कन्नौज,हिन्दुस्तान की आवाज़,मोहित मिश्रा
कन्नौज। घने कोहरे के बाद निकलने वाली चटक धूप से भी आम लोगों को राहत नहीं मिल पा रही है चल रहे शीत लहरी हवायें आम आदमी को भीषण सर्दी का एहसास करा रही है जिसके फलस्वरूप आदमी धूप में भी गर्म कपडो में अपने को लपेटे रखता है सुबह और शाम को घने कोहरे के बाद दिन में निकलने वाली धूप को तेज हवायें गर्मी का एहसास नहीं होने दे रही है जिससे लोग ठिठुरते दिखाई देते है।
सर्दी के मौसम में दिन भर गलन और ठिठुरन के बीच लोग बेजार से दिखाई देते है जब कि भीषण सर्दी से बचाने के लिए जिला प्रशासन द्वारा अलाव जलवाये जाने के साथ कम्बल वितरण का कार्यक्रम भी चल रहा है। तो वहीं समाज सेवीयों द्वारा भी अलाव जलवाये जाने की व्यवस्था की गयी है किन्तु उसके बावजूद भी दिन पर दिन घटते तापमान के कारण मौसम का मिजाज बनने और बिगडने से लोगों की हालत खसता है बताया गया कि पहाडों पर हो रही बर्फवारी के चलते रात में न्यूनतम पारा लुढक कर पांच डिग्री सेल्सीएस पर पहंुुचने के कारण कोहरे की मोटी चादर तन जाती है जो आम लोगों को बेहाल कर देती है। घने कोहरे के कारण मुख्य मार्गों पर वाहनों की रफतार पर ब्रेक सी लग जाती है तो वहीं शीत लहरी से लोग ठिठुरते है। गांव से शहर आकर मजदूरी करने वाले मजदूरों की स्थित बद से बदहाल है जो पेट के लिए गलन भरी सर्दी में हाड तोड मेहनत करने के लिए मजबूर है इधर तीन चार दिनों से सूर्यदेव घने कोहरे को चीर कर चटक धूप देकर आम लोगों को गर्मी देने का प्रयास करते है परन्तु शीत लहरी हवायें गर्मी का एहसास होने नहीं देती है। सब मिलाकर गलन भरी सर्दी में आम आदमी बेहाल है।
कन्नौज। घने कोहरे के बाद निकलने वाली चटक धूप से भी आम लोगों को राहत नहीं मिल पा रही है चल रहे शीत लहरी हवायें आम आदमी को भीषण सर्दी का एहसास करा रही है जिसके फलस्वरूप आदमी धूप में भी गर्म कपडो में अपने को लपेटे रखता है सुबह और शाम को घने कोहरे के बाद दिन में निकलने वाली धूप को तेज हवायें गर्मी का एहसास नहीं होने दे रही है जिससे लोग ठिठुरते दिखाई देते है।
सर्दी के मौसम में दिन भर गलन और ठिठुरन के बीच लोग बेजार से दिखाई देते है जब कि भीषण सर्दी से बचाने के लिए जिला प्रशासन द्वारा अलाव जलवाये जाने के साथ कम्बल वितरण का कार्यक्रम भी चल रहा है। तो वहीं समाज सेवीयों द्वारा भी अलाव जलवाये जाने की व्यवस्था की गयी है किन्तु उसके बावजूद भी दिन पर दिन घटते तापमान के कारण मौसम का मिजाज बनने और बिगडने से लोगों की हालत खसता है बताया गया कि पहाडों पर हो रही बर्फवारी के चलते रात में न्यूनतम पारा लुढक कर पांच डिग्री सेल्सीएस पर पहंुुचने के कारण कोहरे की मोटी चादर तन जाती है जो आम लोगों को बेहाल कर देती है। घने कोहरे के कारण मुख्य मार्गों पर वाहनों की रफतार पर ब्रेक सी लग जाती है तो वहीं शीत लहरी से लोग ठिठुरते है। गांव से शहर आकर मजदूरी करने वाले मजदूरों की स्थित बद से बदहाल है जो पेट के लिए गलन भरी सर्दी में हाड तोड मेहनत करने के लिए मजबूर है इधर तीन चार दिनों से सूर्यदेव घने कोहरे को चीर कर चटक धूप देकर आम लोगों को गर्मी देने का प्रयास करते है परन्तु शीत लहरी हवायें गर्मी का एहसास होने नहीं देती है। सब मिलाकर गलन भरी सर्दी में आम आदमी बेहाल है।
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