नागपुर, 15 दिसंबर: संसदीय प्रशिक्षण केंद्र के निदेशक नीलेश मदाने ने आज यहां कहा कि राज्य सरकार के अच्छे कामों की विरोधियों द्वारा प्रशंसा, तो विरोधियों के अच्छे सुझावों को स्वीकार करके विपक्ष की प्रशंसा करना, साथ ही राज्य के हितों के प्रति सत्तारूढ़ और विपक्ष पार्टी एक साथ मिलकर राज्य के हित के लिए काम करें, यही लोकतंत्र की ताकत है।
महाराष्ट्र राष्ट्रकुल संसदीय मंडल की ओर से आयोजित संसदीय अध्ययन पाठ्यक्रम में श्री मदाने ‘भारतीय लोकतंत्र का सफल विकास’ विषय पर बोल रहे थे।
श्री मदाने ने कहा कि संसदीय लोकतंत्र में सत्तारूढ़ पार्टी और विरोधी पार्टी में मतभेद हो सकते हैं। परंतु उनका विरोध व्यक्तिगत ना होकर किसी नीति या विचार को लेकर होता है। श्री मदाने ने आगे कहा कि राज्य के हित के लिए सरकार के सामने अपनी मांगें रखने के लिए सत्तारूढ़ और विपक्षी पार्टी एक साथ आगे आती है। उन्होंने यह भी कहा कि लोकतंत्र के विकास क्रम में अब तक जिस तरह सत्तारूढ़ पार्टी विपक्षी पार्टी के कार्य मे सहयोग दिया है, वह ऐतिहासिक है। उसी तरह विपक्षी पार्टियों ने भी सरकार या शासक दल के नेताओं का हमेशा सम्मान किया है। विरोधियों का सम्मान करना लोकतंत्र की ताकत है।
श्री मदाने ने कहा कि विपक्षी दलों ने भी 'रोजगार गारंटी योजना' को शुरू करने के लिए सकारात्मक कदम उठाए हैं। विरोधियों के सुझावों को स्वीकार कर सरकार ने यह योजना शुरू की थी। सूखे की स्थिति में रोजगार प्रदान करने में यह योजना उपयोगी साबित हुई है। बाद में, यही योजना राष्ट्रीय स्तर पर लागू की गई। इसके अलावा महाराष्ट्र विधान मंडल द्वारा लिए गये और भी कई निर्णयों को राष्ट्र स्तर पर स्वीकारा गया है। स्वतंत्रता से लेकर आज तक देश की सत्तारूढ़ पार्टियों का सविस्तार विवेचन करके देश की राजनीतिक घटनाओं की जानकारी श्री मदाने ने दी।
कार्यक्रम की शुरुआत में उपसचिव सुनील झोरे ने वक्ता के परिचय में कुछ शब्द कहे।
---------------------------------------------------------------------------------------------------------------------- Disclaimer हमे आप के इस न्यूज़ पोर्टल को बेहतर बनाने में सहायता करे और किसी खबर या अंश मे कोई गलती हो या सूचना / तथ्य मे कमी हो अथवा कोई कॉपीराइट आपत्ति हो तो वह ईमेल hindustankiaawaz.in@gmail.com भेज कर सूचित करे । साथ ही साथ पूरी जानकारी तथ्य के साथ दे । जिससे आलेख को सही किया जा सके या हटाया जा सके ।
महाराष्ट्र राष्ट्रकुल संसदीय मंडल की ओर से आयोजित संसदीय अध्ययन पाठ्यक्रम में श्री मदाने ‘भारतीय लोकतंत्र का सफल विकास’ विषय पर बोल रहे थे।
श्री मदाने ने कहा कि संसदीय लोकतंत्र में सत्तारूढ़ पार्टी और विरोधी पार्टी में मतभेद हो सकते हैं। परंतु उनका विरोध व्यक्तिगत ना होकर किसी नीति या विचार को लेकर होता है। श्री मदाने ने आगे कहा कि राज्य के हित के लिए सरकार के सामने अपनी मांगें रखने के लिए सत्तारूढ़ और विपक्षी पार्टी एक साथ आगे आती है। उन्होंने यह भी कहा कि लोकतंत्र के विकास क्रम में अब तक जिस तरह सत्तारूढ़ पार्टी विपक्षी पार्टी के कार्य मे सहयोग दिया है, वह ऐतिहासिक है। उसी तरह विपक्षी पार्टियों ने भी सरकार या शासक दल के नेताओं का हमेशा सम्मान किया है। विरोधियों का सम्मान करना लोकतंत्र की ताकत है।
श्री मदाने ने कहा कि विपक्षी दलों ने भी 'रोजगार गारंटी योजना' को शुरू करने के लिए सकारात्मक कदम उठाए हैं। विरोधियों के सुझावों को स्वीकार कर सरकार ने यह योजना शुरू की थी। सूखे की स्थिति में रोजगार प्रदान करने में यह योजना उपयोगी साबित हुई है। बाद में, यही योजना राष्ट्रीय स्तर पर लागू की गई। इसके अलावा महाराष्ट्र विधान मंडल द्वारा लिए गये और भी कई निर्णयों को राष्ट्र स्तर पर स्वीकारा गया है। स्वतंत्रता से लेकर आज तक देश की सत्तारूढ़ पार्टियों का सविस्तार विवेचन करके देश की राजनीतिक घटनाओं की जानकारी श्री मदाने ने दी।
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