगभग 18 वर्षों से प.पू.स्वामी श्री गभीरानंद सरस्वती जी महाराज द्वारा पांचवी से 10 वीं तक के छात्रों के अंदर सुसंस्कार एवं भारतीय जागृत करने,संस्कृत भाषा का सामान्य ज्ञान,स्वास्थ्य शिक्षा आदि के लिए प्रत्येक वर्ष दीपावली एवं ग्रीष्म कालीन छुट्टियों के दौरान निरंतर दोनों सत्रों में सुसंस्कार शिविर का आयोजन किया जा रहा है। जिसमें भारी संख्या में छात्र-छात्राएं शामिल होते हैं। महर्षि वेदव्यास गुरुकुल द्वारा प्रति वर्ष ग्रीष्म कालीन अवकाश के दौरान जहां केवल एक सुसंस्कार शिविर का आयोजन किया जाता था वहीं इस वर्ष ग्रीष्म कालीन अवकाश के दौरान 15 दिवसीय दो सुसंस्कार शिविर का आयोजन किया गया। जिसके तहत शंकराचार्य जयंती के अवसर पर पहला 15 दिवसीय सुसंस्कार शिविर का आयोजन किया गया था और उसके बाद दूसरा 15 दिवसीय सुसंस्कार शिविर का आयोजन किया गया। जिसमें ब्रह्मचारी प्रेमस्वरूपजी चैतन्य के मार्गदर्शन में ब्रह्मचारी सुबोध जी चैतन्य,ब्रह्मचारी करण जी,ब्रह्मचारी प्रमोद जी एवं मनीषा झा द्वारा शहर के विभिन्न स्कूलों से आए हुए छात्र-छात्राओं में सुसंस्कार जागृत करने के लिए उन्हें ब्रह्ममुहूर्त संस्कार,सदाचार संस्कार,भोजनकालीन संस्कार,शयनकालीन संस्कार,विद्या संस्कार,वैदिक गणित की जानकारी दी गई। इसी तरह स्वास्थ्य रक्षा के लिए योगासन एवं प्राणायाम,एकाग्रता एवं स्मृतिशक्ति वर्धक संस्कार व नियम,संयमित जीवन की शिक्षा तथा शारीरिक विकास,भारतीय संगीत का सामान्य ज्ञान,सामाजिक जागृति के लिए सांस्कृतिक कार्यक्रमों का आयोजन,श्रीमद्भभगवद गीता का स्पष्ट उच्चारण एवं ज्ञान के बारे में बताया गया। इस दौरान शिविर में शामिल छात्र-छात्राओं के उत्साहवर्धन एवं उनके अंदर आत्मविश्वास पैदा करने के लिए ब्रह्मचारी सुबोध जी द्वारा चित्रकला,ब्रह्मचारी करण जी द्वारा सदाचार,ब्रह्मचारी प्रमोद जी द्वारा सहज संस्कृत शिक्षा एवं मनीषा झा द्वारा श्रीमद्भभगवद गीता के लिए विभिन्न प्रतियोगिताओं का आयोजन किया गया था। महर्षि वेदव्यास गुरुकुल द्वारा आयोजित विभिन्न प्रतियोगिता में शामिल छात्रों को पुरस्कार एवं प्रमाण पत्र देकर उनका उत्साहवर्धन किया गया।
जिसमें चित्रकला प्रतियोगिता में प्रथम आने वाले के.के.सी हिंदी विद्यालय की छात्रा महिमा इंद्रकुमार तिवारी को प्रथम पुरस्कार देकर सम्मानित किया गया, इसी प्रकार वैदिक गणित में प्रथम आने वाले श्री सत्यनारायण हिंदी विद्यालय के छात्र गोविंद अनिल झा ,संस्कृत सहज शिक्षा में प्रथम आने वाले स्कालर इंग्लिश स्कूल के छात्र चंदन विनोद मिश्रा,सदाचार में प्रथम आने वाले काकतिया इंग्लिश स्कूल के छात्र विकी संजय यादव , सदाचारी विद्यार्थी के लिए स्कालर इंग्लिश स्कूल के छात्र चंदन विनोद मिश्रा एवं डॉ.ओमप्रकाश अग्रवाल इंग्लिश स्कूल के छात्र अनुज अनिल झा को सांत्वना पुरस्कार एवं प्रमाण पत्र ,प.पू.स्वामी श्री गंभीरानंद सरस्वती जी महाराज, ब्रह्मचारी श्री प्रेमस्वरूप जी चैतन्य एवं मुख्य अतिथि वी.के.सिंह द्वारा प्रमाण पत्र एवं पुरस्कार देकर उनका उत्साह वर्धन किया गया। पुरस्कार वितरण कार्यक्रम का सफल संचालन ब्रह्मचारी नित्यानंद एवं ब्रह्मचारी करण जी ने किया। उक्त अवसर पर डॉ.प्रभाकर विश्वकर्मा एवं दीपमाला विश्वकर्मा आदि द्वारा भजन संध्या का आयोजन किया गया था जिसमें भारी संख्या में भक्त उपस्थित थे।
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