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नागपुर , दि. 19 : आज समाज में विवाह टूटने की संख्या में वृद्धि हो रही है । पिछले वर्ष परिवार न्यायालय ने 101 परिवारों को जोड़ने का महत्वपूर्ण कार्य किया है । यह बात सूचना एवं जनसंपर्क सचिव ब्रिजेश सिंह ने कही।

आज सुयोग स्थित परिवार न्यायालय में उन्होंने सद्भावना भेंट की। इस अवसर पर उन्होंने अदालत के कामों की प्रशंसा की। इस अवसर पर परिवार न्यायालय बार एसोसिएशन की अध्यक्षा तेजस्विनी खाडे, उपाध्यक्ष एडवोकेट श्याम अंभारे , न्यायाधीश डॉ. प्रशांत अग्निहोत्री, सुभाष कापरे, कोर्ट व्यवस्थापक डॉ. रसिका कस्तुरे, रजिस्ट्रार सुनील काटेकर, सूचना संचालक शिवाजी मानकर ,राधाकृष्ण मुली , मुख्यमंत्री के जनसंपर्क अधिकारी कीर्ति पांडे, हेमराज बागुल, सुयोग पत्रकार निवास शिबिर प्रमुख दिलीप जाधव उपस्थित थे ।

इस अवसर पर तेजस्विनी खाडे तथा प्रशांत अग्निहोत्री ने परिवार न्यायालय के काम की जानकारी दी। यह परिवार न्यायालय केवल नागपुर महापालिका क्षेत्र के लिए है। प्रति वर्ष 25 -30 प्रतिशत मामलों में पति-पत्नी पुनः परिवार बसाकर साथ रहने को तैयार हो जाते हैं। तलाक के मामलों में न्यायालय तुरंत कोई फैसला नहीं देता । पति तथा पत्नी दोनों को परामर्श दिया जाता है । अदालत दोनों के बीच मध्यस्थता की भूमिका निभाती है । अदालत में प्रत्येक न्यायाधीश के पास दो परामर्शदाता इस प्रकार अदालत में कुल 8 परामर्शदाता हैं । इस प्रकार विवाह तोड़ने के स्थान पर परिवार जोड़ने का काम अदालत करती है। प्रतिदिन 10 दावे तलाक के दाखिल होते हैं । इस समय अदालत में तलाक के 10 हजार मामले पारलंबित हैं।

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