प्रतापगड, हिंदुस्तान की आवाज़, प्रमोद श्रीवास्तव
प्रतापगढ ,आदिगंगा सई एवं पवित्र गंगा सागर तथा एकता सरोवर से निकल रही कल कल की धुन लिये संगम की धार आज रविवार को बाबा घुइसरनाथ की पावन नगरी मे भक्तों के जय जयकार ने अद्भुत अलौकिक आध्यात्मिक समां को प्रवाहमान किये हुये दिखा। आदर्श राजनेता या फिर आदर्श सामाजिक पुरोधा कुलीन ब्राम्हण परिवार के संस्कार की आभा का प्रकाश पुंज लिये उनकी दो देवी समान बेटियां विधायक सुसंस्कारित आभावान मा0 आराधना मिश्रा मोना व प्रयाग के ट्रिपल आईटी की विदुषी प्रोफेसर डाॅ. विजयश्री सोना अपने आदर्श पिता के आध्यात्मिक आस्था के विराट दर्शन को विशालता के इतिहास पटल पर अग्रसर किये हुये थी। प्रकाण्ड राजनीतिक विद्वान पं. प्रमोद तिवारी जी द्वारा बाबा घुइसरनाथ धाम मे अपनी आगाध आस्था के दीप शिखर पर आंध्र प्रदेश के बहुमहिमा मण्डित भगवान गोविंद राधे तिरूपति बाला जी महराज की मूर्ति स्थापना के त्रिदिवसीय मंगल उत्सव के सुहावन विश्राम बेला मे सामूहिक हवन पूजन एवं श्री बाला जी के मस्तकाभिषेक, जलाभिषेक, अन्नाभिषेक, मंगलाभिषेक के वैदिक पूजन मे आस्था की स्थली मे भावातिरेक हो श्रद्धानवत दिखीं आराधना मिश्रा मोना एवं विजयश्री सोना। भगवान बाला जी महराज के पूजन अर्चन एवं विद्ववत मण्डल के श्रीवस्त्रांगम् एवं श्रीदक्षिणा तथा श्रीअभिषेक के द्वारा सारस्वत सम्मान प्रदान कर आराधना मिश्रा मोना जी ने अपने पूज्य पिता के सर्वश्रेष्ठ को निरंतर सौपें आ रहे आदर व सम्मान् तथा अपनी पूज्या परमलोकवासी मां श्रद्धेया डा. अलका तिवारी जी सनातन आस्था के संस्कार की अलौकिक परम्परागत दीप के प्रकाश को भी बिखेर रखा था। बाबा धाम मे बाला जी के प्रिय महाभोग व तुलसी तथा कपूर को श्री चरणों मे समर्पित करते हुये विधायक आराधना मिश्रा मोना के आभा मंडल पर अपने रामपुर खास परिवार के मंगल तथा विकास के सुमंगल दीपों के भी सदैव रोशन बने रहने की अभ्यर्चना का भाव भी संजोये दिखा। भगवान तिरूपति जी के समक्ष महामंगल आरती से निकल रही आशीष की किरणें और ठीक सामने से भगवान भास्कर की देदीप्यमान किरणें भगवान वेंकटेश्वर के आभा मण्डल को आदि अनादि काल तक भक्ति की साधना और भक्त को मंगल प्रसाद का हृदयांगम् भी कराती दिखी। सकुशल, सोल्लास व शंख घण्टों तथा वैदिक मंत्रों एवं स्वस्तिवाचन की दक्षिण एवं उत्तर की सांस्कृतिक पूजा का अलौकिक विहंगम दृश्य हजारों हजार समर्थकों व श्रद्धालुओं को गजब की शांति भरी आत्मानुभूति के सप्तरंगी मनोकामनाओं मे तिरोये हुये था। इधर श्री प्रमोद तिवारी एवं विधायक आराधना मिश्रा मोना व विजयश्री सोना का विशाल भण्डारे मे पहले ब्राम्हणों को सत्कार भोज्य का अर्पण एवं तत्पश्चात् स्वयं भी भण्डारे की मंगलरस्मियों को अपने मानस पटल पर संजोये आम श्रद्धालुओं की पंक्ति मे महा प्रसाद को ग्रहण करना श्री प्रमोद तिवारी की इन दोनों देवियों की विशाल शालीनता एवं उच्च कुल के प्रतिनिधायन का अलौकिक दृश्य भी हर आम आवाम को श्रद्धा के आशीष से मोना जी व सोना जी को जहां अभिसिंचित किये हुये था। वहीं बैकुण्ठधाम से महामना कानूनविद् पं. सरयू प्रसाद तिवारी एवं स्वनाम धन्या सहश्र गृह गुणों की परिपक्व पुनीता स्वर्गीया इन्द्राणी देवी जी का भी अपने कुल दीपक का प्रज्ज्वलमान नील गगन से अनेकशः आशीष भरे पुष्पों की सुखद वर्षा मे भी एक परम पुनीत महायज्ञ के पारिवारिक सफल संयोजन की अभिप्रशंसा मे रोम रोम से दुआ एवं आशीर्वाद को श्रीप्रमोदकुलम् के लिये दीर्घता एवं यशस्विता का पथ अग्रसर होने का आशीष की वर्षा भी मानो साक्षात् भावनाओं की गोतों मे हिलोर लिये हुये रविवार के दिन को सुखद जीवनन्ता दे उठा।
प्रतापगढ ,आदिगंगा सई एवं पवित्र गंगा सागर तथा एकता सरोवर से निकल रही कल कल की धुन लिये संगम की धार आज रविवार को बाबा घुइसरनाथ की पावन नगरी मे भक्तों के जय जयकार ने अद्भुत अलौकिक आध्यात्मिक समां को प्रवाहमान किये हुये दिखा। आदर्श राजनेता या फिर आदर्श सामाजिक पुरोधा कुलीन ब्राम्हण परिवार के संस्कार की आभा का प्रकाश पुंज लिये उनकी दो देवी समान बेटियां विधायक सुसंस्कारित आभावान मा0 आराधना मिश्रा मोना व प्रयाग के ट्रिपल आईटी की विदुषी प्रोफेसर डाॅ. विजयश्री सोना अपने आदर्श पिता के आध्यात्मिक आस्था के विराट दर्शन को विशालता के इतिहास पटल पर अग्रसर किये हुये थी। प्रकाण्ड राजनीतिक विद्वान पं. प्रमोद तिवारी जी द्वारा बाबा घुइसरनाथ धाम मे अपनी आगाध आस्था के दीप शिखर पर आंध्र प्रदेश के बहुमहिमा मण्डित भगवान गोविंद राधे तिरूपति बाला जी महराज की मूर्ति स्थापना के त्रिदिवसीय मंगल उत्सव के सुहावन विश्राम बेला मे सामूहिक हवन पूजन एवं श्री बाला जी के मस्तकाभिषेक, जलाभिषेक, अन्नाभिषेक, मंगलाभिषेक के वैदिक पूजन मे आस्था की स्थली मे भावातिरेक हो श्रद्धानवत दिखीं आराधना मिश्रा मोना एवं विजयश्री सोना। भगवान बाला जी महराज के पूजन अर्चन एवं विद्ववत मण्डल के श्रीवस्त्रांगम् एवं श्रीदक्षिणा तथा श्रीअभिषेक के द्वारा सारस्वत सम्मान प्रदान कर आराधना मिश्रा मोना जी ने अपने पूज्य पिता के सर्वश्रेष्ठ को निरंतर सौपें आ रहे आदर व सम्मान् तथा अपनी पूज्या परमलोकवासी मां श्रद्धेया डा. अलका तिवारी जी सनातन आस्था के संस्कार की अलौकिक परम्परागत दीप के प्रकाश को भी बिखेर रखा था। बाबा धाम मे बाला जी के प्रिय महाभोग व तुलसी तथा कपूर को श्री चरणों मे समर्पित करते हुये विधायक आराधना मिश्रा मोना के आभा मंडल पर अपने रामपुर खास परिवार के मंगल तथा विकास के सुमंगल दीपों के भी सदैव रोशन बने रहने की अभ्यर्चना का भाव भी संजोये दिखा। भगवान तिरूपति जी के समक्ष महामंगल आरती से निकल रही आशीष की किरणें और ठीक सामने से भगवान भास्कर की देदीप्यमान किरणें भगवान वेंकटेश्वर के आभा मण्डल को आदि अनादि काल तक भक्ति की साधना और भक्त को मंगल प्रसाद का हृदयांगम् भी कराती दिखी। सकुशल, सोल्लास व शंख घण्टों तथा वैदिक मंत्रों एवं स्वस्तिवाचन की दक्षिण एवं उत्तर की सांस्कृतिक पूजा का अलौकिक विहंगम दृश्य हजारों हजार समर्थकों व श्रद्धालुओं को गजब की शांति भरी आत्मानुभूति के सप्तरंगी मनोकामनाओं मे तिरोये हुये था। इधर श्री प्रमोद तिवारी एवं विधायक आराधना मिश्रा मोना व विजयश्री सोना का विशाल भण्डारे मे पहले ब्राम्हणों को सत्कार भोज्य का अर्पण एवं तत्पश्चात् स्वयं भी भण्डारे की मंगलरस्मियों को अपने मानस पटल पर संजोये आम श्रद्धालुओं की पंक्ति मे महा प्रसाद को ग्रहण करना श्री प्रमोद तिवारी की इन दोनों देवियों की विशाल शालीनता एवं उच्च कुल के प्रतिनिधायन का अलौकिक दृश्य भी हर आम आवाम को श्रद्धा के आशीष से मोना जी व सोना जी को जहां अभिसिंचित किये हुये था। वहीं बैकुण्ठधाम से महामना कानूनविद् पं. सरयू प्रसाद तिवारी एवं स्वनाम धन्या सहश्र गृह गुणों की परिपक्व पुनीता स्वर्गीया इन्द्राणी देवी जी का भी अपने कुल दीपक का प्रज्ज्वलमान नील गगन से अनेकशः आशीष भरे पुष्पों की सुखद वर्षा मे भी एक परम पुनीत महायज्ञ के पारिवारिक सफल संयोजन की अभिप्रशंसा मे रोम रोम से दुआ एवं आशीर्वाद को श्रीप्रमोदकुलम् के लिये दीर्घता एवं यशस्विता का पथ अग्रसर होने का आशीष की वर्षा भी मानो साक्षात् भावनाओं की गोतों मे हिलोर लिये हुये रविवार के दिन को सुखद जीवनन्ता दे उठा।
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