नहीं पहुंचा कोई जनप्रतिनिधि, परिजन के आंखों से बह रहे खून के आंशू
मीरजापुर,हिन्दुस्तान की आवाज, संतोष देव गिरी
जौनपुर। रहस्यमय बीमारी की चपेट में आकर तीन सदस्यों की मौत के बाद परिजन को आर्थिक मदद की जरूरत है। जीवन और मौत से लड़ रहे बाप बेटे को उपचार के लिए घर में फूटी कौड़ी भी नहीं है। सही सलामत बचा एक बेटा बीमार लोगों की जिन्दगी वापस पाने के लिए लोगों से मदद की गुहार लगा रहा है। जी हां यह घटना जफराबाद थाना क्षेत्र के ग्रामसभा करमही की है। गांव निवासी अशोक मिश्र के उपर इन दिनों मानो गमों का पहाड़ टूट पड़ा है। पिछले माह उनका परिवार रहस्यमय बीमारी की चपेट में आ गया। तमाम कोशिशों के बावजूद उनकी पत्नी उर्मिला उम्र 45 वर्ष की लगभग बीस दिन पूर्व मौत हो गयी। अंतिम संस्कार के बाद उनके क्रिया-कर्म की तैयारी चल रही थी कि तीस साल की बहू कविता पत्नी नीरज की हालत गंभीर हो गयी। उर्मिला का दशगात्र भी नहीं बीता था कि कविता की भी मौत हो गयी। सास बहू की मौत के गम से परिजन उबर नहीं पाए थे कि अशोक मिश्र उम्र 48 वर्ष, उनका 26 वर्षीय पुत्र धीरज मिश्र और सात वर्ष की पौत्री स्वाती उसी बीमारी की चपेट में आ गयी। इसके बाद जानकारी होने पर स्वास्थ्य विभाग की टीम पहुंच गयी। चिकित्सक जब मौत की वजह नहीं जान सके तो तीनों को बेहतर उपचार के लिए ट्रामा सेन्टर वाराणसी भेज दिए। कई दिनों तक वहां उपचार चला। इसके बाद तीनों को छोड़ दिया गया। घर पहुंचने के दूसरे दिन धीरज की भी मौत हो गयी। अशोक और नीरज की हालत बिगडऩे पर दोबारा ट्रामा सेन्टर भर्ती कराया गया। इस समय घर में सिर्फ अशोक मिश्र का बड़ा पुत्र पंकज है जो अपने पिता और भाई की देखरेख के लिए अस्पताल में पड़ा है। एक कमाऊं पूत के मरने और दूसरे के बीमार रहने से घर की आर्थिक स्थिति बिगड़ गयी है। बाप-बेटे के उपचार के लिए घर में पैसा नहीं है। इसके बाद तीनों मृतकों की तेरही करना दूर की बात है। इन दिनों घर के बचे सदस्यों के आंखों से खून के आंशू बह रहे हैं। उनके घर सांत्वना देने गए लोगों का गला रूध जा रहा है। पूरे गांव में मातम छाया हुआ है। अशोक के घर महीनों से चूल्हा नहीं जला है। चंदे के रूपए से पिता-पुत्र का उपचार चल रहा है। इतनी बड़ी घटना के बावजूद कोई भी जन प्रतिनिधि आर्थिक मदद की बात तो दूर शोकाकुल परिवार को ढांढस बधाने में नहीं पहुंचा। उनकी राह देखते घर के लोगों की आंखे पथरा सी गयी है।
मीरजापुर,हिन्दुस्तान की आवाज, संतोष देव गिरी
जौनपुर। रहस्यमय बीमारी की चपेट में आकर तीन सदस्यों की मौत के बाद परिजन को आर्थिक मदद की जरूरत है। जीवन और मौत से लड़ रहे बाप बेटे को उपचार के लिए घर में फूटी कौड़ी भी नहीं है। सही सलामत बचा एक बेटा बीमार लोगों की जिन्दगी वापस पाने के लिए लोगों से मदद की गुहार लगा रहा है। जी हां यह घटना जफराबाद थाना क्षेत्र के ग्रामसभा करमही की है। गांव निवासी अशोक मिश्र के उपर इन दिनों मानो गमों का पहाड़ टूट पड़ा है। पिछले माह उनका परिवार रहस्यमय बीमारी की चपेट में आ गया। तमाम कोशिशों के बावजूद उनकी पत्नी उर्मिला उम्र 45 वर्ष की लगभग बीस दिन पूर्व मौत हो गयी। अंतिम संस्कार के बाद उनके क्रिया-कर्म की तैयारी चल रही थी कि तीस साल की बहू कविता पत्नी नीरज की हालत गंभीर हो गयी। उर्मिला का दशगात्र भी नहीं बीता था कि कविता की भी मौत हो गयी। सास बहू की मौत के गम से परिजन उबर नहीं पाए थे कि अशोक मिश्र उम्र 48 वर्ष, उनका 26 वर्षीय पुत्र धीरज मिश्र और सात वर्ष की पौत्री स्वाती उसी बीमारी की चपेट में आ गयी। इसके बाद जानकारी होने पर स्वास्थ्य विभाग की टीम पहुंच गयी। चिकित्सक जब मौत की वजह नहीं जान सके तो तीनों को बेहतर उपचार के लिए ट्रामा सेन्टर वाराणसी भेज दिए। कई दिनों तक वहां उपचार चला। इसके बाद तीनों को छोड़ दिया गया। घर पहुंचने के दूसरे दिन धीरज की भी मौत हो गयी। अशोक और नीरज की हालत बिगडऩे पर दोबारा ट्रामा सेन्टर भर्ती कराया गया। इस समय घर में सिर्फ अशोक मिश्र का बड़ा पुत्र पंकज है जो अपने पिता और भाई की देखरेख के लिए अस्पताल में पड़ा है। एक कमाऊं पूत के मरने और दूसरे के बीमार रहने से घर की आर्थिक स्थिति बिगड़ गयी है। बाप-बेटे के उपचार के लिए घर में पैसा नहीं है। इसके बाद तीनों मृतकों की तेरही करना दूर की बात है। इन दिनों घर के बचे सदस्यों के आंखों से खून के आंशू बह रहे हैं। उनके घर सांत्वना देने गए लोगों का गला रूध जा रहा है। पूरे गांव में मातम छाया हुआ है। अशोक के घर महीनों से चूल्हा नहीं जला है। चंदे के रूपए से पिता-पुत्र का उपचार चल रहा है। इतनी बड़ी घटना के बावजूद कोई भी जन प्रतिनिधि आर्थिक मदद की बात तो दूर शोकाकुल परिवार को ढांढस बधाने में नहीं पहुंचा। उनकी राह देखते घर के लोगों की आंखे पथरा सी गयी है।
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