मुंबई, 6 दिसंबर 2017: रोपोसो-टीवी बाय द पीपल, भारत की अपनी पहली डिजिटल प्लेटफॉर्म, ने भारत के सबसे पसंदीदा सोशल मीडिया ऐप के रूप में उभरते हुए एक बड़ा कदम उठाया है। हाल ही में रोपोसो ने घोषणा की है कि यह ऐप अब हिंदी और 7 अन्य भारतीय भाषाओं में भी उपलब्ध है। अंग्रेजी में पहले से ही उपलब्ध होने के अलावा, यह अब हिंदी, मराठी, गुजराती, पंजाबी, बंगाली, तमिल, तेलुगू और कन्नड़ भाषाओं को भी शामिल करेगा। इस कदम के साथ, रोपोसो पूरी तरह से पूरे देश में विशेष रूप से टियर -2 और टियर -3 शहरों पर ध्यान केंद्रित करते हुए और भी अधिक उपयोगकर्ताओं के साथ जुड़ने की उम्मीद करता है। वर्तमान में ये भाषाएं सभी एंड्राइड उपयोगकर्ताओं के लिए उपलब्ध है और यह सुविधा आईओएस उपयोगकर्ताओं को जल्दी ही उपलब्ध होगी।
रोपोसो की अनूठी अवधारणा उपयोगकर्ताओं को एक आकर्षक और उपयोगकर्ता-अनुकूल तरीके से अपनी विविध कहानियों को स्ट्रीम करके कंटेंट को एक साथ बनाने और देखने की सुविधा देती है। रोपोसो ने सामुदायिक कार्यों को प्रोत्साहित करने के लिए इस ऐप को हिंदी में लॉन्च किया है। आठ क्षेत्रीय भाषाओं की शुरूआत के साथ ही, रोपोसो न केवल मेड इन इंडिया की छवि को बढ़ावा देता है, बल्कि यह देश के दूर के हिस्सों में बसे उपयोगकर्ताओं को भी एक स्थापित मंच पर खुद को अभिव्यक्त करने का अधिकार प्रदान करता है। अधिक भाषाओं की शुरूआत के साथ, रोपसो उपयोगकर्ता अपनी क्षेत्रीय भाषाओं के अनुवाद में खो जाने वाली आशंका के बिना अपने विचारों को साझा करने में सक्षम होंगे।
रोपोसो के सीईओ और सह-संस्थापक मयंक भंगडिया ने कहा, भारतीय भाषाओं को उनके सुखदायक स्वर, लय और अंतर्निहित भाव के लिए दुनिया भर में जाना जाता है। हम वास्तव में हमारी क्षेत्रीय भाषाओं पर गर्व करते हैं और कुछ ऐसे भाव हैं जिनकी मूल भावना पूरी तरह से किसी भी अन्य भाषा से नहीं हासिल की जा सकती। हम मानते हैं कि इस घोषणा के साथ, हमने देश के सभी कोनों से कहानियों के ढेर सारे रास्तों को खोला है। रोपोसो प्लेटफॉर्म पर हमारे अनूठे अनुभवों के साथ अपनी मातृ-भूमि की विभिन्न भाषाओं में साझा किया जाएगा और देश में हमारी समग्र लोकप्रियता को बढ़ावा देगा।
---------------------------------------------------------------------------------------------------------------------- Disclaimer हमे आप के इस न्यूज़ पोर्टल को बेहतर बनाने में सहायता करे और किसी खबर या अंश मे कोई गलती हो या सूचना / तथ्य मे कमी हो अथवा कोई कॉपीराइट आपत्ति हो तो वह ईमेल hindustankiaawaz.in@gmail.com भेज कर सूचित करे । साथ ही साथ पूरी जानकारी तथ्य के साथ दे । जिससे आलेख को सही किया जा सके या हटाया जा सके ।
रोपोसो की अनूठी अवधारणा उपयोगकर्ताओं को एक आकर्षक और उपयोगकर्ता-अनुकूल तरीके से अपनी विविध कहानियों को स्ट्रीम करके कंटेंट को एक साथ बनाने और देखने की सुविधा देती है। रोपोसो ने सामुदायिक कार्यों को प्रोत्साहित करने के लिए इस ऐप को हिंदी में लॉन्च किया है। आठ क्षेत्रीय भाषाओं की शुरूआत के साथ ही, रोपोसो न केवल मेड इन इंडिया की छवि को बढ़ावा देता है, बल्कि यह देश के दूर के हिस्सों में बसे उपयोगकर्ताओं को भी एक स्थापित मंच पर खुद को अभिव्यक्त करने का अधिकार प्रदान करता है। अधिक भाषाओं की शुरूआत के साथ, रोपसो उपयोगकर्ता अपनी क्षेत्रीय भाषाओं के अनुवाद में खो जाने वाली आशंका के बिना अपने विचारों को साझा करने में सक्षम होंगे।
रोपोसो के सीईओ और सह-संस्थापक मयंक भंगडिया ने कहा, भारतीय भाषाओं को उनके सुखदायक स्वर, लय और अंतर्निहित भाव के लिए दुनिया भर में जाना जाता है। हम वास्तव में हमारी क्षेत्रीय भाषाओं पर गर्व करते हैं और कुछ ऐसे भाव हैं जिनकी मूल भावना पूरी तरह से किसी भी अन्य भाषा से नहीं हासिल की जा सकती। हम मानते हैं कि इस घोषणा के साथ, हमने देश के सभी कोनों से कहानियों के ढेर सारे रास्तों को खोला है। रोपोसो प्लेटफॉर्म पर हमारे अनूठे अनुभवों के साथ अपनी मातृ-भूमि की विभिन्न भाषाओं में साझा किया जाएगा और देश में हमारी समग्र लोकप्रियता को बढ़ावा देगा।
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