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प्रतापगड, हिंदुस्तान की आवाज़, प्रमोद श्रीवास्तव

प्रतापगढ-साल के आखिरी दिनों में भी चोरों ने कलेक्ट्रेट मे घुसकर खजाने में डाका डाला।अभेद सुरछा होती है वहां से ताला तोड़ व काटकर डीएम के खजाने को चोर खंगाल ले गए। कचहरी स्थित उपनिबंधक कार्यालय से 2.33 लाख रुपये व लैपटाप समेटकर चोर भागने में कामयाब रहे। मौके पर पहुंची पुलिस छानबीन करने के बाद कर्मचारियों से पूछताछ कर रही है। कोतवाली पुलिस ने मुकदमा दर्ज कर लिया।
कचहरी में उप निबंधक कार्यालय स्थित है। शुक्रवार की शाम कार्यालय बंद कर कर्मचारी अपने घरों को गए थे। शनिवार की सुबह कर्मचारी सजनलाल और लिपिक लवकुश कार्यालय पहुंचे तो दंग रह गए। देखा तो कार्यालय के मेन गेट की कुंडी आरी से काटी गई है। उसे तिरछा कर ताला निकाला गया। भीतर के दो दरवाजे का ताला टूटा हुआ था। भीतर देखा तो लैपटाप गायब था और तिजोरी से 2 लाख 33 हजार 200 रुपये गायब थे। जो शुक्रवार को हुए बैनामे के बाद फीस के रूप में मिले थे। चोरी की खबर मिलने पर उपनिबंधक यादवेंद्र द्विवेदी भागकर पहुंचे। घटना की जानकारी मिलने पर पहुंचे शहर कोतवाल व सीओ सिटी राम आशीष यादव भी पहुंच गए। कर्मचारियों से रुपये रखने की जानकारी लेने के साथ ही ताला बंद करने वाले कर्मी से पूछताछ करने लगे। सब रजिस्ट्रार कार्यालय में चोरी के चलते अधिवक्ताओं की भारी भीड़ जमा हो गई थी। इस मामले में पुलिस ने उप निबंधक यावेंद्र द्विवेदी की तहरीर पर मुकदमा दर्ज कर लिया। जिसमे उन्होंने बताया है कि चोर तीन ताला तोड़कर 2.33 लाख 2 सौ रुपये और लैपटाप चुरा ले गए। चोरों ने अभिलेखों से कोई छेड़छाड़ नहीं की है। घटना को कोतवाली पुलिस संदिग्ध मानती रही। संदिग्ध कर्मचारियों को पुलिस लाइन ले जाया गया। जहां सीओ सिटी की मौजूदगी में पुलिस दो कर्मचारियों ने पूछताछ कर रही है। खबर भेजे जाने तक पुलिस को कर्मचारियों से कोई सुराग नहीं मिल सका।
वहीं उप निबंधक कार्यालय में चोरी की खबर मिलते ही प्रशासनिक अमले में हड़कंप मच गया। डीएम शंभु कुमार और अपर जिलाधिकारी सोमदत्त मौर्य ने घटनास्थल का निरीक्षण किया। डीएम  ने उप निबंधक सदर यादवेंद्र से जानकारी लेने के बाद लापरवाही बरतने पर नाराजगी जताई। कहाकि यदि उनके घर में रुपये रखे जाते हैं। तो उनकी सुरक्षा वे लोग कैसे करते हैं। डीएम का यह सवाल सुन कर्मचारी से लेकर अफसर तक जवाब नहीं दे सके। उप निबंधक सदर ने बताया कि चूंकि रुपये बैंक में जमा नहीं हो पाते थे। इसलिए दूसरे दिन रुपये बैंक में जमा होते थे।
सुरक्षाकर्मियों को भी नहीं लगी भनक ः कलेक्ट्रेट में रात की रखवाली करने के लिए चौकीदारों संग होमगार्ड के जवान तैनात रहते हैं। कोषागार कार्यालय पर पुलिसकर्मियों की गार्द सुरक्षा के लिए मुस्तैद रहती है। सुरक्षा में लगे सुरक्षा कर्मियों को चोरी

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