नागपुर, 20 दिसंबर: महाराष्ट्र के तटवर्ती इलाकें में इस महीने के पहले सप्ताह में आए विनाशकारी ओखी तूफान से प्रभावित किसानों एवं मछुआरों के लिए मुआवजे की घोषणा आज महाराष्ट्र सरकार ने विधान परिषद में की। राहत एवं पुनर्वास मंत्री चंद्रकांत पाटिल ने सदन में सरकार की ओर से इस बारे में जानकारी दी।
विधान पऱिषद में ओखी तूफान से प्रभावित किसानों एवं मछुआरों के लिए मुआवजे का मुद्दा सदस्य सुनील तटकरे की ओर से नियम 97 के तहत उठाया गया। इसके बाद इस मुद्दे पर सदन में चर्चा हुई। चर्चा का का जवाब देते हुए श्री पाटिल ने कहा कि 4 दिसंबर 2017 को ओखी तूफान ने कोंकण के अलावा नासिक में अनाज, सब्जियां, आम, काजू और अंगूर की फसल को बहुत ज्यादा नुकसान पहुंचाया। लगभग 300 हेक्टेयर पल्स फसल नष्ट हो गई। इसके अलावा ओखी तूफान से रत्नागिरी और सिंधुदुर्ग जिले में मछली पकड़े की नांव और जाल को काफी क्षति हुई। इतना ही नहीं तटवर्ती क्षेत्र में रहने वालों के घर भी क्षतिग्रस्त हो गए हैं।
राहत एवं पुनर्वास मंत्री ने आगे कहा कि सात दिसंबर को राज्य सरकार ने इस नुकसान के बदले तत्काल अनुदान का आदेश दिया है। संबंधित विभाग को ओखी तूफान से हुए नुकसान का पंचनाम करके आकलने करने का निर्देश दिया गया। यह भी कहा गया कि जिनका नुकसान हुआ है, उन्हें अधिकारियों द्वारा किए गए पंचनामे पर कोई शिकायत है, तो फैरन जिला कलेक्टर या प्रंतीय अधिकारी को सूचना दें।
श्री पाटिल ने आगे कहा कि ओखी तूफान से नाव को आंशिक क्षतिग्रस्त होने पर मरम्मत के लिए 4100 रुपए, पूरी तरह नष्ट नावों के लिए 9600 रुपए और इसी तरह मामूली क्षतिग्रस्त हुई मछली पकड़ने की जालों के लिए 2100 रुपए और पूरी तरह नष्ट हुई जालों के लिए 2600 रुपए का अनुदान दिया जाएगा। नुकसानग्रस्त सूखे क्षेत्र में प्रति हेक्टर 6200 रुपये, बागवानी फसल के लिए प्रति हेक्टर 13500 रुपये जबकि बहुवार्षिक फल देने वाली फसल के लिए प्रति हेक्टर 18000 रुपये की मदद दी जाएगी। घोषित किए गए मुआवजे के लिए केंद्र सरकार के राष्ट्रीय आपदा राहत निधि (एनडीआरएफ) से मिलने वाली मदद का इंतजार नहीं किया जाएगा, बल्कि प्रभावित लोगों को राज्य सरकार के निधि से मदद दी जाएगी।
श्री पाटील ने बताया कि ओखी तूफान के आने की खबर मिलते ही 3 और 4 दिसंबर को समुद्र तट के आसपास रहने वालों को चेतावनी दी गई थी। किसी तरह की जनहानि को रोकने के लिए यह संदेश समुद्र में गईं 2,606 नौकाऔं तक पहुंचाई गईं और सभी नौकाएं वापस आ गईं। केरल, तमिलनाडु, गोवा और कर्नाटक से 389 नौकाएं लहरों के साथ बहकर हमारे समुद्र तट तक आ गईं थीं। सरकार ने 2,885 नाविकों को खाने के लिए भोजन और वापस जाने के लिए किराए की व्यवस्था की। इसके लिए सरकार की ओर से 2 करोड़ का विशेष प्रावधान किया गया था। इस चर्चा में भाई गिरकर भाई, जयंत पाटिल श्रीमती हुस्न बानों खलीफा ने भाग लिया।
विधान पऱिषद में ओखी तूफान से प्रभावित किसानों एवं मछुआरों के लिए मुआवजे का मुद्दा सदस्य सुनील तटकरे की ओर से नियम 97 के तहत उठाया गया। इसके बाद इस मुद्दे पर सदन में चर्चा हुई। चर्चा का का जवाब देते हुए श्री पाटिल ने कहा कि 4 दिसंबर 2017 को ओखी तूफान ने कोंकण के अलावा नासिक में अनाज, सब्जियां, आम, काजू और अंगूर की फसल को बहुत ज्यादा नुकसान पहुंचाया। लगभग 300 हेक्टेयर पल्स फसल नष्ट हो गई। इसके अलावा ओखी तूफान से रत्नागिरी और सिंधुदुर्ग जिले में मछली पकड़े की नांव और जाल को काफी क्षति हुई। इतना ही नहीं तटवर्ती क्षेत्र में रहने वालों के घर भी क्षतिग्रस्त हो गए हैं।
राहत एवं पुनर्वास मंत्री ने आगे कहा कि सात दिसंबर को राज्य सरकार ने इस नुकसान के बदले तत्काल अनुदान का आदेश दिया है। संबंधित विभाग को ओखी तूफान से हुए नुकसान का पंचनाम करके आकलने करने का निर्देश दिया गया। यह भी कहा गया कि जिनका नुकसान हुआ है, उन्हें अधिकारियों द्वारा किए गए पंचनामे पर कोई शिकायत है, तो फैरन जिला कलेक्टर या प्रंतीय अधिकारी को सूचना दें।
श्री पाटिल ने आगे कहा कि ओखी तूफान से नाव को आंशिक क्षतिग्रस्त होने पर मरम्मत के लिए 4100 रुपए, पूरी तरह नष्ट नावों के लिए 9600 रुपए और इसी तरह मामूली क्षतिग्रस्त हुई मछली पकड़ने की जालों के लिए 2100 रुपए और पूरी तरह नष्ट हुई जालों के लिए 2600 रुपए का अनुदान दिया जाएगा। नुकसानग्रस्त सूखे क्षेत्र में प्रति हेक्टर 6200 रुपये, बागवानी फसल के लिए प्रति हेक्टर 13500 रुपये जबकि बहुवार्षिक फल देने वाली फसल के लिए प्रति हेक्टर 18000 रुपये की मदद दी जाएगी। घोषित किए गए मुआवजे के लिए केंद्र सरकार के राष्ट्रीय आपदा राहत निधि (एनडीआरएफ) से मिलने वाली मदद का इंतजार नहीं किया जाएगा, बल्कि प्रभावित लोगों को राज्य सरकार के निधि से मदद दी जाएगी।
श्री पाटील ने बताया कि ओखी तूफान के आने की खबर मिलते ही 3 और 4 दिसंबर को समुद्र तट के आसपास रहने वालों को चेतावनी दी गई थी। किसी तरह की जनहानि को रोकने के लिए यह संदेश समुद्र में गईं 2,606 नौकाऔं तक पहुंचाई गईं और सभी नौकाएं वापस आ गईं। केरल, तमिलनाडु, गोवा और कर्नाटक से 389 नौकाएं लहरों के साथ बहकर हमारे समुद्र तट तक आ गईं थीं। सरकार ने 2,885 नाविकों को खाने के लिए भोजन और वापस जाने के लिए किराए की व्यवस्था की। इसके लिए सरकार की ओर से 2 करोड़ का विशेष प्रावधान किया गया था। इस चर्चा में भाई गिरकर भाई, जयंत पाटिल श्रीमती हुस्न बानों खलीफा ने भाग लिया।
Post a Comment
Blogger Facebook