-बेटे को भंवर से निकाल खुद काल के गाल में समा गया बाप
मीरजापुर,हिन्दुस्तान की आवाज, संतोष देव गिरी
मीरजापुर। जिले के जिगना थाना क्षेत्र के कोठरा मिश्रान गांव के सामने मंगलवार की भोर में एक नाव गंगा नदी में समा गइ। यह हादसा तब हुआ जब भोर में तकरीबन तीन बजे समीप के गांव का एक मछुआरा गंगा में मछली मारने गया हुआ था। गंगा में नाव समा जाने से नाविक की मौत हो गई। जब कि उसका बेटा बालबाल बच गया। बाद में काफी प्रयास के बाद षव बरामद हो पाया कोठरा मिश्रान गांव निवासी झूमकलाल मांझी 45 सोमवार की देर रात गंगा नदी। में अपने बेटे तौलन के साथ नाव लेकर मछली मारने गया हुआ था। भोर में घाट से महज दो सौ मीटर की दूरी पर नाव जैसे ही गंगा की बीच धारा में पहुंची ही थी कि जर्जर नाव में पानी भरने लगा जब तक वह बचने का प्रयास करता तब तक नाव गंगा में समा चुकी थी। किसी प्रकार बचे उसके बेटे तौलन ने बताया कि नाव डूबने के दौरान उसके पिता ने उसे अपनी पीठ पर लादकर पानी के भंवर से तो उसे बाहर निकाल दिया लेकिन खुद उसमें वह समा गये। जानकारी होने पर आसपास के जुटे नाविकों और मछुआरों ने काफी मषक्कत के बाद गंगा नदी से सुबह होने पर झूमन के षव को बरामद करने में सफलता पाई। इस दौरान गंगा तट पर सैकड़ों की संख्या में जहां लोगों की भीड़ जुट गई थी वहीं नाव हादसे की खबर होते ही झूमन के गांव और परिवार के लोगों में मातम का माहौल व्याप्त हो गया है। सूचना होने पर पहुंची पुलिस ने षव को कब्जे में लेकर पोस्टमार्टम के लिए भेज दिया है।
स्वस्थ रखने की प्राचीनतम् पद्वति है योग: योगी भोलानाथ
-निःषुल्क योग षिविर में बच्चों को बताया गया खेल-खेल में योग के गुण
मीरजापुर। पतंजली योग समिति एवं विंध्य योग सेवाधाम के संयुक्त तत्वाधान में नगर के मुसफ्फरगंज स्थित जानकी देवी जूनियर हाईस्कूल में दो दिवसीय निःषुल्क योग षिविर का आयोजन किया गया। इस दौरान योगी भोलानाथ ने स्कूल के बच्चों को खेल- के जरिए योग की सरलतम विधि को बतलाते हुए कहा खेल में भी योग की क्रियायें छुपी हुई है बषर्ते सही ढंग से उन्हें अपनाया जाये। उन्होंने बच्चों को योग की विभिन्न क्रियाआंे के बारे में विस्तार से जानकारी देते हुए योग के विभिन्न आसनों को कराया। कहा योग व्यक्ति को निरोगी काया प्रदान करता है जो कभी ऋषि मुनि अपनाकर फीट रहा करते थे। कहा आज के भागम भाग भरी जिंदगी में व्यक्ति जितना प्रकृति और प्राचीनतम पद्वति से दूर होता जा रहा है उतना ही बीमारियों और परेषानियों से घिरता जा रहा है जिससे बचने का सरल सा उपाया है नियमित योग की क्रियाएं। प्रधानाचार्य सुमन सिंह ने कहा खुद को स्वस्थ रखना है तो योग को करना है। इस मूल मंत्र को अपनाने से प्रकृति पदत्त काया को स्वस्थ रखा जा सकता है। योग षिविर के प्रति बच्चों में जहां खास आकषर््ण देखते बन रहा था वहीं उनकी योग के प्रति गहरी जिज्ञासा भी देखने को मिली। षिविर में भव्या सिंह, सलमान, साबिर, आजमीन, काजल, रूबीना, मीना, रोषनी, नेहा इत्यादि मौजूद रही हैं। इसी क्रम में नगर के डंगहर स्थित अमर बीवीएफ में योग षिविर के दूसरे दिन योगाचार्य ज्वाला सिंह ने छात्रों को मकरालन, भुजंगासन, षलभास सहित विभिन्न आसनों का अभ्यास कराते हुए कहा योग समाज के सभी जनांे के लिए आवष्यक है। योग क्रिया के जरिए व्यक्ति अपने षरीर को स्वच्छ व सुंदर बनाये रखने के साथ जीवन की दषा व दिषा को बदल सकता है। इस अवसर पर प्रवीण कुमार आर्य ने योग पर विस्तार से प्रकाष डालते हुए कहा योग भारत की प्राचीनतम् पद्वती है जिसे आज विदेषी भी अपना रहे हैं। योग का डंका आज पूरे विष्व में बज रहा है। योग ने कईयों के जीवन में निराषा के बादल का हटा आषा भरा जीवन जीने का संदेष प्रदान किया है। जिसकी प्रकाष किरणें आज चहूंओर प्रकाषमय हो रहीं हैं।
मीरजापुर,हिन्दुस्तान की आवाज, संतोष देव गिरी
मीरजापुर। जिले के जिगना थाना क्षेत्र के कोठरा मिश्रान गांव के सामने मंगलवार की भोर में एक नाव गंगा नदी में समा गइ। यह हादसा तब हुआ जब भोर में तकरीबन तीन बजे समीप के गांव का एक मछुआरा गंगा में मछली मारने गया हुआ था। गंगा में नाव समा जाने से नाविक की मौत हो गई। जब कि उसका बेटा बालबाल बच गया। बाद में काफी प्रयास के बाद षव बरामद हो पाया कोठरा मिश्रान गांव निवासी झूमकलाल मांझी 45 सोमवार की देर रात गंगा नदी। में अपने बेटे तौलन के साथ नाव लेकर मछली मारने गया हुआ था। भोर में घाट से महज दो सौ मीटर की दूरी पर नाव जैसे ही गंगा की बीच धारा में पहुंची ही थी कि जर्जर नाव में पानी भरने लगा जब तक वह बचने का प्रयास करता तब तक नाव गंगा में समा चुकी थी। किसी प्रकार बचे उसके बेटे तौलन ने बताया कि नाव डूबने के दौरान उसके पिता ने उसे अपनी पीठ पर लादकर पानी के भंवर से तो उसे बाहर निकाल दिया लेकिन खुद उसमें वह समा गये। जानकारी होने पर आसपास के जुटे नाविकों और मछुआरों ने काफी मषक्कत के बाद गंगा नदी से सुबह होने पर झूमन के षव को बरामद करने में सफलता पाई। इस दौरान गंगा तट पर सैकड़ों की संख्या में जहां लोगों की भीड़ जुट गई थी वहीं नाव हादसे की खबर होते ही झूमन के गांव और परिवार के लोगों में मातम का माहौल व्याप्त हो गया है। सूचना होने पर पहुंची पुलिस ने षव को कब्जे में लेकर पोस्टमार्टम के लिए भेज दिया है।
स्वस्थ रखने की प्राचीनतम् पद्वति है योग: योगी भोलानाथ
-निःषुल्क योग षिविर में बच्चों को बताया गया खेल-खेल में योग के गुण
मीरजापुर। पतंजली योग समिति एवं विंध्य योग सेवाधाम के संयुक्त तत्वाधान में नगर के मुसफ्फरगंज स्थित जानकी देवी जूनियर हाईस्कूल में दो दिवसीय निःषुल्क योग षिविर का आयोजन किया गया। इस दौरान योगी भोलानाथ ने स्कूल के बच्चों को खेल- के जरिए योग की सरलतम विधि को बतलाते हुए कहा खेल में भी योग की क्रियायें छुपी हुई है बषर्ते सही ढंग से उन्हें अपनाया जाये। उन्होंने बच्चों को योग की विभिन्न क्रियाआंे के बारे में विस्तार से जानकारी देते हुए योग के विभिन्न आसनों को कराया। कहा योग व्यक्ति को निरोगी काया प्रदान करता है जो कभी ऋषि मुनि अपनाकर फीट रहा करते थे। कहा आज के भागम भाग भरी जिंदगी में व्यक्ति जितना प्रकृति और प्राचीनतम पद्वति से दूर होता जा रहा है उतना ही बीमारियों और परेषानियों से घिरता जा रहा है जिससे बचने का सरल सा उपाया है नियमित योग की क्रियाएं। प्रधानाचार्य सुमन सिंह ने कहा खुद को स्वस्थ रखना है तो योग को करना है। इस मूल मंत्र को अपनाने से प्रकृति पदत्त काया को स्वस्थ रखा जा सकता है। योग षिविर के प्रति बच्चों में जहां खास आकषर््ण देखते बन रहा था वहीं उनकी योग के प्रति गहरी जिज्ञासा भी देखने को मिली। षिविर में भव्या सिंह, सलमान, साबिर, आजमीन, काजल, रूबीना, मीना, रोषनी, नेहा इत्यादि मौजूद रही हैं। इसी क्रम में नगर के डंगहर स्थित अमर बीवीएफ में योग षिविर के दूसरे दिन योगाचार्य ज्वाला सिंह ने छात्रों को मकरालन, भुजंगासन, षलभास सहित विभिन्न आसनों का अभ्यास कराते हुए कहा योग समाज के सभी जनांे के लिए आवष्यक है। योग क्रिया के जरिए व्यक्ति अपने षरीर को स्वच्छ व सुंदर बनाये रखने के साथ जीवन की दषा व दिषा को बदल सकता है। इस अवसर पर प्रवीण कुमार आर्य ने योग पर विस्तार से प्रकाष डालते हुए कहा योग भारत की प्राचीनतम् पद्वती है जिसे आज विदेषी भी अपना रहे हैं। योग का डंका आज पूरे विष्व में बज रहा है। योग ने कईयों के जीवन में निराषा के बादल का हटा आषा भरा जीवन जीने का संदेष प्रदान किया है। जिसकी प्रकाष किरणें आज चहूंओर प्रकाषमय हो रहीं हैं।
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