भिवंडी,हिन्दुस्तान की आवाज,एम हुसेन
भिवंडी। सरकार एक ओर जहां देश के सभी स्तर को शिक्षित बनाने के लिए अभियान चला रही है वही कुछ स्कूलों में मासूम बच्चो के साथ भेदभाव व जातिवादी करके उन्हें शिक्षा से वंचित रखा जा रहा है, इसी क्रम में भिवंडी के तपोवन विद्यालय में बच्चों को प्रवेश दिलाने के लिए गए पालको को विद्यालय की मुख्याध्यापिका ने दुर्व्यवहार कर वापस कर दिया।
गौरतलब है कि भिवंडी शहर के अंजुरफाटा स्थित तपोवन विद्यालय में संजू गुप्ता अपनी बेटी आराध्या के प्रवेश हेतु 16 मार्च को विद्यालय में गए जहा पर और भी कई पालक उपस्थित थे हालांकि यह प्रवेश "मुफ्त और अनिवार्य प्राथमिक शिक्षा"(आर.टी.ई.)अंतर्गत ऑनलाइन होने के बाद विद्यालय में मात्र आवश्यक दस्तावेज ही जमा कराना था लेकिन तपोवन विद्यालय की मुख्याध्यापिका सुप्रिया सूरी ने सभी उपस्थित पालको से दुर्व्यवहार करते हुए कहा की हमारा विद्यालय केवल जैन व गुजराती समाज के अल्पसंख़्यको की सहायता हेतु है और हम किसी और समाज के लोगो को प्रवेश नहीं देंगे और हमारे विद्यालय में कांदा लहसुन और मांसाहारी खानेवालों को भी प्रवेश नहीं मिलता तुम सब यहाँ से जाओ यह विद्यालय "मुफ्त और अनिवार्य प्राथमिक शिक्षा"(आर.टी.ई.)अंतर्गत समाविष्ट नहीं है जिससे पालको में काफी रोष व्याप्त है । हालांकि विद्यालय की मुख्यध्यापिका के दुर्व्यवहार की लिखित शिकायत संजू गुप्ता ने भिवंडी शिक्षण मंडल के प्रशासनाधिकारी व नारपोली पुलिस स्टेशन में की है जिसके उपरोक्त विद्यालय ने कई लोगो का प्रवेश शुरू कर दिया है लेकिन संजू गुप्ता ने कहा की पालकों के साथ इस प्रकार का दुर्व्यवहार करनेवाली मुख्यध्यापिका हमारे बच्चों को क्या शिक्षा देंगी उनको इस दुर्व्यवहार की सजा तो मिलनी ही चाहिए। और विद्यालय की मुख्याध्यापिका प्रवेश के नाम पर जातिवाद कर रही है मै इनकी शिकायत शिक्षामंत्री से भी करूंगा और उचित कार्रवाई की मांग करूंगा, यदि विद्यालय सरकार का अनुदान ले रहा है तो उसका इस्तेमाल गरीब जरूरतमंदों के बच्चों पर होना चाहिए ना की किसी एक जाती धर्म पर इस प्रकार का भेदभाव करनेवाले विद्यालय को सरकार की ओर से कोई सुविधा ना दी जाए। इस संदर्भ में विद्यालय में मोबाईल क्र.8806604424 पर बात की गई तो किसी भी प्रकार का उत्तर नहीं दिया और कहा की आप बाद में फोन कीजिये कुछ देर बाद फिर फोन करने पर किसी ने फोन नहीं उठाया।
भिवंडी। सरकार एक ओर जहां देश के सभी स्तर को शिक्षित बनाने के लिए अभियान चला रही है वही कुछ स्कूलों में मासूम बच्चो के साथ भेदभाव व जातिवादी करके उन्हें शिक्षा से वंचित रखा जा रहा है, इसी क्रम में भिवंडी के तपोवन विद्यालय में बच्चों को प्रवेश दिलाने के लिए गए पालको को विद्यालय की मुख्याध्यापिका ने दुर्व्यवहार कर वापस कर दिया।
गौरतलब है कि भिवंडी शहर के अंजुरफाटा स्थित तपोवन विद्यालय में संजू गुप्ता अपनी बेटी आराध्या के प्रवेश हेतु 16 मार्च को विद्यालय में गए जहा पर और भी कई पालक उपस्थित थे हालांकि यह प्रवेश "मुफ्त और अनिवार्य प्राथमिक शिक्षा"(आर.टी.ई.)अंतर्गत ऑनलाइन होने के बाद विद्यालय में मात्र आवश्यक दस्तावेज ही जमा कराना था लेकिन तपोवन विद्यालय की मुख्याध्यापिका सुप्रिया सूरी ने सभी उपस्थित पालको से दुर्व्यवहार करते हुए कहा की हमारा विद्यालय केवल जैन व गुजराती समाज के अल्पसंख़्यको की सहायता हेतु है और हम किसी और समाज के लोगो को प्रवेश नहीं देंगे और हमारे विद्यालय में कांदा लहसुन और मांसाहारी खानेवालों को भी प्रवेश नहीं मिलता तुम सब यहाँ से जाओ यह विद्यालय "मुफ्त और अनिवार्य प्राथमिक शिक्षा"(आर.टी.ई.)अंतर्गत समाविष्ट नहीं है जिससे पालको में काफी रोष व्याप्त है । हालांकि विद्यालय की मुख्यध्यापिका के दुर्व्यवहार की लिखित शिकायत संजू गुप्ता ने भिवंडी शिक्षण मंडल के प्रशासनाधिकारी व नारपोली पुलिस स्टेशन में की है जिसके उपरोक्त विद्यालय ने कई लोगो का प्रवेश शुरू कर दिया है लेकिन संजू गुप्ता ने कहा की पालकों के साथ इस प्रकार का दुर्व्यवहार करनेवाली मुख्यध्यापिका हमारे बच्चों को क्या शिक्षा देंगी उनको इस दुर्व्यवहार की सजा तो मिलनी ही चाहिए। और विद्यालय की मुख्याध्यापिका प्रवेश के नाम पर जातिवाद कर रही है मै इनकी शिकायत शिक्षामंत्री से भी करूंगा और उचित कार्रवाई की मांग करूंगा, यदि विद्यालय सरकार का अनुदान ले रहा है तो उसका इस्तेमाल गरीब जरूरतमंदों के बच्चों पर होना चाहिए ना की किसी एक जाती धर्म पर इस प्रकार का भेदभाव करनेवाले विद्यालय को सरकार की ओर से कोई सुविधा ना दी जाए। इस संदर्भ में विद्यालय में मोबाईल क्र.8806604424 पर बात की गई तो किसी भी प्रकार का उत्तर नहीं दिया और कहा की आप बाद में फोन कीजिये कुछ देर बाद फिर फोन करने पर किसी ने फोन नहीं उठाया।
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