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-सर्दी में नौनिहाल व बुजुर्ग है परेशान, नौनिहाल बच्चे हो रहे निमोनिया का शिकार

कन्नौज,हिन्दुस्तान की आवाज़,अनुराग चौहान

कन्नौज। जनपद में दूसरे दिन भी सूर्यदेव के दर्शन दुर्लभ हुए। घने केाहरे के साथ गलन का प्रकोप यथावत जारी रहा आम लोगों ने अलाव जलाकर सर्दी से बचने का प्रयास किया। दुकनदारों को सर्दी बढने से लाभ हुआ जिससे बाजारों में गरम कपडों की खरीददारी बढ जाने से बाजारों की रौनक गुलजार हो गयी है जिससे गरम कपडों का व्यवसाय करने वाले व्यवसाइयों के चेहरे पर रौनक दिखाई दी। भीषण गलन भरी सर्दी के चलते नौनिहाल बच्चे सबसे अधिक प्रभावित हो रहे है जो मौसम के बदले मिजाज के कारण निमोनिया के साथ खांसी का शिकार हो रहे है।
दिसम्बर माह की शुरूआत के साथ शुरू हुए सर्दी का प्रकोप दिसम्बर माह के अन्त में आते-आते इतना बिकराल और रौद्र रूप धारण कर लिया कि आम आदमी के हाड कपानें के साथ पशु पक्षियों को भी बेहाल कर दिया आम आदमी सर्दी से बचने के लिए अलाव के सहारे अपना दिन बिता रहा है जहां गरम कपडे की खरीददारी में इजाफा हुआ तो वहीं अन्य दुकानों पर सन्नाटा ही सन्नाटा दिखाई देता है दुकानदार अलाव के सहारे अपना दिन बितीत कर रहे है। किन्तु अब सवाल है उन गरीबों का जिनका रोज का कमाना और खाना। जो इस सर्दी से बेपरवाह होकर अपनी मजदूरी के लिए घर से सुबह होते ही बाहर निकल आते है और पूरे दिन कडी मसक्कत करने के बाद शाम को घर वापस जाते है और उन गरीबों का भी हाल बुरा है जो दिन भी भीक मांगने के बाद या अन्य कार्य करने के उपरान्त रेलवे व बस स्टेशन के प्लेट फार्म को अपना आशियाना बना लेते है जिनके पास न तो गरम कपडे है और सर्दी से बचने के लिए कोई ठोस बिस्तर तक नहीं है जिनके लिए घने कोहरे के साथ हाड कपा देने वाली गलन ने उनका जीना हराम कर दिया है जो सदैव अपनी निरीह आखों से समाज सेवियों की ओर टकटकी लगाये देखते रहते है कि शायद उन्हें कोई इस सर्दी से बचाने के लिए आ जाये। ऐसी भीषण सर्दी में उनका भी हाल बुरा है जो दिन भी कबाड बीनने के बाद सर्द रात से बचने के लिए आशियाने की तलाश में भटकते है जो अधिकांशता रेलवे के ओवर ब्रिज के नीचे फटे पुराने कपडों में लिपटे हुए होने के बावजूद भी कांपते हुए दिखाई देते है। मौजूदा समय सर्दी ने अपना वह रूप धारण कर लिया है जिसका रौद्र रूप देखकर सभी सर्दी हाय सर्दी की बात कर रहे है ऐसे में अनुमान लगाया जा सकता है कि जब ऊंचे मकान में रहने वालों को सर्दी सता रही है तो उन गरीबों का हाल क्या होगा जो उक्त स्थानों पर अपना जीवन यापन कर रहे है। घने कोहरे के साथ दूसरे दिन भी सूर्यदेव घने कोहरे के चलते बाहर नहीं निकल सके और समूचा वातावरण घने कोहरे की धुंध में समाया रहा जिसके फलस्वरूप दिन चर्या पूरी तरह से प्रभावित रहने के साथ आम आदमी का जन-जीवन अस्त-व्यस्त रहा ऐसी सर्दी में पशु पक्षियों का भी हाल बद से बदतर है जो सर्दी से बचने के लिए बेहाल है। जिसका प्रभाव यातायात व्यवस्था पर भी पड रहा है घने कोहरे के चलते जहां मार्ग दुर्घटनायें बढी है जो वहीं वाहन चालक कोहरे के चलते वाहन लेकर सडक पर चलना मुनासिव नहीं समझ रहे है जो सडक के किनारे अपने वाहनों को खडा कर अपनी रात ढावों पर बिता रहे है इससे ट्रेने भी कई-कई घण्टे बिलम्ब से चल रही है तो वहीं परिवाहन निगम की बसों का शेडयूल बिगडा हुआ है जिससे रेलवे व बस स्टेशनों पर यात्रा करने वाले यात्रियों की भारी भीड दिखाई देती है। शाम ढलते ही आम लोग अपने-अपने घरों में दुबक जाते है और कोई भी बाहर निकलने का साहस नहीं कर पाता है। जहां आम आदमी के साथ पशु पक्षी भीषण सर्दी में बेहाल है तो वहीं चोरों की बारात आयी है जो सर्दी का पूरा लाभ उठाते हुए चोरियों की घटनाओं को अंजाम दे रहे है। पुलिस सिर्फ अपनी फर्जअदाइगी निभाकर घटना की इतिश्री में लगी हुई है।

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