समस्तीपुर, हिन्दुस्तान की आवाज,रमेश शंकर झा
समस्तीपुर:- जिले के ताजपुर में शहीदे आजम भगत सिंह- राजगुरू- सुखदेव का संयुक्त शहादत दिवस आज शंकर टाँकीज रोड स्थित में समारोहपूर्वक मनाया गया। दो मिनट का मौन व श्रद्धांजलि देने के बाद उनके चित्र पर माल्यार्पण किया गया। इसके बाद कार्यकर्ताओं ने उनके व्यतित्व एवं कृतित्व पर विस्तारपूर्वक प्रकाश डाला। कार्यक्रम की अध्यक्षता इनौस जिलाध्यक्ष सह भाकपा माले नेता सुरेंद्र प्रसाद सिंह ने किया। एल के भी डी काँलेज की कांसीलर श्रेया रानी, आइसा के सुमन सौरभ सिंहा, इनौस के मो० शोहराब, दयानंद राय, प्रमोद राय, संजय शर्मा, माले शिवबालक केशरी, सुरेश सिंह, विजय कुमार, किसान महासभा के अध्यक्ष ब्रहमदेव प्रसाद सिंह समेत अन्य छात्र, युवा, माले नेताओं ने संकल्प सभा को संबोधित किया।वक्ताओं ने कहा कि भगत सिंह अपने लेख में सांप्रदायिकता एवं साम्राज्यवाद के खिलाफ लिखा करते थे।आज शिक्षा- रोजगार- महँगाई, भ्रष्टाचार जैसे जनविरोधी नीति सिर चढकर बोल रहा है।जब छात्र- नौजवान शिक्षा- रोजगार मांगते हैं तो उनको एक साजिश के तहत देशद्रोही की संज्ञा दी जाती है।इसके खिलाफ भगत- अंबेदकर के रास्ते चलकर काले अंग्रेजों को सत्ता से हटाकर ही देश को आगे बढाया जा सकता है।नेताओं ने इस अवसर पर मगत सिंह के रास्ते पर चलने का संकल्प लिया।
समस्तीपुर:- जिले के ताजपुर में शहीदे आजम भगत सिंह- राजगुरू- सुखदेव का संयुक्त शहादत दिवस आज शंकर टाँकीज रोड स्थित में समारोहपूर्वक मनाया गया। दो मिनट का मौन व श्रद्धांजलि देने के बाद उनके चित्र पर माल्यार्पण किया गया। इसके बाद कार्यकर्ताओं ने उनके व्यतित्व एवं कृतित्व पर विस्तारपूर्वक प्रकाश डाला। कार्यक्रम की अध्यक्षता इनौस जिलाध्यक्ष सह भाकपा माले नेता सुरेंद्र प्रसाद सिंह ने किया। एल के भी डी काँलेज की कांसीलर श्रेया रानी, आइसा के सुमन सौरभ सिंहा, इनौस के मो० शोहराब, दयानंद राय, प्रमोद राय, संजय शर्मा, माले शिवबालक केशरी, सुरेश सिंह, विजय कुमार, किसान महासभा के अध्यक्ष ब्रहमदेव प्रसाद सिंह समेत अन्य छात्र, युवा, माले नेताओं ने संकल्प सभा को संबोधित किया।वक्ताओं ने कहा कि भगत सिंह अपने लेख में सांप्रदायिकता एवं साम्राज्यवाद के खिलाफ लिखा करते थे।आज शिक्षा- रोजगार- महँगाई, भ्रष्टाचार जैसे जनविरोधी नीति सिर चढकर बोल रहा है।जब छात्र- नौजवान शिक्षा- रोजगार मांगते हैं तो उनको एक साजिश के तहत देशद्रोही की संज्ञा दी जाती है।इसके खिलाफ भगत- अंबेदकर के रास्ते चलकर काले अंग्रेजों को सत्ता से हटाकर ही देश को आगे बढाया जा सकता है।नेताओं ने इस अवसर पर मगत सिंह के रास्ते पर चलने का संकल्प लिया।
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