महिला सफाई कर्मचारी की आत्महत्या
मुंबई, हिन्दुस्तान की आवाज, संवाददाता
मुंबई, मुंबई महानगर पालिका में ठेका के माध्यम से सफाई मजदूरों को बराबर का काम और बराबर की वेतन दिया जाये और स्थायी रूप से उन्हें नोकरी में शामिल किये जाने का आदेश न्यायालय ने दिया है. इसके बाद ठेके पर काम करने वाले सफाई मजदूरों को नौकरी में शामिल करने से पालिका टाल मटोल कर रही है. इसके चलते मजदूरों को कर्ज लेकर परिवार चलाना पड़ रहा है. इसी तरह अंधेरी स्थित के - पश्चिम विभाग में ठेके पर सफाई कामगार सुमती देवेंद्र को पालिका ने काम पर रखने से इंकार करने और कर्ज बड़ने से बुधवार को फाशी लगाकर आत्महत्या किया. इस महिला का मृतदेह लाकर गुरुवार को कचरा वाहतूक संघ ने पालिका मुख्यालय के प्रवेशद्वारापर आंदोलन किया. इसके चलते मनपा मुख्यालय का वातावरण कुछ समय के लिए तणावपूर्व हुवा था. उक्त समय अगले महीने से भीक मांगो आंदोलन किया जायेगा यह संघटन ने घोषित किया.
ग़ौरतलब हो की कचरा वाहतूक संघ के न्यायालय सूची में संरक्षित मजदूर सुमती देवेंद्र (28) यह महिला के (पश्चिम) विभाग में ठेका पर काम कर रही थी. न्यायालय का संरक्षण होने के बावजूद भी पिछले कुछ महीनों से पालिका ने काम दिए जाने से इंकार कर रही थी. निय़म के अनुसार इन मजदूरों को 22 हजार का वेतन मिलना चाहिए था. वह नही मिलने पर न्यूनतम मजदूरी नियम के अनुसार 15 हजार रुपये मिलना आवश्यक था. लेकिन यह नही हो रहा था और ६ से ८ हजार रुपये ही वेतन दिया जा रहा था. कम वेतन में परिवार चलाने वाली इस महिला को न्यूनतम मजदूरी का बकाया एक लाख रुपये भी पालिका ने नही दिया. और काम किये जाने का वेतन भी पिछले ६ महीने से नही मिला था. महिला की 11 वर्ष की लडकी है. मात्र संरक्षण होने के बावजूद भी नोकरी दिए जाने से इंकार किये जाने और कम वेतन में काम करना पड़ रहा था जिससे इस महिला का जिन्दा रहना कठिन हो गया था, इससे पीड़ित होकर इस महिला ने आत्महत्या किया. यह आत्महत्या नही पालिका अधिकारीयों द्वारा किया गया हत्या है, यह आरोप संघटन ने आयुक्त को लिखे पत्र में किया है . पालिका ने 130 मजदूरों को काम से बाहर निकाल डाला है. न्यायालय का संरक्षण होने वाले इन मजदूरों को काम दिया जाये और इस तरह की घटना टाले . और संबंधित अधिकारियो के उपर अपराधिक मामला दर्ज करे यह मांग भी संघ ने किया है. इस दरम्यान मृत सुमन देवेंद्र की वारिस को मनपा में नोकरी और नुकसान भरपाई मिले मांग भी आयुक्त के पास की गयी है संघटन के मिलिंद ने कहा की मजदूरों की न्यूनतम मजदूरी लगभग 65 करोड़ रुपये पालिका के पास बकाया है. मेडिक्लेम और न्यूनतम मजदूरी की रक्कम वेतन से काटी जाती है, लेकिन दिया नही जाता है . रानडे ने कहा की आत्महत्या करने वाली सुमती देवेंद्र इस महिला का 1 लाख रुपये पालिका के पास बकाया है वह कब मिलेगा यह भरोषा नही है.
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