Piबॉलीवुड में इन दिनो रियल लाइफ कैरेक्टर पर आधारित फ़िल्मे बनाने का चलन अधिक है। अब जल्द ही आप फांसी की सजा पाए अफजल गुरु के बेटे गालिब पर बेस्ड एक फ़िल्म देखेंगे, जिसका टाइटल भी है "गालिब". इस फ़िल्म के लेखक है धीरज मिश्रा
इलाहाबाद में जन्मे फिल्म राइटर धीरज मिश्रा झारखंड में पले बढ़े हैं। बचपन से ही लेखन में गहरी रुचि रखने वाले धीरज मिश्रा ने 6 ठी क्लास से बाकायदा लिखना शुरू किया था। 10 वीं करने के बाद एक उपन्यास लिखा "पतझड़ और बहार", उसके बाद उनका दूसरा नॉवेल "खामोशियां" भी प्रकाशित हुआ।
फ़िल्मे लिखने का शौक उन्हें 2000 में मुम्बई ले आया। 2004 से लगातार मुम्बई में हैं। बतौर लेखक "जय जवान जय किसान"उनकी पहली फ़िल्म थी, उसके बाद उन्होंने "चापेकर ब्रदर्स"लिखी, फिर "मैं खुदी राम बोस हूँ" के लेखक रहे। और अब "गालिब" उनकी चौथी फ़िल्म है लेखक के रूप में।
"ग़ालिब"को बनाने का आईडिया उन्हें कैसे आया वह कहते हैं "मैने अखबार में एक खबर पढ़ी कि अफजल गुरु के लड़के गालिब ने 10 वी के इम्तेहान में टॉप किया है। मुझे इसी खबर ने जैसे ग़ालिब की वन लाइनर दे दी। और इत्तेफाक देखें कि जब मैं इस फ़िल्म की शूटिंग कर रहा था तो पता चला कि ग़ालिब ने 12 वी की परीक्षा में भी टॉप किया है।
धीरज मिश्रा लेखन के साथ साथ अपनी फिल्मो में सह निर्माण के रूप में भी जुड़े होते हैं। उनकी फिल्मो में 70 प्रतिशत कलाकार और टेक्नीशियन नए होते हैं। बकौल धीरज मिश्रा "मैं हमेशा नए लोगो को मौका देने की कोशिश करता हूँ। ग़ालिब से पहले मैंने 3 ऐतिहासिक फ़िल्मे बनाई है उनमें भी अधिकतर नए आर्टिस्ट थे, नए लोगो को दर्शक इस तरह की फिल्मो में स्वीकार भी कर लेते हैं। गालिब का टाइटल रोल भी एक न्यू कमर निखिल ने निभाया है जबकि अनामिका शुक्ला ने भी फ़िल्म में अहम भुमिका निभाई है।"
धीरज मिश्रा की फिल्म ‘जय जवान जय किसान' लाल बहादुर शास्त्री के जीवन पर आधारित थी। इस में डॉ. राजेंद्र प्रसाद का किरदार ओमपुरी ने अदा किया था।
बकौल धीरज मिश्रा "जय जवान जय किसान" को बहुत बढ़िया रेस्पॉन्स मिला था। उस फिल्म को लिखने में मैने काफी रिसर्च किया था, बेहतर कास्टिंग हुई थी और सबने बड़ी मेहनत से इस फिल्म को बनाया था, जिसकी वजह से लोगों ने पसन्द किया।"
धीरज मिश्रा के संघर्ष की भी अपनी एक एक कहानी है। इप्टा से जुड़कर काम कर चुके धीरज मिश्र ने बी.आर. इशारा के साथ भी काम किया है। कई फिल्मो व धारावाहिकों में सहायक के रूप में काम करने वाले धीरज शास्त्री जी से बड़े प्रभावित हैं, और उसकी वजह बताते हुए वह कहते हैं "शास्त्री जी कभी बहाना नहीं बनाते थे।"
धीरज मिश्रा इंदिरा गांधी की लव स्टोरी पर भी फिल्म बनाना चाहते हैं। धीरज मिश्रा जल्द ही एक और फ़िल्म "हु किल्ड दीन दयाल उपाध्याय"भी शुरू करने जा रहे है।
- शमा ईरानी
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