उनके इस याचिका पर सुप्रीम कोर्ट ने आज सुबह यह फैसला लिया कि बीजेपी सरकार को बहुमत साबित करने के लिए पूरे 2 दिन का समय दिया जाता है। कल यानी कि शनिवार की देर शाम तक अगर बीजेपी अपनी बहुमत साबित नहीं करते हैं तो उनकी सरकार जा सकती है। इस पर बीजेपी सदस्य ने सुप्रीम कोर्ट से आग्रह किया कि कुछ और दिन की मोहलत हमें दी जाए तो इस पर सुप्रीम कोर्ट ने साफ कह दिया कि सिर्फ 2 दिन ही दी जाएगी। इसके साथ-साथ एक अहम ऐतिहासिक फैसला लिया गया कि इस 2 दिन के अंदर में बीएस येदुरप्पा ना ही कोई नीतिगत फैसला ले सकती है और ना ही अपने बहुमत में किसी एंग्लो इंडियन को शामिल कर सकती।
अब यह लोकतंत्र चुनाव चुनाव नहीं रह कर एक रोमांचक क्रिकेट मैच की तरह हो गई है । अब हमें यह देखना है कि बीजेपी सरकार अपनी सत्ता बनाए रहती है या विपक्षी दल कांग्रेस ,जेडीएस और अन्य दल मिल कर के अपनी नई सरकार बनाती है या इस दोनों के बावजूद कर्नाटक में राष्ट्रपति शासन लागू हो सकता है । यह तीनों बातें एक महत्वपूर्ण बिंदु बन के रह गई है। इस पर किसी भी तरह का फैसला लेना अनुचित होगा या उचित होगा यह सिर्फ हमें कल शाम को देखना है । यदि बीएस येदुरप्पा अपनी बहुमत को साबित नहीं कर पाती है तो उनकी सरकार जा सकती है । अब इनके लिए एक सबसे बड़ी समस्या आ गई है कि सुप्रीम कोर्ट के फैसले के अनुसार बहुमत के लिए जो पोलिंग होगी वह सीक्रेट नहीं होगी वह समूह के समक्ष होगी । अब तो इनके लिए और भी समस्या आ गई कि किसी भी विधायक को अपने पक्ष में करेंगे तो फिर कैसे करेंगे।
अब हमें यह देखना है कि क्या चलेगा मोदी का जादू या फिर कांग्रेस होगा हावी। यह सारा खेल एक बुझी पहेली की तरह बन के रह गई है जिसका अर्थ लगाना या निकालना बड़ी मुश्किल हो रही हैं। सरकार चाहे किसी का भी बने । अब समस्या सिर्फ और सिर्फ आम जनता पर है कि उनके साथ क्या होगा जो अभी के युवा जिस जो सोच कर के मोदी पर विश्वास करते हैं और उस विश्वास के साथ अपना बहुमूल्य मत दिये हैं उनकी विश्वासों का अब आने वाली सरकार कहां तक पहुंचाएगी यह बातें अभी से ही कर्नाटक के वायुमंडल में दौड़ने लगी है।
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