राज्य में जलसंपदा विभाग की लिफ्ट सिंचाई योजना की नयी दर ग्रीष्म ऋतु में तय की जाएगी और इस पर शीघ्र ही अमल किया जाएगा । यह बात जलसंपदा राज्यमंत्री विजय शिवतारे ने आज विधानसभा में कही ।
इस संबंध में सदस्य अनिल बाबर ने ध्यानाकर्षण सूचना रखी थी जिसका उत्तर देते हुए राज्यमंत्री बोल रहे थे ।
श्री शिवतारे ने कहा कि सरकार की प्रचलित नीति के अनुसार लिफ्ट सिंचाई योजना के बिजली बिल की रकम उस क्षेत्र के प्रमाण से जो लाभान्वित हैं उन से वसूल किया जाना अपेक्षित है । बिल की रकम समय से जमा नहीं की जाती जिसके चलते अनेक सिंचाई योजना बंद हैं ।
राज्य में जलसंपदा विभाग के पास 155 लिफ्ट सिंचाई योजना व इकाइयाँ हैं उनमें से 48 लिफ्ट सिंचाई योजना अंशतः कार्यान्वित हैं ; 94 योजनाओं का निर्माण हो रहा है । शेष 13 योजनाओं का कार्य अभी शुरू नहीं हुआ है । इन 155 लिफ्ट सिंचाई योजनाओं की कीमत 84 हजार 557 करोड़ रुपये है । मार्च के अंत में इन पर करीब 17 हजार 864 करोड़ रुपये खर्च हुआ है । इस योजना का कुल सिंचाई क्षेत्र 10 लाख 69 हजार 22 हेक्टर है । जून 2017 के आखिर में 2 लाख 93 हजार 878 हेक्टर सिंचाई क्षेत्र का निर्माण हुआ है ।
वर्तमान में प्रचलित दर 29 जून 2011 के सरकार के निर्णय के अनुरूप मंजूर हई है । इसमें औद्योगिक , घर और कृषि सिंचाई के इस्तेमाल के लिए घन मापन पद्धति से दिये गये पानी की थोक दर महाराष्ट्र जल संपत्ति नियमन प्राधिकरण के दि. 30 मई 2011 के आदेश के अनुसार मंजूर की गई है । राज्य में सभी निजी लिफ्ट सिंचाई योजनाओं की क्षेत्र आधारित दर एक जैसी है ।
सरकारी मालिकी की लिफ्ट सिंचाई योजना के लिए ऊर्जा के आकार के साथ योजना के अनुसार जल की दर निश्चित करने की पद्धति महाराष्ट्र जलसंपदा नियम प्राधिकरण ने निश्चित की हैं । इसके अनुसार लिफ्ट सिंचाई योजना पर होने वाला प्रत्यक्ष बिजली का उपयोग व सिंचाई किये जाने वाले क्षेत्र के आधार पर प्रति हेक्टर बिजली बिल निश्चित किया जाता है । यह प्रत्येक योजना के लिए भिन्न होता है । सरकारी लिफ्ट सिंचाई योजना में पानी की दर , बिजली की दर 20 फीसदी स्थानीय उपकर इस प्रकार एकत्रित पानी की दर लगाई जाती है ।
वर्तमान स्थिति महाराष्ट्र जलसंपदा प्राधिकरण से प्राप्त जलदर प्रशुल्क मापदंड के संयोग से वर्ष 2017-19 के लिए थोक जल प्रशुल्क प्रस्ताव तैयार कर सरकार के पास भेजा गया है ।
इस चर्चा में सदस्य गणपतराव देशमुख, संग्राम थोपटे , अनिल पवार , भारत भालके आदि ने भाग लिया/
इस संबंध में सदस्य अनिल बाबर ने ध्यानाकर्षण सूचना रखी थी जिसका उत्तर देते हुए राज्यमंत्री बोल रहे थे ।
श्री शिवतारे ने कहा कि सरकार की प्रचलित नीति के अनुसार लिफ्ट सिंचाई योजना के बिजली बिल की रकम उस क्षेत्र के प्रमाण से जो लाभान्वित हैं उन से वसूल किया जाना अपेक्षित है । बिल की रकम समय से जमा नहीं की जाती जिसके चलते अनेक सिंचाई योजना बंद हैं ।
राज्य में जलसंपदा विभाग के पास 155 लिफ्ट सिंचाई योजना व इकाइयाँ हैं उनमें से 48 लिफ्ट सिंचाई योजना अंशतः कार्यान्वित हैं ; 94 योजनाओं का निर्माण हो रहा है । शेष 13 योजनाओं का कार्य अभी शुरू नहीं हुआ है । इन 155 लिफ्ट सिंचाई योजनाओं की कीमत 84 हजार 557 करोड़ रुपये है । मार्च के अंत में इन पर करीब 17 हजार 864 करोड़ रुपये खर्च हुआ है । इस योजना का कुल सिंचाई क्षेत्र 10 लाख 69 हजार 22 हेक्टर है । जून 2017 के आखिर में 2 लाख 93 हजार 878 हेक्टर सिंचाई क्षेत्र का निर्माण हुआ है ।
वर्तमान में प्रचलित दर 29 जून 2011 के सरकार के निर्णय के अनुरूप मंजूर हई है । इसमें औद्योगिक , घर और कृषि सिंचाई के इस्तेमाल के लिए घन मापन पद्धति से दिये गये पानी की थोक दर महाराष्ट्र जल संपत्ति नियमन प्राधिकरण के दि. 30 मई 2011 के आदेश के अनुसार मंजूर की गई है । राज्य में सभी निजी लिफ्ट सिंचाई योजनाओं की क्षेत्र आधारित दर एक जैसी है ।
सरकारी मालिकी की लिफ्ट सिंचाई योजना के लिए ऊर्जा के आकार के साथ योजना के अनुसार जल की दर निश्चित करने की पद्धति महाराष्ट्र जलसंपदा नियम प्राधिकरण ने निश्चित की हैं । इसके अनुसार लिफ्ट सिंचाई योजना पर होने वाला प्रत्यक्ष बिजली का उपयोग व सिंचाई किये जाने वाले क्षेत्र के आधार पर प्रति हेक्टर बिजली बिल निश्चित किया जाता है । यह प्रत्येक योजना के लिए भिन्न होता है । सरकारी लिफ्ट सिंचाई योजना में पानी की दर , बिजली की दर 20 फीसदी स्थानीय उपकर इस प्रकार एकत्रित पानी की दर लगाई जाती है ।
वर्तमान स्थिति महाराष्ट्र जलसंपदा प्राधिकरण से प्राप्त जलदर प्रशुल्क मापदंड के संयोग से वर्ष 2017-19 के लिए थोक जल प्रशुल्क प्रस्ताव तैयार कर सरकार के पास भेजा गया है ।
इस चर्चा में सदस्य गणपतराव देशमुख, संग्राम थोपटे , अनिल पवार , भारत भालके आदि ने भाग लिया/
Post a Comment
Blogger Facebook