उन्नाव, हिंदुस्तान की आवाज़ , मोहित मिश्रा
उन्नाव. कलेक्ट्रेट के निकट चल रहे आंगनबाड़ी कार्यकत्रियों का धरना प्रदर्शन आगामी 8 जनवरी तक के लिए स्थगित कर दिया गया है। इस दौरान शीतकालीन अवकाश होने के कारण हाईकोर्ट बंद है। हाईकोर्ट का पूर्व निर्णय आंगनवाड़ी कार्यकत्रियों के पक्ष में जाता है। जिसमें हाईकोर्ट ने आदेश दिया है कि आंगनवाड़ी महिला कर्मचारियों के मामले की सुनवाई विशेष बेंच मैं होगी। दूसरी तरफ विधायकों द्वारा आंगनबाड़ी कार्यकत्रियों का धरना प्रदर्शन का मामला विधानसभा में उठाए जाने के बाद उप मुख्यमंत्री दिनेश शर्मा को बयान देना पड़ा था। जो कलमबंद हड़ताल के स्थगित होने का मुख्य कारण है। कलेक्ट्रेट के बगल में चल रहे धरना प्रदर्शन में महिला वक्ताओं ने कहा कि यदि आशा अनुरूप निर्णय नहीं आता है तो 9 जनवरी से फिर हड़ताल हो सकती है।
8 जनवरी तक के लिए स्थगित किया गया धरना प्रदर्शन
महिला आंगनबाड़ी कर्मचारी संघ उत्तर प्रदेश द्वारा विगत 60 दिनों से चली आ रही हड़ताल आज से समाप्त करने की घोषणा की गई। प्रदेश की आंगनवाड़ी कार्यकत्रियों की कलमबंद हड़ताल को आगामी 8 जनवरी 2018 तक के लिए स्थगित की गई है। महिला आंगनबाड़ी कर्मचारी संघ उत्तर प्रदेश केंद्रीय नेतृत्व द्वारा लिए गए निर्णय के विषय में जानकारी देते हुए सुधा अवस्थी ने बताया कि विधानसभा व विधान परिषद के सदस्यों ने भी महिला आंगनवाड़ी कार्यकर्ताओं के दुख सुख को सदन में उठाया गया है। उन्होंने कहा कि विशेष रूप से सीतापुर के विधायक महेंद्र प्रताप सिंह, शाहजहांपुर विधायक उज्जवल रमण सिंह, विधान परिषद सदस्य दिनेश सिंह ने आंगनवाड़ी कार्यकर्ताओं की मांगों को सदन पटल पर रखा है। उन्होंने बताया कि संसद सदस्य भैरव प्रसाद मिश्र ने आंगनबाड़ी कार्यकत्रियों का मामला संसद में उठाया है। जिस पर केंद्रीय मंत्री द्वारा संसद को बताया गया कि अब राज्य सरकार को हॉट कुक्ड मील, नाश्ता व अन्य भोजन देने की जानकारी दी है।
धरना प्रदर्शन के दौरान आंगनबाड़ी कार्यकत्रियों को मिली तमाम प्रकार की धमकियां
उन्होंने कहा कि 60 दिनों की बदस्तूर लड़ाई राज़्य सरकार के वादाखिलाफी के खिलाफ सफलतापूर्वक चलाई गई। इस दौरान आंगनबाड़ी कार्यकत्रियों व सहायकों को अनेक धमकियां मिली। सीतापुर कि कार्यकत्री के खिलाफ में राष्ट्रीय सुरक्षा अधिनियम की आम आदमी धाराएं लगाई गई। फिर भी प्रदेश की लाखों कार्यकत्रियों ने धैर्य नहीं खोया और संविधान के तहत प्राप्त अधिकारियों का प्रयोग करते हुये धरना प्रदर्शन को ऐतिहासिक व शांतिपूर्वक चलाया गया। उन्होंने कहा कि उत्पादन आयुक्त की अध्यक्षता में समिति का गठन होगा| ||
उन्नाव. कलेक्ट्रेट के निकट चल रहे आंगनबाड़ी कार्यकत्रियों का धरना प्रदर्शन आगामी 8 जनवरी तक के लिए स्थगित कर दिया गया है। इस दौरान शीतकालीन अवकाश होने के कारण हाईकोर्ट बंद है। हाईकोर्ट का पूर्व निर्णय आंगनवाड़ी कार्यकत्रियों के पक्ष में जाता है। जिसमें हाईकोर्ट ने आदेश दिया है कि आंगनवाड़ी महिला कर्मचारियों के मामले की सुनवाई विशेष बेंच मैं होगी। दूसरी तरफ विधायकों द्वारा आंगनबाड़ी कार्यकत्रियों का धरना प्रदर्शन का मामला विधानसभा में उठाए जाने के बाद उप मुख्यमंत्री दिनेश शर्मा को बयान देना पड़ा था। जो कलमबंद हड़ताल के स्थगित होने का मुख्य कारण है। कलेक्ट्रेट के बगल में चल रहे धरना प्रदर्शन में महिला वक्ताओं ने कहा कि यदि आशा अनुरूप निर्णय नहीं आता है तो 9 जनवरी से फिर हड़ताल हो सकती है।
8 जनवरी तक के लिए स्थगित किया गया धरना प्रदर्शन
महिला आंगनबाड़ी कर्मचारी संघ उत्तर प्रदेश द्वारा विगत 60 दिनों से चली आ रही हड़ताल आज से समाप्त करने की घोषणा की गई। प्रदेश की आंगनवाड़ी कार्यकत्रियों की कलमबंद हड़ताल को आगामी 8 जनवरी 2018 तक के लिए स्थगित की गई है। महिला आंगनबाड़ी कर्मचारी संघ उत्तर प्रदेश केंद्रीय नेतृत्व द्वारा लिए गए निर्णय के विषय में जानकारी देते हुए सुधा अवस्थी ने बताया कि विधानसभा व विधान परिषद के सदस्यों ने भी महिला आंगनवाड़ी कार्यकर्ताओं के दुख सुख को सदन में उठाया गया है। उन्होंने कहा कि विशेष रूप से सीतापुर के विधायक महेंद्र प्रताप सिंह, शाहजहांपुर विधायक उज्जवल रमण सिंह, विधान परिषद सदस्य दिनेश सिंह ने आंगनवाड़ी कार्यकर्ताओं की मांगों को सदन पटल पर रखा है। उन्होंने बताया कि संसद सदस्य भैरव प्रसाद मिश्र ने आंगनबाड़ी कार्यकत्रियों का मामला संसद में उठाया है। जिस पर केंद्रीय मंत्री द्वारा संसद को बताया गया कि अब राज्य सरकार को हॉट कुक्ड मील, नाश्ता व अन्य भोजन देने की जानकारी दी है।
धरना प्रदर्शन के दौरान आंगनबाड़ी कार्यकत्रियों को मिली तमाम प्रकार की धमकियां
उन्होंने कहा कि 60 दिनों की बदस्तूर लड़ाई राज़्य सरकार के वादाखिलाफी के खिलाफ सफलतापूर्वक चलाई गई। इस दौरान आंगनबाड़ी कार्यकत्रियों व सहायकों को अनेक धमकियां मिली। सीतापुर कि कार्यकत्री के खिलाफ में राष्ट्रीय सुरक्षा अधिनियम की आम आदमी धाराएं लगाई गई। फिर भी प्रदेश की लाखों कार्यकत्रियों ने धैर्य नहीं खोया और संविधान के तहत प्राप्त अधिकारियों का प्रयोग करते हुये धरना प्रदर्शन को ऐतिहासिक व शांतिपूर्वक चलाया गया। उन्होंने कहा कि उत्पादन आयुक्त की अध्यक्षता में समिति का गठन होगा| ||
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